इस बार लगता है बसपा करेगी कमाल, बसपा उम्मीदवार घोषित

शिवपुरी। उत्तरप्रदेश की सीमा से टच होने के कारण करैरा विधानसभा क्षेत्र में बहुजन समाज पार्टी का मजबूत आधार है। सन् 2003 के चुनाव में बसपा उम्मीदवार लाखन सिंह बघेल डार्क होर्स साबित हुए थे। उन्होंने तमाम समीकरणों को झुठलाते हुए विजयश्री का वरण किया था।

पिछले विधानसभा चुनाव में बसपा उम्मीदवार प्रागीलाल जाटव विजयी भले ही नहीं हो पाए, लेकिन उन्होंने 23000 से अधिक मत प्राप्त कर न केवल दूसरा स्थान प्राप्त किया था, बल्कि कांगे्रस उम्मीदवार बाबू रामनरेश की जमानत भी जप्त करा दी थी। इस बार बसपा ने सबसे पहले अपने उम्मीदवार की घोषणा की है और प्रागीलाल जाटव को उम्मीदवार बना दिया है। ऐसे में सवाल पूछा जा रहा है कि क्या इस बार भी बसपा उम्मीदवार छुपे रूस्तम साबित होंगे? सबसे पहले उम्मीदवार घोषित करना यह साबित करता है कि बसपा कम से कम इस सीट पर बहुत आशान्वित है। जबकि कांग्रेस और भाजपा अपने अंर्तद्वंद्वों से ही नहीं उभर पा रहीं।

करैरा में सन् 2008 के चुनाव में भाजपा उम्मीदवार रमेश खटीक ने लगभग 35000 मत प्राप्त कर 12000 मतों से बसपा उम्मीदवार प्रागीलाल को पराजित किया था। जनशक्ति पार्टी की उम्मीदवार श्रीमती शकुंतला खटीक ने लगभग 18000 मत प्राप्त कर तीसरा स्थान प्राप्त किया था और कांग्रेस उम्मीदवार चौथे स्थान पर पिछड़ गए थे। लेकिन पिछले पांच वर्षों में करैरा में काफी परिवर्तन आया है। विधायक रमेश खटीक की छवि पर प्रश्र चिन्ह लगे हैं, लेकिन यह भी सत्य है कि उनका कोई सक्षम उत्तराधिकारी तैयार भी नहीं हो पाया। 

इसलिए  भाजपा इस सीट पर अपनी जीत के प्रति शत् प्रतिशत सुनिश्चित नहीं है। यहां तक कहा जाता है कि पिछोर के बाद भाजपा की सबसे कमजोर सीट में करैरा की गिनती की जाती है। करैरा विधानसभा क्षेत्र के नरवर नपं अध्यक्ष पद के चुनाव में भाजपा उम्मीदवार तीसरे स्थान पर रहा था। यह वह क्षेत्र है। जहां विधायक का मूलनिवास है और इस इलाके में उनका मजबूत आधार माना जाता है।

भाजपा में रमेश खटीक के उत्तराधिकारी की चर्चा चलती है तो ले-देकर पूर्व विधायक ओमप्रकाश खटीक का नाम ही उभरकर सामने आता है। ओमप्रकाश स्थानीय नहीं हैं और स्थानीय तौर पर भाजपा के पास विधायक खटीक के अलावा कोई अन्य उम्मीदवार नहीं है। जहां तक कांग्रेस का सवाल है। इतिहास बताता है कि कांग्रेस इस सीट पर हताशा की स्थिति में है। निसंदेह भाजपा के विपरीत कांग्रेस के पास उम्मीदवारों की कमी नहीं हैं जिनमें स्थानीयों के साथ-साथ बाहरी प्रत्याशी भी शामिल हैं। 

करैरा में उम्मीदवारों की सूची में कोलारस के पूर्व मंत्री पूरन सिंह बेडिय़ा, स्थानीय श्रीमती शकुंतला खटीक और जसवंत जाटव, केएल राय, योगेश करारे आदि दौड़ में शामिल हैं। कांग्रेस इस सीट पर किंचित कमजोर स्थिति में है और अपुष्ट सूत्र बताते हैं कि कांग्रेस तथा बसपा में कोई अघोषित समझौता हुआ तो यह सीट बसपा के खाते में जाएगी। यदि ऐसा हुआ तो बसपा इस सीट पर जीत की प्रबल दावेदार है।