राज्य सफाई कर्मचारी आयोग सदस्य करौसिया ने की सीएमओ की खिंचाई

शिवपुरी-प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सतत प्रयत्नशील है कि प्रदेश के अंतिम छोर के व्यक्ति को शासन की योजनाओं से लाभान्वित किया जाए लेकिन यहां तो सफाई कर्मचारी ही योजनाओं से वंचित है इसके लिए दोषी अधिकारियों के विरूद्ध ना केवल अनुसूचित जाति आयोग की धारा 10(1)के तहत कार्यवाही होनी चाहिए बल्कि शासन के आदेशों का पालन ना करने पर भी कार्यवाही की गई तो इनकी नौकरी भी जाएगी और मामला भी दर्ज होगा,यदि सफाई कर्मियों की समस्याओं का निदान एक माह में नहीं किया गया तो इसके बाद आगे की कार्यवाही हमारे द्वारा की जाएगी।
उक्त आक्रोश उतारा राज्य सफाई कर्मचारी आयोग के सदस्य जटाशंकर  करौसिया ने जिन्होंने सफाईकर्मियों के हितों में संचालित विभिन्न योजनाओं की जानकारी स्थानीय सर्किट हाउस में नगर पालिका सीएमओ पी.के.द्विवेदी से ली लेकिन सीएमओ श्री द्विवेदी आयोग सदस्य के किसी भी प्रकार के सवालों का सटीक जबाब नहीं दे सके। इसके लिए उन्हें एक माह में व्यवस्था सुधारने की चेतावनी भी आयोग के सदस्य श्री करौसिया दे गए। 

स्थानीय सर्किट हाउस में राज्य सफाई कर्मचारी आयोग के सदस्य जटाशंकर करौसिया बीती 19 मार्च से पदभार आयोग के सदस्य बनने के बाद लगातार पूरे प्रदेश भर में सफाई कर्मचारियों के हितों को लेकर दौरा कर रहे है। श्री करौसिया ने बताया कि उन्हें प्रदेश के मुख्यमंत्री ने जिस जिम्मेदारी के साथ सफाई कर्मचारियों की समस्याओं के बारे में जानकारी एकत्रित करने के लिए भेजा और  जो अधिकारी इन योजनाओं अथवा सफाई कर्मचारियों को इनका लाभ नहीं देते उनका फीडबैक लेकर शासन को अवगत कराए। इसी क्रम में आज सर्किट हाउस में श्री करौसिया ने नपा सीएमओ पी.के.द्विवेदी, सफाई दरोगा सहित सफाईकर्मियों को बुलाया और मौके पर ही उनकी समस्याओं को सुना और हर संभव उसका निदान कराए जाने के लिए सीएमओ को निर्देशित भी किया। यहां सीएमओ को फटकार लगाते हुए आयोग सदस्य श्री करौसिया ने बताया कि जब आपको शासन के नियमों की ही जानकारी नहीं तो इतने बड़े ओहदे की जिम्मेदारी को कैसे निभा रहे है, इस दौरान श्री करौसिया ने सीएमओ से नपा में कार्यरत कर्मचारियों की स्थिति जानी तो बताया कि 165 सफाई कर्मचारी शामिल है लेकिन पदस्थी केवल 128 की है जबकि इन शेष पदों पर आगामी एक माह में भर्ती किए जाने के निर्देश दिए गए। यहां आरक्षण स्थिति को भी श्री करौसिया ने जाना और सीएमओ को भी आरक्षण पद्वति के बारे में समझाया। श्री करौसिया ने यहां सफाई कर्मचारियों की श्रेणियों को भी विस्तार से समझाया और कुशल, अकुशल व अद्र्वकुशल को उनकी योग्यतानुरूप वेतन व भत्ते दिए जाने के लिए भी कहा। यहां कुशल श्रमिकों को 10 वर्ष के बाद शासन की मंशानुरूप 500 रूपये भत्ता व 20 वर्ष के बाद 1000 रूपये भत्ता दिए जाने की बात भी कही।

