आईजी के आदेश का उल्लंघन, नहीं हो रहा कृषिभूमि के प्लॉटों का पंजीयन

शिवपुरी। कृषिभूमि के प्लॉटों (अव्यपवर्तित कृषि भूखण्ड) के क्रय-विक्रय एवं पंजीयन पर रोक इंस्पेक्टर जनरल ऑफ रजिस्ट्रेशन के आदेश के बाद भी यथावत् है। रजिस्ट्रेशन के आईजी ने संशोधित गाइड लाइन में अव्यपवर्तित छोटी कृषि भूमियों के पंजीयन हेतु संशोधित दिशा निर्देश जारी किए हैं। इसके बाद भी पंजीयक और उप पंजीयक उनके आदेशों का उल्लंघन करते हुए पंजीयन करने से इंकार कर रहे हैं।
उक्त आरोप अभिभाषक पीयूष शर्मा ने लगाते हुए एक पत्र आईजी रजिस्टे्रशन को लिखकर उनसे अनुरोध किया है कि वह अपने आदेश का पालन कराने हेतु पंजीयक और उप पंजीयकों को निर्देशित करें। ताकि बिना किसी कारण के बिना डायवर्टेड प्लॉट की रजिस्ट्री पर लगी रोक हट सके। बकौल श्री शर्मा, मान. उच्च न्यायालय के पूरन सिंह विरूद्घ मप्र शासन ने पारित आदेश में भी कृषि भूमि के छोटे भूखण्डों के पंजीयन पर रोक नहीं है। 

पत्र में अभिभाषक श्री शर्मा ने आईजी को लिखा है कि आपने सभी कलेक्टर, जिला पंजीयक और उप पंजीयक आदि को अपने पत्र दिनांक 10.06.2013 से अव्यपवर्तित कृषि भूमियों के पंजीयन के संबंध में संसोधन कर पर्याप्त दिशा निर्देश जारी किए हैं। एक प्रथक खाना बनाकर गैर व्यपवर्तित छोटी कृषि भूमियों के पंजीयन हेतु 300 वर्गमीटर या 500 वर्गमीटर या उससे कम क्षेत्रफल के प्लॉटों की रजिस्ट्री की दर निर्धारित की गई है। 

केन्द्रीय मूल्यांकन बोर्ड की ओर से आपके द्वारा जारी निर्देशों का अर्थ है कि बिना डायवर्सन के अर्थात कृषि भूमि का उपयोग बदले बिना उनके छोटे प्लॉटों का पंजीयन किया जा सकता है। इनके पंजीयन पर कोई प्रत्यक्ष या परोक्ष प्रतिबंध नहीं है। इस प्रकार ऐसे प्लॉटों का क्रय-विक्रय किया जा सकता है। लेकिन आपके द्वारा जारी निर्देशों के बावजूद जिला पंजीयक शिवपुरी द्वारा इसकी मनमानी व्याख्या की जा रही है और उनके अनुसार नगरपालिका एवं नगर पंचायत क्षेत्रों के भीतर छोटे अव्यपवर्तित कृषि भूखण्डों का पंजीयन नहीं किया जा सकता है। 

श्री शर्मा के अनुसार पंजीयक की यह व्याख्या न केवल आपके बल्कि उच्च न्यायालय के आदेश के विरूद्घ भी है। इससे आपके द्वारा जारी आदेश-निर्देश व संशोधन का सम्यक रूप से पालन नहीं हो पा रहा है। पंजीयक 500 वर्ग मीटर या 300 वर्ग मीटर क्षेत्रफल से छोटे भूखण्डों का पंजीयन नहीं कर रहे। श्री शर्मा ने आईजी से अनुरोध किया है कि वह अपने आदेश का पालन सुनिश्चित करें जिससे कृषि भूमि के छोटे प्लॉटों का पंजीयन हो सके। इससे सरकारी खजाने को भी जहां लाभ होगा। वहीं उन गरीबों के साथ भी न्याय होगा जो धन की आवश्यकता के बावजूद अपने भूखण्डों का विक्रय नहीं कर पाते।