इंसाफ की आस में कल से भूखे-प्यासे एसपी ऑफिस में डाला डेरा

शिवपुरी। कोतवाली थाना क्षेत्र के ग्राम रातौर में ढ़ाई माह पूर्व दुल्हारा के रहने वाले दो युवकों पर रायसिंह पाल नामक युवक की जबरन जहरीली दवा पिलाकर हत्या करने का आरोप था। इसके बाद कोतवाली में आरोपी नरेश पुत्र हरज्ञान धाकड़ व बंटी उर्फ राजेश पुत्र हरज्ञान धाकड़ निवासी दुल्हारा के विरूद्ध हत्या का मामला दर्ज किया गया था।

मृतक के परिजनों ने आरोप लगाया है कि मामला दर्ज होने के बाद भी दोनों हत्यारोपियों को राजनैतिक संरक्षण प्राप्त होने के कारण वे खुलेआम घूम रहे हैं और आए दिन पीडि़त परिवार के सदस्यों पर राजीनामे के लिए दबाव बना रहे है। इसकी शिकायत करने के लिए मृतक के परिजन कल से भूखे प्यासे एसपी ऑफिस में एसपी के इंतजार में बैठे हुए हैं, लेकिन आज समाचार लिखे जाने तक वह एसपी से नहीं मिल पाए थे।

विदित हो कि एक पीडि़त परिवार इंसाफ की आस में कल से एसपी रमन सिंह सिकरवार से मिलने के लिए उनके ऑफिस पर बैठा हुआ है। रातभर भूखे-प्यासे बैठे उस परिवार ने अपनी व्यथा सुनाते हुए आरोप लगया है कि उनका बड़ा बेटा कल्लू पाल पुत्र स्व. बारेलाल पाल निवासी ग्राम दुल्हारा का रहने वाला है और वह मजदूरी करता है। जिससे वह अपने परिवार का भरण पोषण करता है। 1 फरवरी को उसका छोटा भाई रायसिंह का खेत मालिक गजराज सिंह धाकड़ के मोबाइल पर मिसकॉल आया तो उसने तुरंत रायसिंह को फोन लगाया जिसमें वह घबराहट भरी भाषा में बात कर रहा था।

जब कल्लू ने उससे पूछा कि वह कहां है तो उसने बताया कि वह रातौर में स्थित गजराज सिंह के फॉर्म हाउस में लगे ट्यूब बैल के पास है। जब उसने देखा कि उसके  भाई रायसिंह को दो युवक नरेन्द्र धाकड़ व बंटी धाकड़ इल्ली मारने की दवा पिला रहे हैं तो वह उन्हें रोकने के लिए पहुंचा तब तक वह दोनों आरोपी वहां से भाग निकले।

बाद में अस्पताल में इलाज के दौरान उसकी मृत्यु हो गई थी। इस मामले में पुलिस ने दोनों आरोपी नरेश और बंटी के खिलाफ भादवि की धारा 302, 34 का मामला दर्ज कर लिया था, परिजनों का आरोप है कि इसके बाद से ही यह दोनों आरोपी राजनैतिक संरक्षण के कारण पुलिस की पहुंच से दूर बने हुए हैं और पुलिस इनको राजनैतिक दबाव के कारण नहीं पकड़ रही है और ये दोनों आरोपी आए दिन परिवार के सदस्यों पर शिकायत वापिस लेने व राजीनामा करने के लिए दबाव डाल रहे हैं। मृतक के भाई कल्लू पाल का आरोप है कि उन्हें किराड़ समाज के प्रभावशाली नेता का संरक्षण प्राप्त है। इस कारण पुलिस भी उन्हें राजनैतिक दबाव के कारण नहीं पकड़ रही है।