मस्टर कर्मचारी की मृत्यु पर मिलेगी सवा लाख रूपये की राशि

श्री करौसिया ने बताया कि किसी भी मस्टर कर्मचारी की मृत्यु पर राज्य शासन द्वारा सवा लाख रूपये प्रदाय किए जाने का प्रावधान है लेकिन यहां इस योजना को भी धूमिल किया गया है और किसी को लाभ नहीं दिया। इस मौके पर सीएमओ ने कहा आदेश नहीं है तो श्री करौसिया ने सीएमओ को कहा लिखित रूप से नगरीय आयुक्त को पत्र लिखें राशि हम दिलवाऐंगें। नपा की दुकानों में भी आरक्षित वर्ग को 10 प्रतिशत का हक है वो भी नो लॉस नो प्रोफीट के इसलिए आरक्षण पद्वति अनुरूप सफाई कर्मचारियों को दुकानें भी दिलाऐं।शासन के अनुसार 3 बीघा भूमि गौचर व कांकर की दिए जाने का प्रावधान है इसलि योजना का लाभ दिया जाए। पं.दीनदयाल उपाध्याय वाल्मीकि मांगलिक भवन 100 बाई 100 का पार्किंग की व्यवस्था के साथ बनाया जाए जिससे यह अपने आयोजन कर सके।  लैंड शूज और हाथों के दास्ताने हर साल प्रदाय किए जाए जबकि सफाई दरोगा ने बताया कि 4 साल से नहीं मिले। वर्तमान हालातों में आबादी बढऩे पर अब हाथ-व कपड़े धोने के लिए 60 रूपये के स्थान पर 120 रूपये दिए जाए। 500 कर्मचारियों पर 3 सफाई कर्मी नियुक्त होते है ऐसे में यहां लगभग 350 कर्मचारियों को नियुक्त होना चाहिए लेकिन महज 165 ही है और उनमें भी 128 पदस्थ है इसलिए भर्ती की जाए। आवास योजना के तहत सफाई कर्मचारियों के लिए आवास बनाए जाए और जो जहां रह रहा है उसे वहां का  मालिकाना हक प्रदाय किया जाए। झुग्गी झोंपड़ी वालों को पट्टे दें और रजिस्ट्री के लिए शेड्यूल रेट से रजिस्ट्री कराऐं।

पेंशन, भविष्य निधि, क्रमोन्नति लाभ और स्वास्थ्य का परीक्षण भी कराऐं

राज्य सफाई कर्मचारी आयोग के सदस्य जटाशंकर करौसिया ने सीएमओ को आदेशित किया 12 वर्ष बाद नियमानुसार क्रमोन्नति देने का प्रावधान है इसलिए क्रमोन्नति दी जाए। सफाई कर्मचारियों के पेंशन संबंधी समस्या को दूर कर पेंशन दी जाए। झाडू़ लगाने वाली महिलाओं को 20-25 रूपये का मास्क प्रदाय किया जाए ताकि धूल के कण उनके शरीर में ना जाने पाए, इसका विशेष ख्याल रखना होगा। इसके लिए सफाई कर्मचारियों का स्वास्थ्य परीक्षण कराऐं। सेनेट्ररी इंस्पेक्टर के प्रशिक्षण के लिए भी सफाई कर्मचारियों को भेजे ज्यादा नहीं तो कम से दो सफाई कर्मचारी हर हाल में प्रशिक्षित हों। भविष्य निधि का भी ख्याल रखें जहां राज्य शासन की ओर से इन्हें 13 प्रतिशत जीपीएफ का प्रावधान है तो वहीं इनके वेतन से 12 प्रतिशत काटा जाए कुल मिलाकर 25 प्रतिशत का लाभ इन्हें मिलेगा इसलिए भविष्य निधि को संरक्षित किया जाए।