रजिस्टे्रशन कार्ड के नाम पर जारी है लूट-खसोट, फर्जी रसीदें बनी परेशानी

शिवपुरी। जिले में व्यवस्थाओं का ढर्रा पटरी से उतर चुका है। प्रशासन पूरे जिले भर में फैली अराजकता पर लेशमात्र भी गौर नहीं कर रहा है। जिला परिवहन कार्यालय में अव्यवस्थाओं का ऐसा अंबार लगा हुआ है कि यहां आए दिन कोई न कोई धमाल मचा रहता है। स्थिति यहां तक बन गई है कि आरटीओ कार्यालय में खुलेआम दलाल लायसेंस बनवाने से लेकर रजिस्टे्रशन कार्ड निकलवाने तक में अवैध बसूली करने में लगे हुए हैं।

अभी विगत माह की 8 अगस्त को हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगाने वाली कंपनी एचएसआरपी के लिंक उत्सव ऑटो सिस्टम प्रा. लि. द्वारा वाहन मालिकों की फर्जी रसीदें काटकर उपभोक्ताओं से लाखों रूपये की ठगी कर भाग निकले। कंपनी के भागते ही आरटीओ कार्यालय पर पीडि़तों ने जमकर धमाल मचाया और आरटीओ के वाहन को घेर लिया। इस हंगामे को देख आरटीओ भाग निकले। यह मामला थमा नहीं कि गत दिवस एचएसआरपी हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट के कार्यालय पर वहां मौजूद दलालों ने कंपनी द्वारा थमाईं फर्जी रसीदों के बाद नंबर प्लेटें न लगाए जाने से नाराज नागरिकों ने हंगामा खड़ा कर दिया।

पोहरी ग्राम ग्वालीपुरा के रहने वाले हाकिम सिंह धाकड़ और संजय धाकड़ ने बताया कि उनका वाहन क्रमांक एमपी 33 एमएच 1266 और एमपी 33 एमजी 8210 है और उन्होंने तीन माह पहले कंपनी से 111 रूपये की रसीदें कटाईं। इसके बाद उन्हें तीन बार नंबर प्लेट लगाने के लिए तारीख दी जा चुकी हैं, लेकिन कंपनी के कर्ताधर्ताओं ने निर्धारित समय पर प्लेट नहीं लगाई। इसके बाद कंपनी के कार्यालय में ताला लगाकर कर्ताधर्ता भाग खड़े हुए। इसके बाद से ही वह नंबर प्लट लगाने के लिए चक्कर लगा रहे हैं। प्लेट न लगने के कारण उनका रजिस्ट्रेशन कार्ड भी आज तक नहीं मिला।

पिछले तीन महीने से लगातार चक्कर लगाने के बाद एसएचआरपी में बैठे एक युवक ने जब उनसे रजिस्ट्रेशन आज ही निकलवाने के नाम पर 300 रूपये की मांग की और कहा कि तुम्हे बगैर नंबर प्लेट लगाए रजिस्टे्रशन कार्ड मिल जाएगा। यह फीस इसी की है। जब वह मांगे हुए रूपये देने के लिए तैयार हो गया और रसीद की मांग की तो उक्त युवक का कहना था कि यह 300 रूपये की रसीद नहीं मिलती है। आरटीओ कार्यालय में आरटीओ से लेकर बाबुओं तक को 250 रूपये बटते हैं और 50 रूपये मेरा मेहनताना रहता है। इस बात से नाराज होकर उक्त पीडि़तों ने हंगामा खड़ा कर दिया।

 हंगामा होता देख वहां मौजूद अन्य पीडि़त भी एकत्रित हो गए और हंगामा बढ़ता चला गया। जैसे ही हंगामे की जानकारी मीडियाकर्मियों को लगी तो वे भी मौके पर पहुंच गए। पीडि़त लोगों का कहना था कि वह पिछले काफी समय से रजिस्टे्रशन कार्ड और प्लेटों के लिए कार्यालय में चक्कर लगा रहे हैं, लेकिन उनकी सुनने वाला कोई नहीं है। आरटीओ कार्यालय में आरटीओ नहीं बैठते हैं और पूरा कार्यालय दलालों के हवाले है और ये दलाल लोगों को लूटने में लगे हुए हैं। समस्या गंभीर देख मीडियाकर्मियों ने कलेक्टर आरके जैन को इस हंगामे की सूचना दे दी। जिस पर ेश्री जैन ने आरटीओ लालाराम आर्य को कलेक्ट्रेट कार्यालय में आने के लिए तलब किया।

कमिश्रर के निर्देश हवा में, दलालों की सक्रियता ने बढ़ाई दुश्वारियां 

आरटीओ कार्यालय में भ्रष्टाचार और दलालों की दखलंदाजी की शिकायतों के बाद 17 जुलाई को कमिश्रर संजय चौधरी के निरीक्षण के बाद कार्यालय में हड़कंपपूर्ण स्थिति निर्मित हो गई और कमिश्रर के तेवर इतने सख्त थे कि उन्होंने आरटीओ को करारी फटकार भी लगाई। साथ ही आरटीओ लालाराम आर्य को निर्देशित भी किया था कि कार्यालय में दलालों की धमाचक्क को शीघ्र ही बंद किया जाए। साथ ही कमिश्रर संजय चौधरी ने लायसेंस बनवाने और नंबर प्लेट लगवाने आए लोगों की समस्याएं भी सुनी थीं और आरटीओ को निर्देश दिए थे कि नंबर प्लेट वाहन ऐजेंसियों पर ही लगाई जाएं। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के आदेश का भी हवाला दिया था, लेकिन निरीक्षण के डेढ़ माह बीत जाने के बाद भी आरटीओ कार्यालय में उनके निर्देशों की अव्हेलना की जा रही है। न तो नंबर प्लेट वाहन ऐजेंसियों पर लगाई जा रही हैं और न ही दलालों की दखलंदाजी को रोका जा रहा है। वहीं दलालों द्वारा लोगों को रजिस्टे्रशन कार्ड दिलवाने सहित परमिट, लायसेंस आदि के नाम पर अवैध बसूली कर लूटा जा रहा है। इसके बावजूद भी आज तक आरटीओ कार्यालय में दलाल प्रथा समाप्त नहीं हुई है।