गौचर की भूमि पर अतिक्रमण जारी

शिवपुरी-देखा जाए तो सरेआम अतिक्रमण पर जहां जिला प्रशासन का ध्यान नहीं है तो वहीं दूसरी ओर अब गौचर की भूमि पर अतिक्रमण किया जाने लगा है जिससे ना केवल गाय को मिलने वाले आहार में परेशानी आएगी वरन यहां अतिक्रमण होने से गौचर की भूमि पर शीघ्र ही भवन भी तान दिए जाऐंगें।
यह नजीर देखी जा सकती है कि वार्ड क्रमांक 01 ठकुरपुरा में जहां बस्ती के पीछे गौचर की शासकीय भूमि पर अतिक्रमण किया जाने लगा है। जगह-जगह पड़े खण्डें और लाल मुरम से भरी जाने वाली ट्रॉलियों द्वारा यहां जंगलों को साफ कर साफ-सपाट मैदान बनाया जा रहा है। इस संबंध में जिला प्रशासन से शीघ्र कार्यवाही की गुहार लगाई गई है अब देखना होगा कि जिला प्रशासन इस मामले में क्या कार्यवाही करता है हालांकि अभी तक पूर्व में की गई शिकायतों व मामला संज्ञान में आने के बाद भी कोई कार्यवाही ना होना कहीं ना कहीं वन विभाग की मिलीभगत भी उजागर करता है। 

बीते लंबे समय से ठकुरपुरा के पीछे स्थित खाली पड़ी शासकीय भूमि पर इन दिनों अतिक्रमणकारियों और भूमि विक्रेताओं की टेढ़ी नजर है। जिसके चलते यहां गौचर की यह भूमि अब लेन-देन का सौदा साबित हो रही है। वन विभाग के निष्क्रिय रवैये के कारण यहां आसपास के कई लोग अपने खण्डे और बाउण्ड्री बनाकर अपना स्थायित्व बताते है जब कोई इनका विरोध करता है तो यहां विवाद व मारपीट की नौबत तक आ जाती है। 

कई बार तो यहां सूत्रों द्वारा बताया गया है कि गौचर के लिए आने वाली गायों की भी अवैध तस्करी की जाती है कई बार लोगों ने इस मामले में इन तस्करों को पकड़ा और वह मौका देखकर भाग निकले। इन सब घटनाओं के बाबजूद भी यहां शासकीय भूमि पर अवैध कब्जे होकर यहां शासकीय वन भूमि पर कब्जे जारी है जिसे रोकना स त आवश्यक है। ठकुरपुरा के वाशिंदों ने जिला प्रशासन से इस ओर शीघ्र कार्यवाही की मांग कर इस गौचर भूमि को अतिक्रमणकारियों से मुक्ति दिलाने की मांग की है ताकि उनके पशु इस वन भूमि पर उगने वाली घास व चारा ग्रहण कर अपना आहार ले सके। 

यदि समय रहते यहां ऐसा नहीं किया गया तो यहां पूरी गौचर की भूमि पर अवैध ावन तन जाऐंगें। सूत्रों द्वारा तो यहां तक भी बताया गया है कि यहां वर्षो पुराने शमशान की भूमि पर भी कुछ कतिपय तत्व अपना अधिकार बताकर यहां जमीन का क्रय-विक्रय का अवैध कारोबार करने से भी बाज नहीं आ रहे है। ऐसे में स्वयं अंदाजा लगाया जा सकता है कि जो लोग स्वयं यहां गौचर की भूमि को व्यवसाय बनाकर बेचने की फिराक में है तो क्या ऐसे में यहां भू स्वामी शमशान की भूमि को खाली छोड़ेंगें? जिला प्रशासन को इस ओर शीघ्र कार्यवाही करना चाहिए ताकि समय रहते यह घटनाऐं यहीं की यहीं रूक सके। 

अवैध लाल मुरम का भी हो रहा दोहन
देखा जाए तो ठकुरपुरा क्षेत्र में बस्ती के पीछे खाली पड़े इस मैदान में लाल मुरम मिट्टी होने के कारण यहां से लाल मुरम का अवैध कारोबार भी दोहन कर किया जा रहा है। यूंू तो मुरम व बजरी पर बिना परमीशन के कार्यवाही की बात कही गई है लेकिन ठकुरपुरा में प्रतिदिन दर्जनों ट्रॉलियां भरकर यहां से वहां अपना कारोबार कर रही है। यह सब मिल-जुलकर जारी है जिसके चलते यह भूमि यंू तो वन विभाग क्षेत्र में आती है लेकिन यहां होने वाले अवैध दोहन और खनन पर वन विभाग की चुप्पी होना कहीं ना कहीं मिलीभगत की ओर इशारा भी करता है।
इनका कहना है-
वन विभाग की भूमि पर होने वाले अतिक्रमण को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा, यदि इस प्रकार का मामला है तो हम दिखवाते है और मामले को विवेचना में लेंगें।
आर.डी.महेला
सी.एफ., वन विभाग, शिवपुरी