सहकारिता कर्मचारियों की हड़ताल तीसरे दिन भी जारी

शिवपुरी-अपनी विभिन्न मांगों को लेकर कलमबंद हड़ताल पर बैठे सहकारिता कर्मचारियों की हड़ताल आज मंगलवार को तीसरे दिन भी निरंतर जारी रही। यहां प्रतिदिन सहकारिता कर्मचारी महासंघ अपनी मांगों को लेकर लामबंद्ध है और अपने विचारों के माध्यम से प्रदेश सरकार को कोस रहे है।

प्रतिदिन सहकारिता विभाग के यह कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर कलेक्ट्रेट रोड पर तंबू लगाकर बैठे है। निश्चित रूप से सहकारिता कर्मचारियों की इस हड़ताल से गेहॅंू खरीद प्रभावित होगी और इससे प्रदेश सरकार को काफी नुकसान उठाना पड़ेगा। ऐसे में सहकारिता कर्मचारियों की लंबित मांगों को जब तक पूर्ण नहीं किया जाता सहकारिता कर्मचारी अपनी कलमबंद हड़ताल से नहीं हटेंगें। 

इस दौरान सहकारिता कर्मचारी महासंघ के प्रदेशाध्यक्ष के मार्गदर्शन में आगामी रणनीति बनाने की भी चर्चा आज शिवपुरी के सहकारिता कर्मचारी महासंघ जिलाध्यक्ष महेन्द्र सिंह कुशवाह व सचिव बलराम शर्मा से हुई। साथ ही बैठक में कई सुझाव भी सहकारिता कर्मचारियों ने रखे और उन विचारों को संगठन को बताया जाएगा। 

महासंघ की कलमबंद हड़ताल में सहकारिता कर्मचारियों में विनोद तिवारी, कृष्णबल्लभ तिवारी, दीपक गौड़, मुकेश रावत, माधुरीशरण, शीशिर जादौन, लक्ष्मण रावत, अर्जुन रावत, बृजकिशोर शर्मा, कैलाश दांगी, बृजेश धाकड़, राजाराम यादव, केशव राजपूत, देवेन्द्र जैन, विनोद रावत, चन्द्रप्रकाश ओझा, मुकेश श्रीवास्तव, बृजेश पाण्डे, विजय कुशवाह, बादामी लाल रावत, अशोक ओझा आदि सहित अन्य सैकड़ों कर्मचारी शामिल है।

मप्र सहकारिता कर्मचारी महासंघ के जिलाध्यक्ष महेन्द्र सिंह कुशवाह व सचिव बलराम शर्मा ने बताया है कि म.प्र.सहकारिता समिति कर्मचारी महासंघ भोपाल के तत्वाधान में संपूर्ण प्रदेश भर में अपनी विभिन्न मांगों के निराकरण के लिए सहकारिता कर्मचारी कलमबंद हड़ताल पर हैं। 

जहां इस हड़ताल की चेतावनी से पूर्व ही धरना प्रदर्शन के माध्यम से अपनी मांगों के बारे में भी प्रदेश सरकार व सहकारिता मंत्री को अवगत करा दिया था जिसके बाद सहकारिता कर्मचारी महासंघ को आश्ववासन दिया गया कि तीन दिवस के अंदर उनकी मांगों पर विचार किया जाएगा लेकिन मांगें पूर्ण नहीं हुई और सहकारिता कर्मचारी महासंघ लामबंद होकर कलमबंद हड़ताल पर चले गए। हड़ताल का आज दूसरा दिन है और लगभग आधा सैकड़ा की संख्या में कर्मचारी धरना स्थल पर बैठे है। 

सहकारिता कर्मचारियों की मांग है कि प्राथमिक कृषि सहकारी साख संस्थाओं के कर्मचारियों के सेवा नियमों में छत्तीसगढ़ राज्य के अनुसार संशोधन दिनांक 26 फरवरी को तिथि निर्धारित लागू किया जावे। समिति प्रबंधकों की भर्ती व्यापम के माध्यम नहीं कराई जावे, उप्र की भांति प्राथमिक साख संस्थाओं के कर्मचारियों के वेतन हेतु बजट बनाकर भुगतान की व्यवस्था जिला योजना समिति के माध्यम से कराई जावे एवं इन कर्मचारियों के स्थानांतरण की व्यवस्था विकासखण्ड व जिला स्तर पर किया जावे। कर्मचारियों के वेतन का निर्धारण करने आयोग का गठन किया जावे, संस्था की भुगतान क्षमता एवं सक्षमता के वर्तमान में प्रचलित मापदण्डों को शिथिल कर वेतनमान लागू किया जावे।