मंगलम् चुनाव : नहीं हो पा रहा पदाधिकारियों का चयन, चुनाव स्थगित

शिवपुरी। मंगलम पदाधिकारियों के चुनाव निर्वाचन अधिकारी अतिरिक्त कलेक्टर डीके जैन ने अपनी व्यस्तता का हवाला देते हुए स्थगित कर दिए और सूचित किया कि अगली निर्वाचन की तिथि शीघ्र घोषित की जाएगी। लेकिन सूत्र बताते हैं कि चुनाव इसलिए स्थगित किए गए, क्योकि पदाधिकारियों को लेकर आम सहमति तो थी, लेकिन सर्वसम्मति नहीं बन पाई थी।

आम सहमति के उम्मीदवारों की सूची कल शाम को निर्वाचन अधिकारी डीके  जैन को सौंप दी गई जिसमें 15 संचालकों के हस्ताक्षर हैं। लेकिन निर्वाचन अधिकारी ने इसे रिकार्ड में नहीं लिया। पदाधिकारियों की सूची में राजेन्द्र मजेजी, प्रमोद गर्ग, राकेश गुप्ता, भानुप्रताप सिंह तोमर, मुकेश गोयल, अजय खेमरिया, अशोक कोचेटा और दीपक गोयल के नाम हैं।

मंगलम चुनाव में सबसे खास बात यह थी कि सभी चुने गए 23 संचालकों में से लगभग शत् प्रतिशत सचिव पद पर राजेन्द्र मजेजी को पुन: बनाए जाने के पक्ष में थे। उनकी उम्मीदवारी को लेकर विवाद न के बराबर था। शेष 7 पदाधिकारियों जिनमें 3-3 उपाध्यक्ष और सहसचिव तथा एक कोषाध्यक्ष का चयन कैसे किया जाए। इसे लेकर एकरूपता नहीं बन पाई। पुराने पदाधिकारियों में प्रमोद गर्ग, रामशरण अग्रवाल, रमेशचंद जैन और फूलचंद गुप्ता को यथावत् रखा जाए या उन्हें बदला जाए। इस पर कोई आम राय कायम नहीं हो पाई। सचिव राजेन्द्र मजेजी ने सबसे पहले फार्मूला रखा कि पुराने चार पदाधिकारी नए संचालकों को काम करने का मौका दें। जिससे शेष सातों पदों पर नवीन संचालकों की नियुक्ति हो सकेगी।

इसमें 23 संचालकों में से अधिकांश राकेश गुप्ता और अजय खेमरिया के समर्थक हैं। इस हेतु श्री मजेजी ने दोनों के समक्ष यह प्रस्ताव अपने निवास स्थान पर रखा। लेकिन सूत्र बताते हैं कि इनमें से एक प्रमोद गर्ग को बनाए रखने के प्रति दोनों ने अपनी इच्छा व्यक्त की, लेकिन श्री मजेजी ने इससे इंकार कर दिया और कहा कि 4 में से एक को लेने और तीन को न लेने से संदेश अच्छा नहीं जाएगा और संस्था का माहौल बिगड़ेगा। वैमनस्यता तथा रंजिश बढ़ेगी। इस पर जब सहमति नहीं बनी तो श्री मजेजी ने एक और प्रस्ताव किया कि सभी पुराने चार पदाधिकारियों को यथावत् रखा जाए और शेष तीन पदों पर नियुक्ति हों। श्री मजेजी ने कहा कि ऐसी स्थिति में तीन पदों में से दो उपाध्यक्ष अजय खेमरिया और राकेश गुप्ता को बना दिया तथा किसी एक को सहसचिव बना दिया जाए। लेकिन इस प्रस्ताव में भी रूचि नहीं दशाई गई।

वार्ता का पटाक्षेप हो गया था, लेकिन सचिव मजेजी से समझने में भूल हुई कि उनके एक न एक प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया गया है। उधर रामशरण अग्रवाल को कोषाध्यक्ष बनाने के लिए भी तमाम दबाव आए। उनके लिए लॉबिंग भार्गव ब्राह्मण समाज के जिलाध्यक्ष रामजी व्यास आदि ने की। रमेश जैन अपने स्तर पर अपने लिए समर्थन बटोरते देखे गए। अजीत जैन ने भी उपाध्यक्ष पद के लिए अपनी उम्मीदवारी घोषित कर दी। वह भी उस प्रस्ताव के पक्ष में थे कि सभी पुराने बदले जाएं। शाम 5:45 बजे तक होटल वनस्थली सरगर्मी का केन्द्र बना रहा। यहां 15 संचालकों ने पदाधिकारियों की सूची पर हस्ताक्षर कर दिए।

इस खेमे के महेश श्रीवास्तव ने अवश्य नाराज होकर हस्ताक्षर नहीं किए। क्योंकि उन्हें पदाधिकारी नहीं बनाया गया था। शाम 6 बजे मंगलम में पदाधिकारियों की सूची जब सचिव मजेजी को बताई गई तो उन्होंने कहा कि इसमें प्रमोद गर्ग के शामिल होने पर असहमति व्यक्त की। हालांकि उन्हें कहा गया कि यदि वह चाहें तो एकाध पदाधिकारी अपनी इच्छा से सूची में शामिल करा सकते हैं। लेकिन बात बन नहीं पाई। उधर निर्वाचन अधिकारी श्री जैन मंगलम पहुंच गए थे, लेकिन बताया जाता है कि उन्हें यह कहकर रवाना  कर दिया गया कि जब सर्वसम्मति बन जाएगी तो उन्हें बुला लिया जाएगा। लेकिन 7-7:30 बजे उनका लिखित संदेश आ गया जिसमे चुनाव स्थगित करने की सूचना दी गई थी।