प्राइवेट स्कूलों के खिलाफ पेरेंट्स के साथ आए कई संगठन, कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा

शिवपुरी- शहर में स्कूल संचालकों ने शिक्षा को अपना व्यवसाय बना लिया है। स्कूल संचालकों द्वारा मनमानी फीस वृद्धि ही नहीं की बल्कि पालकों पर जबरन प्रायवेट प्रकाशनों की पुस्तकें कॉपी स्कूल ड्रेस, जूते मौजे आदि सामग्री स्कूल से या फिर उनके द्वारा बताई गई दुकान से खरीदने का दवाब बनाया जा रहा है।

स्कूल संचालकों की मनमानी के विरोध में पालक संघ के साथ शहर के विभिन्न संगठनों ने जिलाधीश को एक ज्ञापन दिया। दिये गए ज्ञापन में कहा गया है कि केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा मंडल (सी.बी.एस.सी)एवं राज्य शिक्षा केन्द्र द्वारा आईसीएससी एवं सीबीएसई मान्यता प्राप्त विद्यालयों को एनसीआरटी द्वारा प्रकाशित पुस्तकें एवं एम.पी बोर्ड से मान्यता प्राप्त विद्यालयों को निगम की पुस्तकें संचालित करने के स्पष्ट निर्देश दिये गए हैं, लेकिन शहर के स्कूल संचालक पालकों की जेब पर डांका डालते हुए निजी प्रकाशनों की पुस्तकें मनमानी रेट प्रिंट कराकर जबरन पालकों को थमा रहे हैं।

इतना ही नहीं स्कूल की ड्रेस व अन्य सामग्री मनचाही दुकान से खरीदने का दवाब बनाया जा रहा है। यह पूरी तरह गलत है। निजी स्कूल संचालकों की खुली लूट से परेशान होकर पालकों ने इस पर रोक लगाने के लिए पूर्व में 26 फरवरी 20 मार्च को ज्ञापन दिया था, लेकिन इन संचालकों के खिलाफ अभी तक कोई कार्यवाही नहीं की गई। इससे संचालकों के हौंसले बुलंद हो रहे हैं।

पालक संघ के साथ आज पुन: अभिभाषक संघ, पार्षद दल, कर्मचारी कांग्रेस, अध्यापक संघ, ऑटो यूनियन संघ, पेंशनर्स ऐसोसियेशन सहित अन्य सामाजिक संगठनों ने जिलाधीश को ज्ञापन देकर मांग की है कि निजी स्कूल संचालकों द्वारा की जा रही लूट खसोट को रोका जाये। यदि ऐसा नहीं हुआ तो उन्हें आंदोलन करने के लिए बाध्य होना पड़ेगा।