जीवन में कभी अंहकार ना लाऐं : कथावाचक रक्षा राजे

शिवपुरी-भगवान ने हमें सद्बुद्धि दी है और इस बुद्धि का इस्तेमाल अच्छे कार्यों में करें लेकिन अक्सर देखने में आया है कि इस संसार के मनुष्य अपनी योग्यता पर अहंकार करने लगते है और जब अहंकार होता है तो स्वाभाविक है उसका टूटना भी तय है इसलिए जीवन में कभी अंहकार को प्रवेश ना करने दें,
मिलनसार व्यवहार और अपने सुविचारों से ना केवल स्वयं का बल्कि अन्य लेागों का भी मनुष्य  भला कर सकता है जीवन की यह सीख हमेशा फलदायी साबित होगी। सफल जीवन का यह मार्ग प्रशस्त किया व्यासपीट से ओजस्वी श्रीमद् भागवत कथा वाचक सरस्वती रक्षा राजे ने जो स्थानीय श्री बड़े हनुमान मंदिर तुलसी आश्रम एबी रोड पर आयोजित श्रीमद् भागव कथा में मौजूद धर्मप्रेमीजनों को अहंकार से दूर रहने की प्रेरणा दे रही थी। 

इस अवसर पर कथा के मुख्य यजमान देवेन्द्र शर्मा (लल्लू)-श्रीमती अंजली शर्मा द्वारा श्रीमद् भागवत कथा पूजन एवं पूजा-अर्चन मंदिर के महंत पुरूषोत्तमदास जी महाराज द्वारा कराया गया और बताया कि इस संसार के हर मनुष्य का यह कर्तव्य है कि वह अपने जीवन में कभी भी दु:ख आने पर निराश ना और स्वाभिमान पूर्ण जीवन जीऐं ऐसा करने वाले लोग विरले ही होते है, कथा में आने वाले धर्मप्रेमीजनों जिस प्रकार स कथा का श्रवण कर रहे है उससे ना केवल वह स्वयं बल्कि अन्य आसपास के धर्मार्थी लोग भी पुण्य लाभ अर्जित कर रहे है। 

श्री बड़े हनुमान मंदिर तुलसी आश्रम पर आगमी 13 सितम्बर को विशाल भण्डारे का आयोजन किया गया है जिसमें समस्त शहरवासियों से अधिक से अधिक संख्या में सपरिवार प्रसाद ग्रहण करने का आग्रह मंदिर समिति द्वारा किया गया है। इस दौरान कथा में सेवा कार्य कर रहे वरिष्ठ समाजसेवी अमन गोयल, अनिल निगम, कन्हैय रावत, रवि रावत, यशपाल पड़ौरा, महंत राम, अवधेश शिवहरे नगर अध्यक्ष शिवहरे समाज युवा प्रकोष्ठ, रानू रघुवंशी, अरूण दुबे, चिमन लाल सोनी, राजेन्द्र दुबे अध्यक्ष सनाढ्य ब्राह्मण समाज, सोनू रघुवंशी सहित अन्य भक्तगण शामिल है।