रात के अंधेरे में घर में घुसा मगरमच्छ

शिवपुरी। बीती रात्रि अंधेरे के समय एक मगरमच्छ शहर के मध्य स्थित परिणय वाटिका मैरिज हाउस के पास केवट भवन में अर्धरात्रि में घुस आया। रात्रि के समय घर के सभी सदस्य गहरी नींद में सो रहे थे। तभी कुत्तों के भौंकने की आवाज सुनकर घर के सदस्य जाग गए और कुत्तों के भौंकने के कारण जानने के लिए जब वह घर के पास स्थित बगीचे में पहुंचे तो वहां बनी पानी की टंकी के पास 8 फीट लंबा मगरमच्छ बैठा हुआ था।
यह देख सभी सदस्य घबरा गए। लेकिन गृहस्वामी राजू बाथम ने साहस का परिचय देते हुए उस मगरमच्छ को रस्सी से बांधकर अपने कब्जे में ले लिया और सुबह नेशनल पार्क के अधिकारियों को यह सूचना दी गई। सूचना मिलते ही डॉ. जितेन्द्र जाटव रेसक्यू टीम के साथ वहां पहुंच गए और उन्होंने पकड़े गए मगरमच्छ को गाड़ी में डालकर चांदपाठे में छोड़ दिया।

विदित हो कि मगरमच्छ का शहर में आने का यह कोई पहला मौका नहीं है। इससे पहले भी कई बार मगरमच्छ शहर की पॉश कॉलोनियों में अपनी दस्तक दे चुके हैं और हर बार उन्हें पकड़कर चांदपाठे में छोड़ दिया जाता है। चांदपाठे सहित जाधव सागर में मगरमच्छ बहुतायत संख्या में हैं और अधिक संख्या होने के कारण मगरमच्छ तालाबों से निकलकर शहर में घुस आते हैं। इसके बावजूद भी नेशनल पार्क के कर्मचारियों ने कोई व्यापक कदम नहीं उठाए हैं। 

जबकि आज से पहले चांदपाठे और करबला के बीच जाली लगाकर रास्ता अवरूद्ध कर दिया गया था। जिससे मगरमच्छ शहर की ओर अपना रूख नहीं कर पाते थे, लेकिन कुछ साल पहले वह जाली टूट गई। इसके बाद से उस जाली की न तो मरम्मत की गई और न ही दूसरी जाली लगाने का काम किया गया। जिस कारण मगरमच्छ चांदपाठे से निकलकर करबला में आ जाते हैं और करबला के रास्ते जाधव सागर से निकलकर शहर में प्रवेश कर जाते हैं। जिससे दुर्घटना होने का अंदेशा बना रहता है।