सिंह के दौरे से बढ़ी कांग्रेसियों में गुटबाजी, सिंधिया समर्थकों ने किया बैठक बहिष्कार

मंथन-विशेष -ललित मुदगल 9713550966/शिवपुरी। ये क्या कांग्रेस को मजबूत और हर समय कांग्रेस की इस बार सरकार बनने का दंभ भरने वाले पूर्व मंत्री एवं पिछोर विधायक के पी सिंह इन दिनों कांगे्रसियों के ही हाशिए पर खड़े है। जहां इनके द्वारा किए जाने वाले दौरों से अब कांग्रेसजन ही आरोप-प्रत्यारोप की बातें दोहराने लगे है जबकि स्वंय के पी सिंह हर बैठक में कांग्रेस को मजबूत बनाने पर ही बल देते है। लेकिन कांग्रेस जिलाध्यक्ष को साथ ना लेकर और सिंधिया समर्थकों के बीच पैठ ना बना पाने के कारण इन दिनों श्री सिंह पर कांग्रेसियों में गुटबाजी की बातें चहुंओर सुनाई दे रही है। कई जगह तो ख्ुालेआम सिंधिया समर्थकों ने श्री सिंह की बैठक से बहिष्कार करने से परहेज भी नहीं किया।

संगठन मजबूत और कांग्रेसी एक धारा में मिलकर चले इसी सोच को सार्थक करने के लिए पूर्व मंत्री व विधायक पिछोर के.पी.सिंह इन दिनों चुनावी सरगर्मियों के चलते चुनावी मैदान में आ गए है। गत दिवस उनके द्वारा पोहरी और करैरा में जो बैठकें ली गई अब वही बैठकों श्री सिंह के दौरे पर सवालिया निशान लगा रही है। जहां कुछ कांग्रेसी इसे स्वयं की राजनीति बता रहे है तो कई कांग्रेसजन इस बैठक का बहिष्कार भी कर रहे है। खासतौर से सिंधिया समर्थकों ने तो एक तरह से श्री सिंह की बैठकों से दूरी बनाई, भले ही बैठक करैरा में हो अथवा पोहरी में। दूसर ओर संगठन की ओर से जिलाध्यक्ष रामसिंह यादव भी कहते है कि के पी सिंह के दौरे अंचल में चल रहे है इस बात उन्हें भनक तक नहीं है और मीडिया में आने वाली खबरों के द्वारा उन्हें यह जानकारी लगी है। ऐसे में के पी सिंह के दौरे को लेकर कांग्रेसजनों की गुटबाजी भी सामने आने लगी है।

कई कांग्रेसी तो नाम ना छापने की शर्त पर यह कह रहे है कि श्री सिंह ने अपने द्वारा आयोजित इन बैठकों के माध्यम से गुटबाजी को बढ़ावा दिया है जबकि यह बैठकें मुख्य रूप से पर्यवेक्षक बने गोविन्द सिंह राजपूत व एआईसीसी के नवप्रभात को लेनी थी। बात तो यह भी सामने आ रही है कि जब पर्यवेक्षक नवप्रभात शिवपुरी अंचल के दो बार प्रवास पर आए तब भी श्री सिंह ने उनके साथ भेंट करना उचित नहीं समझा और अब स्वयं बैठकें लेकर कांग्रेसियों की नब्ज टटोल रहे है। हालांकि कुछ कांग्रेसी इन बैठकों के द्वारा यह भी मान बैठे है कि कहीं ना कहीं टिकिट आवंटन में श्री सिंह की भूमिका भी महत्वपूर्ण रहेगी इसलिए ऐसे टिकिट के दावेदार तो हर हालत में श्री सिंह की बैठकों में ना केवल शामिल हो रहे है बल्कि अपना बायोडाटा भी सुनाकर अपने नंबर बढ़ाने में लगे हुए है।

गत दिवस विधायक केपी सिंह ने करैरा विधानसभा क्षेत्र के कांग्रेस कार्यकर्ताओं से नरवर में चर्चा की। इस बैठक में लगभग एक दर्जन टिकट के लिए दावेदार भी मौजूद थे। इनमें योगेश करारे, केएल राय, मिश्रीलाल करारे, मिश्रीलाल वंशकार, दिनेश परिहार, जसवंत जाटव आदि भी थे जो कट्टर सिंधिया समर्थक हैं। इस बैठक में हालांकि श्री सिंह ने कांग्रेस के सभी दावेदारों को खड़ा कर उनसे संकल्प दिलाया कि वह अपनी लड़ाई को सिर्फ टिकिट तक केन्द्रित रखेंगे और इसके बाद पार्टी जिसे भी टिकिट देगी। उसका गुटबाजी भूलकर प्रचार करेंगे तथा कांग्रेस को विजयी बनाएंगे। श्री सिंह ने कांग्रेस के एक-एक कार्यकर्ता से अलग से चर्चा भी की। करैरा विधानसभा क्षेत्र के कांग्रेस के पर्यवेक्षक गोविंद सिंह हैं और एआईसीसी के पर्यवेक्षक नवप्रभात का शिवपुरी में दो बार दौरा भी हो चुका है। फिर सवाल यह था कि केपी सिंह क्यों करैरा विधानसभा क्षेत्र में दौरा कर रहे हैं।

