पुलिस 5 दिन बाद भी अपहृतों का सुराग नहीं लगा पाई, परिजनों की चिंताऐं बढ़ी

शिवपुरी। बीते 5 दिनों से पुलिस जंगल की खाक छान रही है लेकिन मजाल है कि आज इन पांच दिनों में भी पुलिस ने एक नया कदम आगे बढ़ाकर कुछ हासिल क्या हो, आखिर यह कैसे हो सकता है कि एक छिटपुट गिरोह सरेआम तीन लोगों का अपहरण करते है और एक फिरौती देने की बात कहकर छोड़ देते है,
फिर पुलिस कहती है कि हम कार्य में जुटे है और शीघ्र सफलता मिलेगी लेकिन आज घटना के 5 दिन बीतने के बाद भी पुलिस के हाथ कुछ नहीं लगा और पुलिस डकैतों के जाने के बाद लकीर पीटती रह जाती है। ऐसे में अपहृतों के परिजनों की की चिंताऐं बढ़ गई है।

पोहरी अनुविभाग में आए दिन डकैतों की धमाचक्क लोगों को दहशत में डाले हुए हैं। अभी 5 दिन पहले डकैतों ने चम्पालाल धाकड़, पुरूषोत्तम धाकड़ और कल्याण धाकड़ का अपहरण कर लिया था और बाद में कल्याण को फिरौती के संदेश के साथ रिहा कर दिया था, लेकिन आज पांच दिन बीत जाने के बाद भी चम्पालाल और पुरूषोत्तम का कोई सुराग नहीं लग सका है और न ही डकैतों की ओर से कोई संदेश प्राप्त हुआ है। जिससे पुलिस की मुश्किलें और बढ़ गईं हैं। 

जिले सहित ग्वालियर पुलिस के करीब 100 पुलिस के जवान और अधिकारी डकैतों की सर्चिंग के लिए जंगल में कूद गए हैं, लेकिन आज तक डकैतों की कोई जानकारी तक पुलिस हासिल नहीं कर सकी है और पुलिस बिना योजना के लकीर पीटते हुए नजर आ रही है। एक ओर जहां चम्पालाल और पुरूषोत्तम के घर वापिस न आने पर परिवारजनों की चिंताएं बढ़ गईं हैं। वहीं पूरे गांव में दहशत का माहौल निर्मित हो गया है और ग्रामीण किसी और अनहोनी के डर से न तो अपने खेतों पर जा पा रहे हैं और न ही स्वतंत्रतापूर्वक गांव में रह पा रहे हैं।

उल्लेखनीय है कि 16 सितम्बर की शाम महादेवा घाटी के जंगल में अज्ञात डकैत गिरोह ने तीन युवकों का उस समय अपहरण कर लिया था जब वह अपनी मोटरसाइकिल से विजयपुर थाना क्षेत्र के ग्राम मगरदा में चम्पा धाकड़ की ससुराल जा रहे थे तभी तीनों युवकों का अपहरण अज्ञात डकैत गिरोह ने कर लिया और बाद में कल्याण धाकड़ को 10 लाख की फिरौती का संदेश देकर छोड़ दिया था। डकैतों के चंगुल से छूटकर आए कल्याण धाकड़ ने पुलिस को बताया था कि डकैतों की संख्या 5 पांच है और तीन के पास बंदूक और एक के पास कट्टा व एक के पास कुल्हाड़ी थी। अपहरण के पांच दिन बीत जाने के बाद भी न तो डकैतों का कोई सुराग लग सका है और न ही दोनों अपहृतों का।