गेहुं उपार्जन केन्द्रो पर सक्रिय रसदमाफिया,अन्नदाता का गेहुं नही ,गरीबो के निबाले की तौल जारी

शिवपुरी। एक ओर जहाँ प्रदेश के सुप्रीमो शिवराज सिहं चौहान इस प्रदेश के अन्नदाता के हितो के लिए समर्थन मुल्य में गेहुं की खरीदी कर उनको लाभ पहुचाने का हर सभंव प्रयास कर रहै है परन्तु दूसरी ओर अधिकारी व गेंहू खरीदने वाली समितियो के सदस्यो की मनमानी के चलते इस प्रदेश के अन्नदाता को परेशान किया जा रहा है। गेंहू उपार्जन केन्द्रों पर गड़बड़ी करने वालों के खिलाफ गत दिवस कलेक्टर आरके जैन ने सख्त कार्यवाही करने के आदेश दिये थे।

विदित रहे कि जिले में स्थापित किए गए 57 गेहुं उपार्जन केन्द्रो पर किसानो के गेहॅंू खरीदी का कार्य 25 मार्च से शुरू हो चुका है, जो कि 25 मई तक किया जाएगा। जिले को मिले 2 लाख 60 हजार मीट्रिक टन गेहॅंू की खरीदी का लक्ष्य पूरा करने के लिए जहां प्रशासन सभी केन्द्रो पर पुख्ता व्यवस्थाएं होने का दावा कर रहा है, वहीं इन खरीद केन्द्रों पर एक के बाद एक विवाद की घटनाओ के बाद प्रशासन के दावो की पोल खुलती दिख रही है।

प्रत्येक गेहुं उपार्जन केन्द्रो पर किसानो को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। किसानो के गेहॅंू तो समय पर नहीं तौले जा रहे है बल्कि सरकारी गेंहूॅ आसानी से तौले जा रहे है हाल ही में सोमवार को खनियाधानां गेहॅंू खरीदी केन्द्र पर एक व्यापारी द्धारा पीडीएस का सरकारी गेहुं विक्रय होने की घटना उजागर हुई थी जिस पर प्रशासन ने पुरी तरह पर्दा डालकर संबंधित व्यापारी व खरीदी केन्द्रो के सदस्यों पर कोई कार्यवाही नहीं की, जबकि यह गेहॅंू स्थानीय कांग्रेस ने अपना कार्यक्रम पोलखोल अभियान के तहत पकड़ा था और वे गेहॅूं उपार्जन समिति के सदस्यों के खिलाफ धरने पर भी बैठे थे परन्तु कोई कार्यवाही को अंजाम सामाचार लिखे जाने तक नही दिया गया।

येन केन प्रकरेण कुछ भी हो खनियाधाना गेहॅूं उपार्जन केन्द्र पर पीडीएस का गेहॅूं पकड़ा जाना एक बहुत बड़ी घटना है। प्रशासन ने इस पर कार्यवाही न करना कई सावालों को जन्म देता है चलो काँग्रेस की सक्रियता से यह मामला उजागर हो गया लेकिन यह गेंहॅंू किस उचित मुल्य की दुकान का था, इस गेम प्लान के पीछे कौन सा रसद मफिया सक्रिय है और कितनी उचित मूल्यों के दुकानो का गेहूॅं और कहां-कहां बेचा गया है। यह सब जानने की जहमत प्रशासन क्यों नही उठा रहा है।