 कार्यकर्ताओं की उनसे पूछने की हिम्मत थी नहीं, लेकिन अटकलें यह लगाई जा रही थीं कि शायद कांगे्रस विधायक दल के नेता या प्रदेश कांग्रेस ने उन्हें अधिकृत किया हो, लेकिन फिर सवाल यह था कि यदि ऐसा है भी तो इसकी जानकारी जिला संगठन को क्यों नहीं हैं और श्री सिंह के दौरे में जिला कांगे्रस को विश्वास में क्यों नहीं लिया जा रहा है। करैरा के बाद पोहरी के कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने उनके दौरे पर सवाल उठाने शुरू किए। पोहरी ब्लॉक कांगे्रस अध्यक्ष जमील अंसारी ने श्री सिंह के दौरे के बारे में टिप्पणी न करते हुए यह अवश्य कहा कि उन्हें इसकी जानकारी नहीं हैं। सूत्र बताते हैं कि विधायक सिंह के पोहरी दौरे का तानाबाना किशन सिंह तोमर और रामदुलारे यादव ने बुना। पोहरी के कार्यकर्ताओं के ब्लॉक अध्यक्ष के पास कल से ही फोन पहुंच रहे थे कि कार्यकर्ता बैठक में आना है या नहीं आना है, लेकिन जमील अंसारी का जबाव था कि उन्हे कार्यकर्ता बैठक की जानकारी नहीं है।

पूर्व विधायक हरिवल्लभ शुक्ला का कहना है कि एआईसीसी के पर्यवेक्षक नवप्रभात और प्रदेश कांग्रेस के पर्यवेक्षक गोविंद सिंह राजपूत हैं। इसके अलावा क्या पार्टी संगठन ने उन्हें जिम्मेदारी सौंपी है यह उन्हें स्पष्ट करना चाहिए। दौरा वह करें इसमें किसी को क्या आपत्ति है वह कांग्रेस के विधायक हैं, लेकिन उन्हें अपनी गतिविधियां संगठन के माध्यम से चलानी चाहिए। ताकि कार्यकर्ताओं में भ्रम की स्थिति न रहे। श्री सिंह के करैरा दौरे तक उनके मकसद पर कुहासा पड़ा हुआ था, लेकिन स्थिति स्पष्ट होने के बाद परिणाम यह हुआ कि पोहरी दौरे में अधिसंख्यक सिंधिया समर्थक उनकी बैठक से अनुपस्थित रहे।

अनुपस्थित रहने वालों में ब्लॉक अध्यक्ष जमील अंसारी, वरिष्ठ कांग्रेस नेता केशव सिंह तोमर, जिला कांग्रेस महामंत्री सुरेश धाकड़, विनोद धाकड़, पूर्व विधायक जगदीश वर्मा, पप्पन वर्मा, एनपी शर्मा, रामपाल सिंह रावत, राजकुमार शर्मा, राजेन्द्र पिपलौदा, माताचरण शर्मा आदि प्रमुख कांग्रेसी शामिल हैं। जबकि बैठक में उपस्थित रहने वालों में जिला कांगे्रस के पूर्व कार्यवाहक अध्यक्ष लक्ष्मीनारायण धाकड़, युवक कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष विजय शर्मा, किशन सिंह तोमर, दिलीप त्रिवेदी आदि प्रमुख हैं। ये सभी कांग्रेस की गुटबाजी में दिग्गी खेमे के माने जाते हैं।

लक्ष्मण सिंह 5 को शिवपुरी में

पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के भाई लक्ष्मण सिंह जो कि भाजपा से कांग्रेस में पुन: लौटे हैं और प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष हैं वह भी 5 जुलाई को शिवपुरी में कांग्रेस कार्यकर्ताओं की बैठक लेंगे। उनके गुना, अशोकनगर और श्योपुर दौरे को भी अंतिम रूप दिया जा चुका है और इन शहरों में वह 2 जुलाई से  4 जुलाई तक दौरा करेंगे। श्री सिंह के दौरे से भी ग्वालियर संभाग की कांगे्रस राजनीति गर्मा गई है।