आवारा पशु बने नागरिकों की परेशानी का सबब

शिवपुरी-यूं तो शासन के निर्देशों का शासकीय अमला पालन करता है लेकिन अपने ही वरिष्ठ अधिकारी के आादेश की परवाह इन दिनों नपा सीएमओ को नहीं है। जिस कारण यहां एसडीएम के दिए आदेश आज भी चारों खाने चित्त नजर आ रहे और इसका खामियाजा आम जनता को भुगतना पड़ रहा है।
क्योंकि बीते कुछ दिनों पूर्व ही एसडीएम ने नपा सीएमओ को आवरा जानवरों को कांजी हाउस में बंद करने और इन्हें खुला छोडऩे वाले पशु मालिकों के विरूद्ध जुर्माना लगाने के आदेश दिए थे लेकिन यह आदेश टोकरी में डलने जैसे साबित हुआ और यह खुले जानवर अब लोगों की दुर्घटना का सबब बन रहे है।

बीते दो दिनों में जानवरों की आपसी लड़ाई में शहर के तीन लोग घायल हो गए जिनकी हालत गंभीर है और वह जिला चिकित्सालय उपचाररत है। ऐेसे में क्या नपा को इस ओर स त कदम नहीं उठाने चाहिए थे यदि समय रहते यह कार्यवाही करते तो आज ये परिणाम सामने नहीं आते। नागरिकों का आक्रोश नपा सीएमओ के प्रति बढ़ता ही जा रहा है यदि शीघ्र ही इस ओर कोई स त कदम नहीं उठाए गए तो इससे आमजनता की भावनाऐं भड़क सकती है। अभी हाल ही में एसडीएम डीके जैन एक बैठक में जिले की सभी नगर पंचायतों सहित नगरपालिका शिवपुरी को फरमान जारी किया था कि शीघ्र ही सड़कों पर घूमने वाले आवारा पशुओं को पकड़कर कांजी हौज में बंद किया जाए। साथ ही सड़कों पर विचरण करने वाले पशुओं के मालिकों पर भी उचित कार्रवाई की जाए। लेकिन एसडीएम के फरमान की आज सुबह धज्जियां उड़ गईं जब विभिन्न स्थानों पर सांडों के हमले में तीन लोग गंभीर रूप से घायल हो गए।

शनिवार की सुबह एक युवक अपनी बाइक पर सवार होकर काली माता मंदिर से झांसी तिराहे की ओर जा रहा था तभी सड़क पर विचरण कर रहे आवारा सांडों के झुण्ड ने उक्त युवक की बाइक में टक्कर दे दी। जिससे युवक गिरकर घायल हो गया। वहीं दूसरी घटना नीलगर चौराहे पर घटित हुई जिसमें दो सांड लड़ते हुए सड़क के किनारे खड़े एक वृद्ध में जा घुसे और वह गिर गया, लेकिन गनीमत यह रही कि वृद्ध बाबूराम जाटव संभल गए और वहां से भाग निकले। तीसरी घटना सुबह 6 बजे विष्णु मंदिर के सामने घटित हुई जहां कुछ लोग मॉर्निंग वॉक के लिए छत्री की ओर जा रहे थे तभी सांडों के झुण्ड ने उन पर हमला बोल दिया। इन तीनों घटनाओं में कोई ज्यादा हताहत नहीं हुआ सिर्फ  थोड़ी चोटें ही आईं और अगर ये लोग नहीं संभल पाते तो कोई बड़ा हादसा भी हो सकता था। वहीं चौथी घटना कोर्ट रोड़ पर सब्जी मण्डी के पास घटित हुई जहां आवारा जानवरों ने एक युवक  के हाथ में टंगे सामान को छीन लिया और उसे पूरी सड़क पर बिखराकर खाना शुरू कर दिया।

सांडों की लड़ाई में इंसानी जान को खतरा

देखा जाए तो सांडों की आपसी लड़ाई में इंसानी को खतरा  हमेशा बना रहता है क्योंकि जानवरो की लड़ाई कब हो जाए और उस बीच यदि कोई इंसान वहां खड़ा होकर इस लड़ाई पर ध्यान न दे तो इन सांड़ों की लड़ाई का शिकार वह नागरिक हो जाता है। इस तरह की लड़ाईयां आए दिन नगर में देखने को मिलती भी रहती है। ऐसा नहीं कि ये कोई नई घटना हो, इससे पहले इस तरह की घटनाएं घट चुकी हैं और सांड की टक्कर से गांधी कॉलोनी में स्थित एक प्राइवेट स्कूल सुशील मॉन्टेश्वरी हाई स्कूल की संचालिका श्रीमती चावला भी अपनी जान गवां चुकी हैं। आवारा जानवरों की सड़कों पर बेरोकटोक हो रही चहलकदमी से हमेशा सड़कों पर चलने वाले राहगीरों को खतरा ही बना रहता है।

सूअरों का विचरण भी है एक और परेशानी

शहर में इन दिनों खुले सूअर भी लोगों की परेशानी का कारण है जिसके चलते आए दिन नागरिकों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है कई बार खुले विचरण करते सूअर ना केवल महिलाओं बल्कि पुरूषों के हाथों में मौजूद पॉलीथिन को भी छीन लेते है और कई बार लोगों पर जानलेवा हमला भी बोल देते है। इन सूअरों के विचरण भी रोक लगाने के लिए नपा को पहल करनी चाहिए लेकिन अपने ढुलमुल रवैये के चलते यहां सूअरों का विचरण हो या सांडों व जानवरों को सभी बेफिक्र होकर रोड पर अपना ठिया बना लेते है और आए दिन दुर्घटनाऐं व विवाद सामने आते है।

सुअरों का भी शहर में इतना आतंक है कि लोग अब सड़कों पर सुरक्षित नहीं हैं। स्थिति यह बनी हुई है कि सुअर पालकों ने सुअरों को खुलेआम सड़कों पर छोड़ रखा है और ये सुअर काल बनकर सड़कों पर विचरण करते हुए नजर आते हैं। शहर में सुअरों की सं या इतनी बढ़ गई है कि अब सुअर सड़कों को छोड़ लोगों के घरों में तक घुसने लगे हैं। इस समस्या से निजात दिलाने के लिए तात्कालिक सीएमओ सुरेश रैवाल ने एक अभियान शुरू किया था, लेकिन वह अभियान हर बार की तरह शुरू होने से पहले ही ात्म हो जाता है। सीएमओ सुरेश रैवाल ने सुअरों को हटाने के निर्देश सुअर पालकों को दिए थे। 

लेकिन सुअर पालकों की मनमानी के कारण यह अभियान वहीं ध्वस्त हो गया। इससे पहले भी पूर्व सीएमओ रामनिवास शर्मा ने सुअरों को शहर से हटाने की पहल की थी और कहा था कि शहर में मैं रहूंगा या सुअर, लेकिन उनकी यह पहल भी कारगार साबित नहीं हुई और सुअर तो वहीं रहे और उनकी सं या भी बढ़ गई, लेकिन सीएमओ चले गए।  यह समस्या अब इतनी भीषण हो गई है कि अगर इसके बावजूद भी जिला प्रशासन और नपा प्रशासन नहीं चेता तो आने वाले समय में कोई भी बड़ा हादस हो इसमें कोई आश्चर्य की बात नहीं होगी।