एसपी व एसडीओपी ने भी संभाला मोर्चा, पुलिस की टुकड़ी जंगल में कूदी

शिवपुरी-पुलिस के लिए गत दिवस सिरदर्द बना अपहरण काण्ड मुसीबत का सबब बना हुआ है क्योंकि इस घटना में जहां अपहरणकर्ताओं ने चाचा को रिहा कर दिया तो वहीं दूसरी ओर भतीजे का अपहरण कर दो लाख रूपये की फिरौती मांगकर पुलिस की परेशानी बढ़ा दी है।

इससे पूर्व भी एक युवक का बाईक से जाते समय अपहरण किया गया था जब वह अपनी ससुराल से लौट रहा था हालांकि कुछ समय बाद यह अपहृत सकुशल वापिस आ गया था लेकिन इस घटना में तो युवक भी अपहृत है और उसे रिहा करने के बदले फिरौती की मांग भी की गई है ऐसे में पुलिस के प्रयास है कि वह शीघ्र अतिशीघ्र युवक को सकुशल वापिस ला सके। घटना की जानकारी लगने के बाद एसपी महेन्द्र सिंह सिकरवार और एसडीओपी एसकेएस तोमर डेढ़ सैकड़ा पुलिस जवानों को लेकर जंगलों में कूदकर डकैतों की सर्चिंग में लगे हैं, लेकिन समाचार लिखे जाने तक घटना के 24 घंटे बीतने के बावजूद भी पुलिस न तो डकैतों का सुराग लगा सकी है और न ही अपहृत युवक का।

यहां उल्लेखनीय है कि शिवपुरी जिला डकैतों की आमद के लिए पहचाना जाता है और यहां पर रामबाबू गड़रिया से लेकर गट्टा गुर्जर, पप्पू गुर्जर जैसे खूंखार डकैत दहशत फैला चुके हैं और इस क्षेत्र को दस्यु पीडि़त क्षेत्र भी घोषित किया जा चुका है। लेकिन कुछ वर्षों से दस्यु समस्या से विहीन जिले में एक बार फिर डकैतों ने अपनी आमद दर्ज करा दी। छर्च अपहरण के बाद गत दिवस सुबह 11 बजे सतनवाड़ा नरवर मार्ग पर पटी घाटी के समीप झिरना मंदिर क्षेत्र से एक युवक ब्रजमोहन पुत्र प्रभुदयाल निवासी नरौआ और उसके चाचा सुरेश पुत्र मनकाराम पाल का सशस्त्र डकैतों ने अपहरण कर लिया और बाद में सुरेश से 6 हजार रूपये और मोबाइल छीनने के बाद उसको रिहा कर दिया, लेकिन उसके भतीजे को डकैतों ने अपने चंगुल में रखा और उसके चाचा से 2 लाख रूपये की फिरौती राशि का संदेश पहुंचाने के लिए रवाना कर दिया। इसके बाद सुरेश सीधा सतनवाड़ा थाने पहुंचा और अपने भतीजे के अपहरण की कहानी पुलिस को बयां की। पुलिस ने मामला विवेचन में ले लिया है और अपहृत व अपहरणकर्ताओं को घेरने व तलाशी के लिए अभियान छेड़ दिया है। छर्च के जंगलों में पुलिस की टुकड़ी कार्यरत है और आशा है कि शीघ्र ही अपहृत युवक सकुशल छुड़ा लिया जएगा।