नरवर चुनाव: BJP की प्रतिष्ठा दांव पर

राजू (ग्वाल)यादव/ शिवपुरी/ शिवपुरी जिले की नगर पंचायत नरवर में अध्यक्ष पद सहित वार्ड पार्षदों के लिए हो रहे चुनाव में भाजपा की प्रतिष्ठा दांव पर लग गई है। अध्यक्ष की कुर्सी के लिए प्रत्याशी चयन के मामले में भाजपा ने दिखाई देरी पार्टी के लिए मुसीबत का सबब बन गई है।

देर से घोषित प्रत्याशी के बाद अंतत: भाजपा ने जिनेन्द्र जैन उर्फ बल्लो को मैदान में उतारा है वहीं कांग्रेस ने भाजपा से आए  मनोज माहेश्वरी को टिकिट देकर अध्यक्ष की कुर्सी हथियाने की कोशिश की है। नरवर नगर पंचायत के चुनाव पर सबकी नजरें लगी है। क्योंकि यह नरवर क्षेत्र मध्यप्रदेश भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष नरेन्द्र सिंह तोमर के गृह जिले ग्वालियर के संसदीय क्षेत्र में आता है। इसके अलावा यशोधरा राजे सिंधिया भी इसी इलाके से भाजपा सांसद है। यशोधरा राजे सिंधिया के संसदीय क्षेत्र में भी नरवर नगर पंचायत आता है। भाजपा के दिग्गज नेताओं का गढ़ होने के कारण सबकी नजरें इस चुनाव के परिणामों पर लगी है। 

अभी कुछ दिनों पहले ही भाजपा प्रदेशाध्यक्ष की कुर्सी संभालने वाले नरेन्द्र सिंह तोमर के लिए अपने गृह जिले ग्वालियर के संसदीय क्षेत्र का नरवर नगर पंचायत का चुनाव जीतना जरूरी हो गया है। प्रदेशाध्यक्ष बनने के बाद उनके ही गढ़ में पहला चुनाव है। इसी क्रम में नरेन्द्र सिंह तोमर ने भी अपने खास सिपेहसलार व अपने गुट के नेताओं को नरवर में मोर्चा संभालने के निर्देश जारी कर दिए है। 

आगामी 16 जनवरी को यहां पर मतदान है। नरेन्द्र सिंह तोमर स्वयं भोपाल से इस चुनाव पर मॉनीटरिंग कर रहे है। कुछ खास नेताओं को यहां पर विशेष चुनावी ड्यूटी में लगाया है इनमें भाजपा के जिलाध्यक्ष रणवीर रावत, ओमप्रकाश जैन ओमी, देवेन्द्र जैन, ओमप्रकाश खटीक और संगठन मंत्री श्याम महाजन शामिल है। सूत्र बताते हैं कि नरेन्द्र सिंह तोमर ने इस चुनाव में विशेष दिलचस्पी ली है कारण यह है कि उनके गृह जिले के संसदीय क्षेत्र का यह चुनाव है और प्रदेशाध्यक्ष की कुर्सी संभालने के बाद पहला चुनाव हो रहा है। आगामी नवम्बर 2013 में होने वाले विधानसभा चुनावों को देखते हुए कांग्रेस पर बढ़त बनाने की दृष्टि से इस चुनाव में भाजपा की जीत जरूरी है। यहां मिली जीत कार्यकर्ताओं में भी एक नया जोश दिलाएगी और मानसिक रूप से भी पार्टी को परिपक्व करेगी। इसी कारण से भाजपा की प्रतिष्ठा से इस चुनाव को जोड़कर देखा जा रहा है। 


यशोधरा खेमे के नेता आउट


प्रत्याशी चयन में यशोधरा की ना चलने के कारण पूरे चुनाव में भाजपा यहां दो खेमों में बंट चुकी है। कोलारस विधायक देवेन्द्र जैन ने यहां पर अपने खास रिश्तेदार जिनेन्द्र जैन बल्लो को टिकिट दिलाया है। प्रत्याशी चयन में देवेन्द्र जैन की लॉबी हावी रहने के कारण यशोधरा समर्थक नेताओं ने इस चुनाव से दूरी बना ली है। बुधवार को पार्टी प्रत्याशी द्वारा पर्चा दाखिल करते वक्त यशोधरा समर्थक उपस्थित जरूर थे मगर उनके चेहरों पर लटकी मायूसी साफ तौर पर यह बात बयां कर रही थी कि यहां माहौल उस प्रकार का नहीं है जिस प्रकार का होना चाहिए था। पार्टी से जुड़े सूत्रों का कहना है कि सांसद यशोधरा राजे सिंधिया ने अभी अपने गुट के नेताओं को इस चुनाव में क्या करना है इस बारे में कोई विशेष दिशा निर्देश जारी नहीं किए है। एक यशोधरा समर्थक नेता ने नाम ना छापने की शर्त पर बताया कि ऊपर से आए निर्देशों के बाद ही इस चुनाव में हमारे गुट के नेता काम करेंगें अभी जिन लोगों ने टिकिट बांटा है वह ही अपना काम करें। 


गुटीय राजनीति को मिला बढ़ावा


पार्टी सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार नरवर नगर पंचायत के चुनाव में भाजपा की ओर से प्रभारी बनाए गए देवेन्द्र जैन और ओमप्रकाश खटीक की नियुक्ति को लेकर भी खासा विवाद गहरा गया है। सूत्र बताते हैं कि यहां के प्रभारी बनाए जाने को लेकर पार्टी के संगठन मंत्री श्याम महाजन ने एकतरफा फैसला लिया। संगठन मंत्री ने बगैर किसी वरिष्ठ नेताओं की सलाह से यहां प्रभारियों की नियुक्ति की। यशोधरा राजे सिंधिया के संसदीय क्षेत्र में आने वाले नरवर में प्रभारियों की नियुक्ति में भाजपा नेत्री यशोधरा से ही सलाह मशिवरा नहीं किया गया। अब गुटीय राजनीति को बढ़ावा देने के आरोप संगठन मंत्री श्याम महाजन पर लग रहे हैं। मनमाफिक अंदाज में बनाए गए पार्टी प्रभारियों द्वारा अपने लोगों को टिकिट बांट दिए गए। इस पूरे प्रकरण में यशोधरा राजे सिंधिया की चुप्पी पार्टी में चर्चा का विषय बनी हुई है।