मानव तस्करों के निशाने पर आदिवासी लड़कियां

राजू (ग्वाल) यादव/ शिवपुरी/ शिवपुरी जिले में महिलाओं की मानव तस्करी के मामले लगातार सामने आ रहे है। देह व्यापार के लिए सहरिया आदिवासी लड़कियों को मानव तस्कर यहां से ले जाकर अन्य राज्यों में बेच रहे है। पिछले कुछ दिनों में मानव तस्करी के कई मामले शिवपुरी जिले में सामने आ चुके है लेकिन शिवपुरी पुलिस ने कोई प्रभावी कदम इस तरह के मामलों को रोकने के लिए नहीं उठाए है। 

गत 6 फरवरी को नरवर विकासखण्ड के कल्याणपुर गांव की एक नाबालिग आदिवासी को मुरैना जिले के बानमौर में बेचे जाने की बात का खुलासा होने के बाद यह बात साफ हो गई है कि शिवपुरी जिले में मानव तस्करी के मामले नहीं थम रहे है। ग्राम कल्याणपुर की जिस नाबालिग आदिवासी लड़की को मुरैना में बेचा गया था इस मामले के तीन आरोपियों की गिरफ्तारी शिवपुरी पुलिस ने कर ली है लेकिन इस तरह के लड़कियां बेचे जाने के मामले लगातार सामने आने के बाद यह बात साफ हो गई है कि मानव तस्करों के निशाने पर सहरिया आदिवासी लड़कियां है। 

शिवपुरी जिले में सहरिया आदिवासी काफी तादात में है और यह आदिवासी वर्ग के लोग कम पढ़े लिखे और सीधे सादे होते है अत: इन आदिवासियों को मानव तस्कर पैसों का लालच देकर या बहला फुसलाकर अपने जाल में फंसा लेते है। मानव तस्कर इन आदिवासी लोगों की लड़कियों को यहां से ले जाकर अन्य राज्यों में बेच देते है। शिवपुरी जिले के रन्नौद के गणेश माढ़ाखेड़ा ग्राम की एक नाबालिग आदिवासी लड़की गत 6 सितम्बर को ग्वालियर पुलिस के पास बदहवास अवस्था में पहुंची थी और इस नाबालिग लड़की ने यह खुलासा किया था कि  उसे उसके गांव माढ़ागणेशखेड़ा से 50 हजार रूपये में लाकर ग्वालियर के रेडलाईट इलाके बदनापुरा में बेचा गया है और इस लड़की ने और भी कई खुलासे किए। इस लड़की की बरामदगी के बाद ग्वालियर के बदनापुरा इलाके से महिला चन्द्रकला, रोहित बेडिय़ा और गुड्ढा जाटव को पकड़ा गया था। बरामद लड़की के बयान के बाद बदनापुरा इलाके से उसके गांव की ही एक और लड़की यहां से बरामद की गई। लड़की को देह व्यापार के लिए 50 हजार रूपये में उसके पिता सीताराम आदिवासी ने बेचा था। पुलिस ने सीताराम आदिवासी को भी गिरफ्तार किया था। 

शिवपुरी जिले के यह ऐसे दो मामले है जो मानव तस्करी से जुड़े है। शिवपुरी और ग्वालियर में मानव तस्करी के मामले सामने आने के बाद पुलिस ने कोई प्रभावी कार्यवाही इस ओर नहीं उठाई है। पकड़े गए लोगों से भी गहन पूछताछ नहीं की गई है। सूत्र बताते हैं कि शिवपुरी जिले के कोलारस, बदरवास, सुभाषपुरा, पोहरी और बैराढ़ क्षेत्र से आदिवासी बस्तियों से कई आदिवासी लड़कियां पिछले कुछ सालों में गायब हुई है। गायब लड़कियों के रिकॉर्ड को लेकर भी पुलिस इस मामले में गहनता से सक्रिय नहीं हुई है। पुलिस इस मामले में सक्रिय होती है तो मानव तस्करों के जो तार शिवपुरी से जुड़े है उसका खुलासा हो सकता है मगर पुलिस महकमा इस मामले में संवेदनशीलता नहीं दिखा रहा है। 


गंभीरता से जांच की जरूरत : एकता परिषद 


आदिवासियों के लिए काम करने वाली संस्था एकता परिषद के जिला संयोजक रामप्रकाश शर्मा का कहना है कि शिवपुरी जिले की कई आदिवासी बस्तियों से कई लड़कियां विभिन्न स्थानों पर बेची गई है। जिनकी समय-समय पर एकता परिषद ने शिकायत की है मगर पुलिस ने कोई प्रभावी कार्यवाही नहीं की। नरवर के कल्याणपुर और रन्नौद के माढ़ागणेशखेड़ा से आदिवासी लड़कियों के अन्य स्थानों पर बेचे जाने के जो मामले सामने आए है वह इस बात का प्रमाण है कि शिवपुरी में मानव तस्करी जोरों पर है इसकी जांच होना चाहिए। 


क्या कहते हैं अधिकारी


शिवपुरी पुलिस ने मानव तस्करी से जुड़े मामलों में तत्काल सूचना मिलने पर कार्यवाही की है। नरवर के कल्याणपुर में नाबालिग लड़की को मुरैना में बेचे जाने के मामले में तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है इसके अलावा पिछले दिनों मानव तस्करी को रोकने के लिए पुलिस अधिकारियों की एक ट्रेनिंग भी कराई गई, जिन-जिन स्थानों से हमें इस मामले में कोई तथ्यपरक सूचनाऐं मिलेंगी तो हम कार्यवाही करने से नहीं हिचकिचाऐंगें।

आर.पी.सिंह
पुलिस अधीक्षक,शिवपुरी