करैरा आईपीएल काण्ड : पुलिस भी स्पॉट फिक्सिंग में शामिल

शिवपुरी/करैरा। विगत दिवस करैरा क्षेत्र में हुए आईपीएल काण्ड में हुए खुलासे प्रतीत होता है कि इस स्पॉट फिक्सिंग मामले में पुलिस भी संलिप्पता है यह हम नहीं कह रहे है यह तो इस मामले में बने जांच अधिकारी अति.पुलिस अधीक्षक आलोक सिंह कह रहे है जो संभवत: इस मामले में पुलिस की संलिप्पता से इंकार नहीं कर रहे है हालांकि बाद में उन्होंने पूरे मामले की जांच की बात कही है।

विदित हो कि दो दिन पहले करैरा थाने के एक एएसआई ने अपने तथाकथित मुखबिर के जरिये 14 लोगों की सूची बनाई और उन पर आरोप लगाया कि वे आईपीएल का सट्टा खेलते हैं। इस आधार पर पुलिस ने तत्काल 7 लोगों को थाने में बुलाकर हिरासत में ले लिया। जो सात लोग पुलिस को उपलब्ध नहीं हुए उनके परिजनों पर भी दबाव बनाकर अवैध वसूली की मांग की गई। 

पकड़े गये लोगों में नपं के पूर्व अध्यक्ष कोमल साहू का भतीजा गोलू साहू भी था। सूत्र बताते हैं कि उसकी रिहाई के लिए कोमल साहू से पुलिस ने 25 हजार रूपये की मांग की और कोमल साहू का कहना है कि जब उसने पैसे देने से इंकार किया तो उनके भतीजे को बुरी तरह पीटा गया और उसकी जेब में रखे पैसे तथा मोबाइल छिना लिये गये। सूत्र बताते हैं कि इस तरह से तीन लाख से अधिक की अवैध वसूली की गई और हिरासत में लिये गये व्यक्तियों के मोबाइल छिना लिये गये।इस मामले में एएसआई रविन्द्र सिंह कुशवाह को लाईन अटैच कर दिया गया है।

बाद में बताया जाता है कि गोलू साहू को भाजपा के एक वरिष्ठ नेता के हस्तक्षेप के बाद छोड़ा गया। इस मामले की शिकायत करैरा के एक पत्रकार ने पुलिस अधीक्षक महेन्द्र सिंह सिकरवार से की और श्री सिकरवार ने तुरंत गंभीरता दिखाते हुए एएसआई कुशवाह से उसकी बेगुनाही का सबूत मांगा। इसके पश्चात श्री कुशवाह और बिचौलिया फर्जी पत्रकार नपं के पूर्व अध्यक्ष कोमल साहू के निवास स्थान पर पहुंचे और उन्होंने अपने किये की माफी मांगते हुए पक्ष में बयान देने को कहा। श्री कुशवाह ने गोलू साहू की जेब से निकाले गये 12 हजार रूपये भी लौटाने का प्रयास किया, लेकिन कोमल साहू ने पक्ष में बयान देने से इंकार किया और पैसे भी नहीं लिये। 

श्री साहू के निवास स्थान पर पहुंचे एएसआई को पत्रकारों ने अपने कैमरे में भी कैद किया। एसपी ने मामले की जांच के लिए अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक आलोक सिंह को नियुक्त किया। श्री सिंह ने सबसे पहले कोमल साहू के बयान लिये जिन्होंने अवैध वसूली की पुष्टि की। उनके भतीजे गोलू साहू ने भी पुलिस के खिलाफ बयान दिये। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ने बताया कि इस मामले में अभी पांच अन्य लोगों के बयान होना है इसके बाद वह अपनी रिपोर्ट पुलिस अधीक्षक को सौंपेंगे।