नपा में मचा धमाल, साधारण सम्मेलन में उठा मणीखेड़ा का मामला

शिवपुरी-आखिरकार नगर पालिका के साधारण सम्मेलन में नगर में पेयजल व्यवस्था को लेकर मड़ीखेड़ा की सुस्त व्यवस्था के चलते हंगामा खड़ा हो गया। यहां पार्षदों ने सीएमओ पर भी जमकर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए और उसके बाद भी सीएमओ कोई जबाब नहीं दे पाए। ऐसे में नपा में धमाल मचना तय है। यहां नपा एचओ को भी आर.ओ.पद से हटाने को लेकर पार्षदों ने मांग की और अपने 23 बिन्दुओं की सहमति के लिए सम्मेलन में इन्हें पारित करने की मांग की हालांकि इन बिन्दुओं को लेकर आपस में सहमति नहीं बन पाई थी लेकिन इसे लेकर सम्मेलन में चर्चा जोरों पर थी। 

नगरपालिका शिवपुरी में आज हुए परिषद के साधारण सम्मेलन में पार्षदों ने जमकर हंगामा किया। साथ ही सीएमओ को आड़े हाथों लेते हुए पार्षदों ने उन पर भ्रष्टाचार के भी आरोप लगाए। साथ ही सीएमओ के नपा में न बैठने को लेकर भी पार्षदों ने हंगामा किया। इसके साथ ही एचओ अशोक शर्मा को भी आरओ पद से न हटाने पर भी पार्षदों ने विरोध किया। खबर लिखे जाने तक परिषद का सम्मेलन जारी था और परिषद में रखे गए 23 बिंदुओं पर आम सहमति नहीं बन पाई थी। इससे पहले कि उन 23 बिंदुओं पर बातचीत हो पाती तभी सीएमओ की कार्यप्रणाली और सिंध परियोजना में हो रही देरी को लेकर परिषद में जमकर हंगामा हो गया और पार्षद अपनी-अपनी सीटों से उठकर आसंदी तक आ पहुंचे।

 इस बीच सीएमओ पीके द्विवेदी पार्षदों के सवालों का जवाब नहीं दे पाए। वहीं नपाध्यक्ष श्रीमती रिशिका अष्ठाना सीएमओ को पार्षदों के प्रश्रों के जवाब देने के लिए कहती रहीं। परिषद में रखे गए 23 बिंदुओं में सिद्धेश्वर बाणगांगा मेले के संबंध में विचार करने के लिए परिषद ने अपनी स्वीकृति दे दी। वहीं दूसरे बिंदू गांधी पार्क एवं शादीघरों की दरों में वृद्धि करने के निर्णय पर परिषद ने रोक लगा दी। साथ ही बाजार बैठक ठेके में दिए गए दो माह के ठेके को लेकर भी परिषद में हंगामा हुआ। 

पार्षदों ने इस ठेके को निरस्त किये जाने का प्रस्ताव रखा और अधिकारियों पर आरोप लगाया कि यह ठेका बगैर परिषद को जानकारी दिए गुपचुप तरीके से दे दिया गया है। जिससे ठेकेदार दुकानदारों से जबरन बसूली में लगे हुए हैं। पार्षद भोपाल सिंह दांगी ने ठेकेदारों की मनमानी का विरोध किया और उसका प्रमाण भी दिया। इसके बाद किसी भी बिंदू पर बातचीत नहीं हो सकी और सिंध परियोजना में हो रहे भ्रष्टाचार को लेकर पार्षदों ने हंगामा शुरू कर दिया और सीएमओ पर कमीशन के फेर में निर्माण कंपनी दोशियान  को एडवांस भुगतान करने का आरोप लगाया और उन्हें सुबह 10:30 से शाम 5 बजे तक नपा में बैठने की भी हिदायत दी। 

उनके नपा में न बैठने से जो कार्य प्रभावित हो रहे हैं उनसे सभी पार्षद परेशान हैं इस कारण उनकी कार्यप्रणाली को लेकर भी बैठक में चर्चा बनी रही। वहीं अन्नी शर्मा, रामसिंह यादव, डिम्पल जैन, आजाद पठान ने सीएमओ को बताया कि जिस दोशियान कंपनी को उन्होंने एडवांस भुगतान कर दिया है वह कंपनी ब्लैक लिस्टेड हो चुकी है और उस पर कानपुर में एफआईआर भी दर्ज हुई है। पार्षदों ने दावा किया कि नपा द्वारा मार्च और अप्रैल में शहर की जनता को मड़ीखेड़ा का पानी नहीं दिया जा सकेगा। वहीं पार्षदों ने कहा कि इसका जवाब जनता हम लोगों से मांगेगी तो हम उन्हें क्या जवाब देंगे? वहीं पार्षद डिम्पल जैन ने सीएमओ पर सिंध परियोजना की झूठी जानकारी विधानसभा को देने के  भी आरोप बैठक में उछले। 

पार्षद राजू गुर्जर ने सीएमओ से जवाब मांगा कि मड़ीखेड़ा आवर्धन को लेकर जो गाड़ी आबंटित हुई है उस गाड़ी से वह कितनी बार इस योजना के निरीक्षण के लिए वह गए हैं और उस गाड़ी का भुगतान कितना हुआ है। इस पर सीएमओ ने परिषद से अलग होकर जवाब देने की बात पार्षद से कही, लेकिन राजू गुर्जर के इस प्रश्न पर सभी पार्षदों ने सहमति जताई और उसका जवाब परिषद में ही देने की मांग करने लगे। फिर भी सीएमओ ने उसका जवाब नहीं दिया। इसके बाद पार्षदों ने सीएमओ से जवाब मांगा कि 6 माह पहले सीवर लाईन प्रोजेक्ट को लेकर सीसी रोड निर्माण पर किसके आदेश के तहत रोक लगाई गई थी?  

इसके जवाब में सीएमओ ने शासन के आदेश का उल्लेख किया तो पार्षदों ने उस आदेश की कॉपी परिषद में रखने की मांग की। लेकिन सीएमओ वह आदेश परिषद में नहीं रख सके तो पार्षदों ने कहा कि सीवर लाईन प्रोजेक्ट के चलते सीसी रोड निर्माण पर रोक होने के बाद भी धड़ल्ले से सीसी रोड का निर्माण हो रहा है। इसका जवाब भी सीएमओ नहीं दे सके। पार्षदों ने यह भी मांग रखी कि वह सीसी रोड निर्माण पर लगी रोक को हटाया जाए। समाचार लिखे जाने तक बैठक में हंगामा जारी था और ऐजेण्डे के बांकी बिंदुओं पर कोई भी निर्णय परिषद द्वारा नहीं लिया गया था।

इस पूरी बैठक में सीएमओ की कार्यप्रणाली और भ्रष्टाचार मुख्य रूप से उछाला गया। साथ ही पेपरों की कटिंगें भी परिषद में उछालीं गईं। इस पूरे घटनाक्रम में नपाध्यक्ष रिशिका अष्ठाना और उपाध्यक्ष भानु दुबे पार्षदों के पक्ष में रहे। वहीं नपाध्यक्ष सीएमओं को पार्षदों के प्रश्नों के जवाब देने के लिए कहती रहीं, लेकिन सीएमओ जवाब देने से कतराते हुए दिखे।