पार्षद के पक्ष में आई नपाध्यक्ष, सीएमओ और नपाध्यक्ष में जमकर विरोध जारी

शिवपुरी-नगर पालिका के वार्ड क्रमांक 6 के भाजपा पार्षद और पीआईसी सदस्य मनीष गर्ग मंजू पर स्वास्थ्य अधिकारी अशोक शर्मा द्वारा दर्ज कराए गए फौजदारी प्रकरण में नया मोड़ आ गया है। पार्षद गर्ग के समर्थन में नपाध्यक्ष श्रीमती रिशिका अष्ठाना और उनके पति अनुराग अष्ठाना सामने आ गए हैं और उन्होंने पार्षद के खिलाफ दर्ज प्रकरण को गलत बताते हुए सीएमओ और स्वास्थ्य अधिकारी से प्रकरण को वापिस लेने की मांग की है।

यही नहीं नपा के पीआईसी सदस्य मनीष गर्ग मंजू सहित रत्नेश जैन, मथुरा प्रजापति, सावित्री बाथम, भोपाल सिंह दांगी ने नपाध्यक्ष रिशिका अष्ठाना को पत्र लिखकर साफ तौर पर कहा है कि जब तक पार्षद पर दर्ज प्रकरण वापिस नहीं लिया जाता। पीआईसी के सदस्य बैठक में शामिल नहीं होंगे। पीआईसी सदस्यों की इस इच्छा से नपाध्यक्ष रिशिका अष्ठाना ने भी सहमति व्यक्त की है। इस प्रकरण में नपाध्यक्ष और सीएमओ के बीच विवाद खुलकर सामने आ गया है। 

इस विवाद को लेकर पार्षद इसलिए भी उत्तेजित हैं, क्योंकि वर्तमान परिषद के कार्यकाल में नपा के अधिकारियों की शिकायत पर 18 पार्षदों के विरूद्ध प्रकरण दर्ज हो चुके हैं और ताजा मामला भाजपा पार्षद मनीष गर्ग पर दर्ज आपराधिक प्रकरण का है। स्वास्थ्य अधिकारी अशोक शर्मा ने पुलिस में शिकायत की थी कि नपा की लकडिय़ों को पार्षद गर्ग निजी हित हेतु अपने घर में डलवाना चाहते थे और जब मैंने ऐसा नहीं किया तो उन्होंने मेरे साथ अभद्र व्यवहार किया। इस मामले में पार्षद गर्ग का मजबूत पक्ष यह था कि नपा में उनके कट्टर से कट्टर विरोधी भी यह मानने को तैयार नहीं थे कि पार्षद ने निजी हित के लिए लकड़ी मांगी थी। नपाध्यक्ष और सीएमओ के बीच चल रही गुटबाजी में पार्षद गर्ग नपाध्यक्ष के साथ हैं। इस कारण नपाध्यक्ष ने भी खुलकर अफसरशाही के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। 

सीएमओ से नपाध्यक्ष और पार्षदों की यह शिकायत रही कि झूठे प्रकरण उनके संरक्षण के कारण ही दर्ज हो रहे हैं। नपा की असफलताओं का ठीकरा भी सीएमओ पर फोड़ा गया और नगर में व्याप्त पेयजल संकट के लिए भी उन्हें जिम्मेदार ठहराया गया। पार्षद रत्नेश जैन तो खुलकर सीएमओ द्विवेदी पर आरोप लगाते हैं कि पीआईसी बैठक का उपयोग वह  अवैधानिक कार्यों की मंजूरी के रूप में करते हैं। इसी परिपेक्ष्य में पीआईसी सदस्यों ने नपाध्यक्ष को पत्र लिखकर अल्टीमेटम दे दिया कि जब तक प्रकरण वापिस नहीं तब तक बैठक नहीं होगी। पार्षदों के अनुसार झूठे प्रकरण जनप्रतिनिधियों पर दर्ज कराना लोकतंत्र का अपमान है। 

इनका कहना है- 
पार्षद मनीष गर्ग पर प्रकरण दर्ज गलत किया गया है। मैं मनीष गर्ग के समर्थन में हूं और स्वास्थ्य अधिकारी को इस प्रकरण को वापिस लेना चाहिए। 
रिशिका अष्ठाना 
नपाध्यक्ष, शिवपुरी