सिंधिया घराने का कोई सदस्या नहीं आया प्रचार में

शिवपुरी-नरवर नगर पंचायत में अध्यक्ष और विभिन्न वार्ड पार्षदों के लिए हो रहे चुनाव में भाजपा और कांग्रेस के बीच मुख्य मुकाबला है। अध्यक्ष पद के लिए जिनेन्द्र जैन बल्लो और कांग्रेस ने मनोज माहेश्वचरी को मैदान में उतारा है। भाजपा और कांग्रेस का अभी कोई वरिष्ठ नेता यहां चुनाव प्रचार में नहीं आया है। सिंधिया घराने के बुआ-भतीजे यशोधरा राजे सिंधिया और ज्योतिरादित्य सिंधिया भी अपनी-अपनी पार्टी के उम्मीदवार के पक्ष में अभी तक प्रचार में नहीं आए है।

भाजपा सांसद यशोधरा राजे ङ्क्षसधिया के संसदीय क्षेत्र में आने वाला नरवर नगर पंचायत में यशोधरा के प्रचार में आने की संभावनाऐं थी मगर टिकिट आवंटन में यशोधरा राजे की सलाह न लिए जाने के बाद उनके यहां प्रचार में ना आने की बात कही जा रही है। वहीं दूसरी ओर भाजपा से कांग्रेस में आए मनोज माहेश्वरी के प्रचार के लिए भी कांग्रेस के युवा नेता और केन्द्रीय ऊर्जा राज्यमंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया का अभी कोई कार्यक्रम चुनाव प्रचार के लिए नहीं बना है। ज्योतिरादित्य सिंधिया 10 जनवरी से शिवपुरी जिले के दौरे पर है लेकिन उन्होंने नरवर नगर पंचायत में प्रचार में जाने का अभी कोई कार्यक्रम जारी नहीं किया है। 

सूत्र बताते हैं कि बुआ भतीजे ने जान बूझकर नरवर नगर पंचायत से प्रचार से दूरी बनाई है। खबर है कि भाजपा सांसद  यशोधरा राजे सिंधिया टिकिट आवंटन में उनसे सलाह मुशवरा ना करने के कारण अपनी पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से नाराज है। उनकी चुनाव प्रचार से दूरी इसी कारण से बताई जा रही है। स्थानीय एक यशोधरा समर्थक नेता ने नाम ना छापने की शर्त पर बताया कि  अभी यशोधरा राजे सिंधिया का प्रचार में आने का कोई कार्यक्रम नहीं है। इधर दूसरी ओर ज्योतिरादित्य सिंधिया शिवपुरी जिले में अपने संसदीय क्षेत्र में तो जाऐंगें मगर नरवर में चुनाव प्रचार में नहीं जा रहे है। 

इसके पीछे क्या कारण है यह बात कोई भी कांग्रेसी खुलकर बताने की स्थिति में नहीं है। कांग्रेस के एक नेता का कहना है कि नरवर का चुनाव इतना बड़ा नहीं है कि वहां ज्योतिरादित्य सिंधिया चुनाव प्रचार के लिए आऐं। मगर वहीं कुछ कांग्रेसियों का मानना है कि यहां ज्योतिरादित्य सिंधिया चुनाव प्रचार के लिए आते तो कांग्रेस की स्थिति काफी मजबूत हो सकती थी। 


दोनों पार्टियां गुटबाजी से परेशान


नरवर में 16 जनवरी को होने वाले मतदान में भाजपा और कांग्रेस के बीच मुख्य मुकाबला है। भाजपा और कांग्रेस में ही यहां कांटे की टक्कर है मगर दोनों ही दल गुटबाजी से ग्रस्त देखे जा रहे है। कांग्रेस में भाजपा से आयतित मनोज माहेश्वरी को अध्यक्ष पद के लिए टिकिट देकर कुछ पुराने कांग्रेसी अपनी पार्टी से खफा हो गए है। सूत्र बताते हैं कि कुछ कांग्रेसियों ने बसपा उम्मीदवार को समर्थन दिया है और अघोषित रूप से प्रचार भी कर रहे हैं। जिसकी खबर कांग्रेस को है और इस निगेटिव फैक्टर को रोकने के लिए जिला कांग्रेस के कुछ पदाधिकारी लगे भी है। वहीं दूसरी ओर भाजपा में भी परेशानियां कम होती नहीं दिख रही है। कोलारस विधायक देवेन्द्र जैन ने अपने एक रिश्तेदार को यहां टिकिट दिलवाया है। इस कारण से यशोधरा समर्थक कुछ नेता नाराज है और यह यशोधरा समर्थक अभी नरवर में उतने सक्रिय नहीं हुए है जितना पार्टी के लिए इन्हें काम करना चाहिए था।