भागीरथ बनने की चाह में सीएम टूटे जलावर्धन पर आपदा बनकर

अभियान विशेष@ललित मुदगल (9713550966)/ शिवपुरी-अभी आपदाओं का दौर चल रहा है उत्तराखण्ड में असमानी आपदा साक्षात मौत बनकर जनमानस पर टूटी है। ये प्राकृतिक आपदा थी शिवपुरी जिले के जनमानस भी आपदा के शिकार हुए है, ये आपदा प्राकृतिक नहीं बल्कि इंसानी आपदा है, भागीरथ बनने-बनने की चाह में सीएम साहब शिवपुरी जिले की एक महत्वपूर्ण योजना जलावर्धन योजना पर श्रेय लेने की होड़ में आपदा बनकर टूट पड़े है।

एक वो भागीरथ थे जो गंगा को धरती पर लेकर आए थे एक हमारे प्रदेश के मुखिया है जो भागीरथ बनने का प्रयास कर रहे है। बात हो रही है अंचल के लिए महत्वपूर्ण मानी जाने वाली जलावर्धन योजना की जिसे लाने में अहम भूमिका केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने निभाई और उन्होंने इस योजना को ना केवल स्वीकृत कराया बल्कि इसके लिए करोड़ों की राशि भी दिलवाई । लेकिन देर-सबेर कोई ना कोई रोड़ा प्रदेश सरकार द्वारा अटका दिया जाता है तो योजना भी धूमिल होने की कगार पर पहुंच जाती है।

हालांकि इस योजना के लेटलतीफी में वन विभाग भी एक रोड़ा बना हुआ है जिसने अपनी सीमा क्षेत्र में अधिक खुदाई से वन विभाग को नुकसान होने का अंदेशा जताया और लिखित आदेश जारी कर निर्माण कार्य में लगी दोशियान कंपनी को काम बंद करने का फरमान सुना दिया। यह आदेश नगर पालिका को भी भेजा है इस प्रकार से योजना का काम अभी बंद पड़ा है। इस मामलें में अब प्रदेश सरकार और स्थानीय जनप्रतिनिधि ही कुछ कर सकते है।

वहीं दूसरी ओर पूर्व विधायक व कांग्रेसियों ने इस योजना के निर्माण कार्य बंद होने का ठीकरा प्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह चौहान के सिर फोड़ा है और कहा है कि प्रदेश सरकार के इशारे पर योजना का काम बंद किया गया है ताकि केन्द्रीमंत्री कमलनाथ इस योजना को श्रेय ना लूट लें।

इसी योजना के भागीरथ बनने का प्रयास मुखिया शिवराज सिंह चौहान ने किया जिन्हें खुले मंच से अटल ज्योति अभियान शुभारंभ के अवसर पर ग्वालियर सांसद यशोधरा राजे सिंधिया ने जलावर्धन योजना के उद्घाटन का औपचारिक निमंत्रण दे दिया। ऐसे में शिवराज भी इस योजना में शामिल होकर अंचलवासियों के लिए विपदा के समान साबित हुए है। एक ओर जहां पूर्व में केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने शिवपुरी प्रवास के दौरान केन्द्रीय मंत्री कमलनाथ को एक कार्यक्रम के दौरान जलावर्धन योजन के उद्घाटन के लिए न्यौत दिया तो वहीं दूसरी ओर सीएम है।

ऐसे में सिंधिया परिवार की बुआ-भतीजे के साथ प्रदेश के मुखिया और कमलनाथ भी इस योजना का श्रेय लेने की मंशा है जन-जन और जनता के दिलों तक पहुंचने में जलावर्धन योजना महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। यह सभी जानते है इसलिए इसके श्रेय को लेकर इन दिनों राजनीति भी सरगर्मी पर चल रही है। अब रही बात उद्घाटन की तो यह तो आने वाला समय ही बताएगा कि केन्द्र या राज्यसरकार में से इस योजना को आखिरी अमलीजामा कौन पहुंचाएगा।

पूर्व विधायक भर चुके हैं हुकार

देखा जाए तो पूर्व विधायक वीरेन्द्र रघुवंशी जलावर्धन योजना के उद्घाटन को लेकर हुंकार भर चुके है और उन्होंने साफतौर से इस योजना के लेटलतीफी के लिए प्रदेश सरकार के मुखिया को जिम्मेदार बताकर उन पर आरोपित किया कि प्रदेश के मुखिया के आदेश पर योजना के निर्माण कार्य को कई कारण बताकर अटका दिया है। इस मामले पर पूर्व विधायक श्री रघुवंशी बेहद आक्रोशित है और उन्होंने 22 जून को जंगी प्रदर्शन के दौरान भी खुले मंच से भाजपा व सीएम को खुली चुनौती दी थी कि चुनाव से पहले यदि जलावर्धन योजना का लाभ शिवपुरीवासियों को नहीं मिला तो भीषण आन्दोलन प्रदेश सरकार के खिलाफ होगा। अब इस बात में कितनी सच्चाई है यह तो आने वाला समय ही बताएगा। फिलहाल तो स्थिति देखकर लगता है कि जलावर्धन योजना का चुनाव से पूर्व शुभारंभ होना सपनों की ही बातें है।