मंगलम् ने नहीं दिया निराश्रित को आसरा

शिवपुरी। यहां समाजसेवी मंगलम् संस्था द्वारा संचालित निराश्रित भवन में अशोकनगर से आए दो निराश्रितों को बेरंग वापिस लौटना पड़ा, क्योंकि उपसंचालक पंचायत श्री वर्मा ने उन्हें स्थानीय निराश्रित भवन में प्रवेश देने से इंकार कर दिया।

जब तक इसकी जानकारी मंगलम् के सचिव राजेन्द्र मजेजी को लगी तब तक वे निराश्रित जा चुके थे। श्री मजेजी के अनुसार निराश्रितों की भर्ती में इस बात पर ध्यान नहीं दिया जाना चाहिए कि वे कहां के रहने वाले हैं, बल्कि इस मुद्दे पर मानवीय दृष्टिकोण अपनाकर उन्हें आश्रय देना चाहिए।

शिवपुरी का निराश्रित भवन मंगलम् संस्था द्वारा संचालित है। यहां अभी तक 9 निराश्रित पुरूष और तीन महिलाएं निवास करती हैं। जिनके ठहरने से लेकर नाश्ता-पानी की व्यवस्था निराश्रित भवन में की जाती है। महिला और पुरूष एक ही भवन में निवास करते हैं। इसे ध्यान रखकर संस्था अब शिवपुरी में सिर्फ पुरूष आश्रय स्थल ही संचालित करने के बारे में सोच रहा है। संस्था निराश्रित भवन की व्यवस्थाओं की गुणवत्ता सुधारने की दशा में भी कार्य करने की पहल कर रही है।

निराश्रित भैरो बाबा का बीमारी के चलते निधन

निराश्रित भवन में पिछले बीस वर्षों से रह रहे निराश्रित भैरो बाबा का कल लंबी बीमारी के चलते निधन हो गया। वे राजस्थान प्रांत के रहने वाले थे और उनके परिवार में कोई नहीं था। अंतिम समय में उन्हें अपनी मृत्यु का पूर्वाभास हो गया था और उनके इलाज के लिए 108 ऐम्बुलेंस जब निराश्रित भवन अस्पताल ले जाने के लिए पहुंची तो उन्होंने जाने से इंकार कर दिया तथा वहीं अंतिम सांस ली। उनकी शव यात्रा में मंगलम् के सचिव राजेन्द्र मजेजी, उपाध्यक्ष राकेश गुप्ता, अशोक कोचेटा, कोषाध्यक्ष मुकेश गोयल, सहसचिव दीपक गोयल और संचालक एसकेएस चौहान, राजीव श्रीवास्तव सहित मंगलम् के कर्मचारियों ने भाग लिया।