यशोधरा के खिलाफ कांग्रेस से उतर सकते हैं संजय बेचैन

शिवपुरी। देखा जाए तो अधिकांशत: संभावना है कि आने वाले विधानसभा चुनावों में एक बार फिर से शिवपुरी से भाजपा प्रत्याशी के रूप में सांसद यशोधरा राजे सिंधिया मैदान में होगी और इसकी प्रबल संभावनाऐं इसलिए भी है क्योंकि इन दिनों क्षेत्र में यशोधरा के बढ़ते कदम सभी भाजपाईयों को यह संदेश दे रहे है कि वह शिवपुरी से चुनाव लडऩे की इच्छुक हैं।

अगर ऐसा हुआ तो कांग्रेस से टिकिट मांगने वालो में वीरेन्द्र रघुवंशी को छोड़ सब मैदान छोड़ भाग जायेगें। रघुंवशी को फिर कोलारस चुनाव लडऩे भेजा जा सकता है। क्योकि बसपा चन्द्र भान सिंह यादव को टिकिट मिलने रामसिंह यादव का समीकरण गड़वड़ा गये है। ऐसी स्थिती में कांग्रेस के पास क्या विकल्प है, यही मंथन कांग्रेस के बड़े नेताओ के बीच चल रहा है। कांग्रेस के लिए एक-एक सीट कीमती है, अगर यशोधरा राजे शिवपुरी विधान सभा क्षेत्र से चुनाव लड़ती है तो कांग्रेस की ओर से दमदार प्रत्याशी सहरिया विचार क्राति अंदोलन के जनक वरिष्ठ पत्रकार संजय बैचेन हो सकते है।

यह बात भी रह-रहकर इसलिए सामने आ रही है क्योंकि संजय बेचैन ने जिस प्रकार से जो छवि आदिवासियों के बीच बनाई है आज उसका परिणाम भी देखने को मिल रहा है जहां आदिवासियों की जीवन शैली में आया बदलाव यह प्रतीत कराता है बताया गया है कि अब आदिवासी भी अपने मताधिकार का प्रयोग करें तो संभव है कि उनका झुकाव संजय बेचैन की ओर होगा।


अपने समाचार पत्र के माध्यम से जनसेवी और समाजसेवी कार्यों के अलावा जननेता के रूप में उभरने वाले संजय बेचैन की मांग यूं तो रह-रहकर चुपके से सामने आ रही है लेकिन इसकी विधिवत घोषणा होना बाकी है। अभी 5 अगस्त को सहरिया क्रांति को एक वर्ष पुरे होने पर शहर ने जो नजारा सहरिया रैली का देखा था, उसे ही सही अर्थो में समाज सेवा कहते है। पहली बार आदिवासी बिना किसी लालच के रैली में आये।

अब यह तो देखने काबिल होगा कि संजय बेचैन क्या वास्तव में चुनावी मैदान में उतरेंगें, हालांकि अभी भाजपा ने भी यशोधरा राजे के नाम का फायनल नहीं किया लेकिन संभावना व्यक्त की जा रही है कि अगर शिवपुरी से मैदान में यशोधरा राजे हुई तो संभव है कि कांग्रेस की ओर से वीरेन्द्र रघुवंशी को छोड़ संजय बेचैन को मैदान में उतारा जाए।


और यह संभावना इस कारण भी प्रबल हो रही कि शिवराज जी विजयी अभियान को रोकने के लिए कांग्रेस फूक-फूक कर कदम रख रही है ये समीकरण जबसे बिगडै है जब से बसपा का टिकिट चन्द्रभान सिंह यादव को मिल गया है ये टिकिट भाजपा ने ही मैनेज करवाया है, जिससे दो यादवो के समीकरण से भाजपा चुनाव आसानी से जीत जाए क्यो कि पिछला चुनाव भाजना मात्र 300 भी कम मतो से चुनाव जीती थी इस कारण कांग्रेस रामसिंह यादव के स्थान पर वीरेन्द्र रघुवंशी का मैदान में उतार दे।

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