सचिव से परेशान सरपंच ने दिया इस्तीफा, सीईओ पर लगाए संरक्षण के आरोप

शिवपुरी। आज के समय में ग्राम का सरपंच भी अब सबकुछ समझकर अपने अधिकारों का प्रयोग करने लगा है अगर उसे उसके अधिकारों के तहत होने वाले निर्माण कार्यों अथवा ग्राम विकास कार्य नहीं कराए गए तो वह भी अपने पद से ना केवल इस्तीफा देने को तैयार हो गए है बल्कि जो-जो इस तरह के कार्यों में भ्रष्टाचार में लिप्त है उनके विरूद्ध कार्यवाही की शिकायत भी कर रह है।
ग्राम पंचायत खांसदी में भी इस प्रकार का मामला सामने आया यहां ग्राम पंचायत खांदी के सरपंच बनवारी लाल धाकड़ ने आज जनसुनवाई के दौरान अपर कलेक्टर जैन को सचिव पर आरोप लगाते हुए इस्तीफा सौंप दिया। सरपंच के निशाने पर जिला पंचायत और जनपद पंचायत के सीईओ भी हैं। बकौल धाकड़, अधिकारी भ्रष्ट सचिव को संरक्षण दे रहे हैं।

कलेक्टर को सौंपे पत्र में सरपंच धाकड़ ने बताया कि उनकी पंचायत के सचिव सतेन्द्र सिंह सेंगर को भ्रष्टाचार, ग्राम पंचायत के विकास कार्यों को अवरूद्ध करने के आरोप में प्रथमदृष्टया दोषी पाते हुए निलंबित किया गया था, लेकिन जिपं और जपं के अधिकारियों ने निलंबित सचिव का पक्ष लेकर उसे बहाल करा दिया। मैंने अधिकारियों से अनुरोध किया था कि सचिव के कथित दुराचरण, भ्रष्टाचार और मनमानी को देखते हुए उसे दूसरी पंचायत में भेज दिया जाये, लेकिन मेरी कोई सुनवाई नहीं हुई। 

ऐसी स्थिति में मैं सरपंच के रूप में काम करने में असमर्थ हूं। सरपंच के इस वक्तव्य पूर्ण शिकायती आवेदन से ऐसा प्रतीत होता है कि ग्राम के विकास में होने वाले निर्माण कार्यों में बाधक सचिव व जिला पंचायत और जनपद सीईओ बन रहे है ऐसे में यदि ग्राम में कोई कार्य जनहित में सरपंच नहीं कर पा रहा है तो इसके लिए वह इन्हें ही जिम्मेदार ठहरा रहा है। जिससे आहत होकर सरपंच ने इस्तीफा देना ही उचित समझा ताकि वह इनके विरूद्ध लड़ाई लड़ सके और ग्रामवासियों के विश्वास को भी जीत सके।