विधानसभा में हंगामा, कांग्रेस ने किया वॉकआउट, टीआई हटाया गया

भोपाल। शिवपुरी में 11 वर्षीय छात्र उत्सव गोयल के अपहरण, हत्या और इसके बाद हुए उपद्रव के मामले को लेकर गुरूवार को विधानसभा में भारी हंगामा हुआ। कांग्रेस विधायकों ने एसपी, एसडीओपी और टीआई को निलंबित करने की मांग पूरी नहीं होने के खिलाफ सदन से वाकआउट किया।

गृह मंत्री उमाशंकर गुप्ता का कहना था कि दो आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है। टीआई को हटा दिया गया है। उपद्रव की घटना और पुलिस की लापरवाही की जांच सीआईडी से कराई जा रही है। इसके बाद ही कोई कार्यवाही की जाएगी।

यह मामला कांग्रेस सदस्य रामनिवास रावत और चौधरी राकेश सिंह चतुर्वेदी ने ध्यानाकर्षण सूचना के जरिए उठाया था। जबाव में गृह मंत्री गुप्ता ने बताया कि अपहरण और हत्या के दो आरोपियों को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है। तीन की गिरफ्तारी होना बाकी है। जबकि घटना के बाद हुए उपद्रव में 19 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इनके संबंध में जांच के बाद ही फैसला किया जाएगा।

रावत ने कहा कि अपहरण के बाद मुख्य आरोपी अकील को पुलिस ने थाने में बिठाया और फिर छोड़ दिया। छोड़ा नहीं होता तो बच्चे की हत्या नहीं होती। गुप्ता ने कहा कि अकील को गिरफ्तारी के बाद छोड़ा नहीं गया। बच्चे के अपहरण के बाद दो फरवरी को पिता ने अकील पर शक नहीं जताया था। बल्कि पूछताछ में पुलिस को बच्चे की मां ने बताया था कि उत्सव ने घर आकर बताया था कि ड्राइवर अपने बेटे को ट्यूशन भेजना चाहता है, उसने उत्सव से आधा घंटे पहले आने को कहा था। फिरौती के लिए आए मोबाइल फोन जांच के आधार पर अकील को गिरफ्तार किया गया।

गृह मंत्री ने चौधरी राकेश सिंह चतुर्वेदी के प्रश्नों के उत्तर में बताया कि दो फरवरी को शाम 5.53 बजे मोबाइल नंबर 9981723391 से उत्सव के पिता कमल के मोबाइल 98933169748 पर कॉल आया था। जिस नंबर से कॉल आया था, वह ग्राम सुलतानिया के लालजीराम के नाम पर दर्ज था। यह फर्जी था।

जिस हैंडसेट से यह कॉल आया था वह फिरोज के पिता का था। हैंडसेट फिरोज के पास था। तीन फरवरी को अकील और फिरोज को गिरफ्तार किया गया। अन्य तीन आरोपी गिरफ्तार नहीं किए जा सके हैं। चतुर्वेदी ने आरोप लगाया कि आरोपियों को राजनीतिक संरक्षण है, वे खुलेआम घूम रहे हैं। स्कूल संचालक भी इसमें शामिल है।

कांग्रेस सदस्यों ने एसपी, एसडीओपी और टीआई को निलंबित करने की मांग की। शोर शराबे के बीच गृह मंत्री ने कहा कि उपद्रव मामले की सीआईडी जांच रिपोर्ट आने तक किसी को निलंबित नहीं करेंगे। कांग्रेस सदस्य महेंद्र सिंह कालूखेड़ा ने कहा कि अपहरण के बाद हत्या की घटना से उपद्रव हो सकता है, इसका अंदाजा क्यों नहीं लगाया गया? मंत्री ने कहा कि पहले दिन की घटना में स्थानीय पुलिस बल लगाया गया, जो अपर्याप्त था।

इसके बाद दूसरे दिन अतिरिक्त बल लगाया गया। उपद्रव की वीडियोग्राफी उपलब्ध है। इसी बीच रामनिवास रावत और तुलसीराम सिलावट जोर जोर से बोलने लगे। नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने गृह मंत्री के व्यवहार को आपत्तिजनक बताया। संसदीय कार्य मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि जैसा प्रश्न होगा, वैसा ही उत्तर आएगा। अध्यक्ष ईश्वरदास रोहाणी ने कहा कि दोनों और से मर्यादा रहना चाहिए। उत्तेजना फैलाकर मंत्री से उत्तर लेने से स्थिति बिगड़ती है।

शोर शराबे के बीच सिलावट ने जानना चाहा कि मुल्जिमों का पुलिस रिमांड क्यों नहीं लिया गया? गृह मंत्री ने कहा उनसे जो जानकारी चाहिए थी, ली जा चुकी थी। कांग्रेस के ही ब्रजराज सिंह ने उपद्रव में गिरफ्तार लोगों के नाम जानना चाहे। मंत्री ने बताया कि नरेंद्र, विकास, नरेश राठौर, मंजू जैन, दिलीप, मनोज जाटव, प्रवीण शर्मा समेत 19 लोग गिरफ्तार किए गए हैं।

जीतू, कालू समेत अन्य नामजद आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं हुई है। नेता प्रतिपक्ष ने एसपी, एसडीओपी, टीआई को निलंबित करने की मांग दोहराई। गृह मंत्री ने फिर इंकार किया। नेता प्रतिपक्ष ने सरकार पर असंवेदनशीलता का आरोप लगाते हुए वाकआउट का एलान कर दिया। इस पर चिकित्सा शिक्षा मंत्री अनूप मिश्रा ने टिप्पणी की कि यह कदम पहले ही उठा लिया होता। इस पर नेता प्रतिपक्ष नाराज हो गए। इसके बाद सभी कांग्रेस सदस्य सदन से उठकर चले गए।