मलेरिया टैक्नीकल भर्ती में अपात्रों को बनाया पात्र, भर्ती काण्ड जांच के घेरे में

शिवपुरी। विगत वर्ष दिसम्बर माह में आयोजित जिला स्वास्थ्य समिति शिवपुरी द्वारा मलेरिया टेक्नीकल सुपरवाइजर पद की भर्ती के लिए परीक्षा आयोजित की गई। जिसमें स्वास्थ्य विभाग के कथित कर्मचारी और अधिकारियों ने बडे स्तर पर गड़बड़ी कर अपात्र अभ्यार्थियों का चयन कर लिया और पात्र अभ्यार्थियों को दरकिनार करते हुए। भर्ती कर अपात्रों को नियुक्ति दे दी।
जिसकी शिकायत पात्र अभ्यार्थियों ने कई बार जनशिकायत निवारण विभाग को की। साथ ही कलेक्टर शिवपुरी को भी कई बार जनसुनवाई में आवेदन दिए। इतना ही नहीं भोपाल स्तर पर मुख्यमंत्री से लेकर स्वास्थ्य आयुष राज्य मंत्री सहित प्रमुख स्वास्थ्य सचिव को भी लिखित शिकायत करने के बाद ही आज दिनांक तक कोई कार्यवाही नहीं की गई। इससे त्रस्त होकर पात्रता रखने वाले अभ्यार्थी नितिन गौतम, गजेन्द्र सिंघल ने कल एक बार फिर जनसुनवाई में आवेदन दिया।

जिसमें उल्लेख किया गया है कि स्वास्थ्य विवेक की मिलीभगत के कारण एक अपात्र आवेदक प्राणसिंह कुशवाह जो नरवर का रहने वाला है। उसने पैसों के दम पर जिला स्वास्थ्य समिति द्वारा आयोजित मलेरिया टेक्नीकल सुपरवाइजर के पद पर सफलता हासिल कर पद को हथिया लिया और उस पद पर प्राणसिंह काबिज होकर नौकरी भी कर रहा है। उन्होंने आरोप लगाया है कि उक्त परीक्षा में प्राणसिंह ने अवैध लर्निंग ड्राईविंग लायसेंस लगाकर नौकरी हथिया ली। जबकि लाईसेंस की अवधि 20.06.2012 से लेकर 19.12.2012 तक वैध थी और चयन परीक्षा 23.12.2012 को आयोजित की गई थी। 

जबकि परीक्षा से तीन दिन पहले ही उक्त लाईसेंस निरस्त हो गया था। इसके बावजूद भी वह उसने परीक्षा में सफलता हासिल कर ली और संलग्र किए गए कागजों के आधार पर उसे नौकरी भी दे दी गई। तीनों पात्र अथ्यार्थियों ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों पर आरोप लगाते हुए कहा है कि इस भर्ती प्रक्रिया में नियम व शर्तों का उल्लंघन करते हुए अपात्र आवेदकों को रूपयों के बल पर नौकरी दे दी गई है जो नियमों के विरूद्ध है। उन्होंने मांग की है कि इस पूरी भर्ती प्रक्रिया की निष्पक्ष जांच की जाकर अपात्र आवेदकों को हटाया जाए और पात्र आवेदकों का नियमानुसार चयन किया जाकर दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए।