पुलिस हिरासत में पहुंचे अभिभाषक पीयूष शर्मा अब लड़ेंगें न्यायायलय में लड़ाई

शिवपुरी-लोकतंत्र में हर व्यक्ति को अपनी बात कहने का अधिकार है और जनता से जुड़ी हुई बातों को ही मैंने उठाया था प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को यदि लगता है कि मैंने यदि जलावर्धन योजना के निर्माण कार्य में देरी को लेकर माननीय उच्च न्यायलय में शरण लेने की बात कही
जिससे प्रदेश सरकार दु:खी है और इस योजना को लेकर मेरे द्वारा हाईकोर्ट में याचिका लगाने की पूर्ण तैयारी पूर्णता की ओर है ऐसे में अचानक ही बिना सूचना दिए पुलिस मेरे घर आकर घुसी, तलाशी ली और बे-बजह मुझे अपनी हिरासत में लेकर मेरी मानहानि की गई जो कि बर्दाश्त योग्य नहीं है इसके लिए अब मैं भी न्यायालय की शरण लेकर प्रशासन और शासन द्वारा की गई इस कार्यवाही का विरोध दर्ज कराते हुए कार्यवाही मांग करूंगा और काला झण्डा दिखाना किसी कानून की किसी भी धारा में अपराध नहीं होकर असंतोष और विरोध प्रदर्शन के लिए एक माध्यम है और उससे रोके जाने का प्रयास करना वाक् और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का हनन है उक्त बात एक प्रेस विज्ञप्ति क माध्यम से कही कि अभिभाषक पीयूष शर्मा ने जिन्होंने गत दिवस पुलिस द्वारा स्वयं को हिरासत में लिए जाने का विरोध जताया और इस मामले में अब शासन-प्रशासन के विरूद्ध न्यायालय में परिवाद दायर कर आगे की कार्यवाही की जाएगी। 

प्रेस को जारी प्रेस विज्ञप्ति में अभिभाषक पीयूष शर्मा ने बताया कि जलावर्धन योजना अंचल के लिए महत्वाकांक्षी योजना है और इस योजना के पूर्ण होने के लिए मैं लोकहित में किसी भी हद तक जाने को बाध्य हॅंू देखते है प्रदेश के मुखिया शिवराज और कितने लोगों को इस तथ्य को दबाने के लिए जेल भेजेंगें। पीयूष शर्मा ने मप्र सरकार के घोषणावीर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की जनआर्शीवाद यात्रा की पोल खोलते हुए बताया कि प्रदेशवासियों के साथ बड़ी-बड़ी विकास की बातें करने वाले मुख्यमंत्री को यदि प्रदेश की जनता की चिंता होती है शिवपुरी शहर की जलावर्धन योजना को पूर्ण कराने में क्यों अड़ंगा लगाते, इस मामले में पीयूष ने शासन-प्रशासन को सीएम के दबाब के रूप में कार्य करना बताया और इसका विरोध जताया साथ ही कहा कि हिन्दुस्तान के किसी भी कानून में व्यक्ति को अपनी वाक और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता से नहीं रोका जा सकता और इसी बात की दलील गत दिवस पीयूष शर्मा ने पुलिस को दी थी जब वह अकारण ही पीयूष शर्मा के निवास पर आए और बिना सूचना के घर में प्रवेश किया, तलाशी और उनकी सामाजिक प्रतिष्ठा को धूमिल करते हुए अपने साथ पुलिस थाने ले गए। अभिभाषक पीयूष ने बताया कि सामाजिक प्रतिष्ठा का धूमिल होना, घर में बिना अनुमति प्रवेश करना, तलाशी लेना और स्वयं को हिरासत में लेकर पुलिस थाने ले जाना यह एक संवैधानिक अपराध है। मामला अब न्यायालय में पहुंचेगा, जहां कानूनी कार्यवाही कर पूरे मामले की जांच कराई जाकर दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही की जा सकती है। एड. पीयूष ने आरोप लगाया कि केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के चुनाव अभियन समिति प्रमुख बनने से प्रदेश के सीएम हड़बड़ा गए है और यही वजह है कि सीएम ने कुछ समय पूर्व शिवपुरी में आकर शिवपुरीवासियों को विश्वास दिलाया था कि अगली बार आऐंगे तो जलावर्धन योजना को पूर्ण कराऐंगें लेकिन ऐसा नहीं हुआ और जनता के साथ धोखा करते हुए फिर आश्वासन देकर चलते बने और स्वयं ही अपने अधीनस्थल अमले को दबाब में लेकर काम में अड़ंगा लगाते हुए कार्य बंद करवा दिया। लेकिन अब जनता यह लड़ाई लड़ेगी और भाजपा की कथनी-करनी को उजागर करेगी।