मोहित की दस्तक से प्रागीलाल की उम्मीद्वारी पर सवालिया निशान

शिवपुरी/करैरा-अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित हुई करैरा विधान सभा सीट पर बहुजन समाज पार्टी की ओर से आगामी विधान सभा चुनावों में उम्मीदवार बनाये जाने को लेकर सम्भावित उम्मीदवारो में एक नया नाम मोहित रतन का चर्चा में आने से पूर्व विधान सभा चुनावों में नम्बर दो रहे वा.य.पा. प्रत्यासी प्रागीलाल की उम्मीदवारी को कमतर आंका जाने लगा है।

वहीं मोहित रतन को प्रबलतम दावेदार कि रूप में देखा जा रहा है। मोहित रतन की दावेदारी को प्रबलतम देखे जाने की मुख्य बजह उ0प्र0 से मायावती सरकार में मंत्री रहे रतनलाल अहिरबार के पुत्र होने को माना जा रहा है। ऐसा माना जा रहा है कि रतनलाल अहिरबार उ0प्र0 सरकार में मायावती  के काफी निकट व भरोसे मंद मंत्री जाने जाते रहे हैं। जिन्हे अपने पिता की मायावती जी से नजदीकियों  का लाभ मिल सकता है। वहीं प्रागीलाल की उम्मीदवारी में उनकी आर्थिक स्थिति रोडा बन सकती है। 

ऐसा जन सामान्य में अव माने जाने लगा है। वैसे अव तक गत चुनावों में भाजपा प्रत्यासी के मुकावले नम्बर दो पर रहे प्रागीलाल जाटव की उम्मीदवारी ही तय मानी जा रही थी। तथा प्रागीलाल लगातार सक्रिय रहकर लोगों से मेल मिलाप मेंं लगे हुए थे। किन्तु अचानक उ0प्र0 की मंत्री पुत्र मोहित रतन की क्षेत्र में सक्रियता एवं दस्तक ने अव प्रागीलाल की उम्मीदवारी पर प्रश्न चिन्ह लगा दिया है। 

ज्ञान हो कि मोहित रतन ने करैरा दिनारा सहित अन्स कस्वों में अपने समर्थको के साथ छपे फोटो वाले बोर्ड लगाकर अपना नाम चर्चा में ला दिया है। वहीं सूत्रो की माने तो श्री रतन ने अपनी उम्मीदवारी के मद्देनजर अपना नाम दिनारा क्षेत्र के किसी गांव से वा कायदा मतदाता सूची में शामिल करा कर वो यहां के मतदाता भी बन गये है। जो उनकी इस क्षेत्र से उम्मीदवारी की सम्भावनाओ को और पुख्ता कर देती है। 

आर्थिक व राजनैतिक रूप  से समृद्ध पृश्ठ भूमि के कारण उनको समूचे क्षेत्र में व.स.पा. से प्रवल उम्मीदवार के रूप में देखा जा रहा है। साथ ही करैरा क्षेत्र में उनकी समय समय पर उपस्थिति व करैरा क्षेत्र में उनके द्वारा ली जा रही  रूचि को भी उनकी उम्मीदवारी से जोड कर देखा जा रहा है। हालांकि अभी विधान सभा चुनावों में लगभग दस महीनों का समय शेश है। किन्तु राजनैतिक हल्कों  में विधान सभा चुनावों को लेकर तैयारियां की जाने लगी है। और राजनैतिक दलों में चुनावों के मद्दे नजर उम्मीदवारों के नाम पर विचार विमर्श का दौर भी शुरू हो गया है। 

वहीं ऐसे में जन सामान्य में सम्भावित उम्मीदवारों के नामो को लेकर चर्चाओं का दौर शुरू होना लाजमी है। अव देखना यह है कि बहुजन समाज पार्टी की ओर से प्रागीलाल की उम्मीदवारी कायम रह पाती है या फिर मंत्री पुत्र की उम्मीदवारी को लेकर जन मानस में लगाए जा रहे कयास सच सावित होते है। फिलहाल इन सवालों के जववा भविश्य के गर्भ में रहकर लोगों की जिज्ञासा का कारण बने हुए है। वैसे इस बार पिछले चुनावों में कम अंतर से हारे प्रागीलाल क लिए आगामी चुनाव फायदेमंद माना जा रहा था परन्तु श्री रतन की दावेदारी ने सभी संभावनाओं पर प्रश्न चिन्ह लगा दिया है।