ये लो नरवर में दल-बदलुओं पर खेल रही भाजपा कांग्रेस दांव

शिवपुरी-देश के दो बड़े दो एक ओर भारतीय जनता पार्टी तो दूसरी ओर कांग्रेस पार्टी, लेकिन इन दोनों ही पार्टियों में दल-बदलुओं की स्थिति का जायजा लेना है तो इसके लिए जिले की नगर पंचायत नरवर में इन दल-बदलुओं को आसानी से देखा जा सकता है।

यहां एक ओर भाजपा ने कांग्रेस का दामन थामने वाले लक्ष्मीनारायण गुप्ता के चहेते जिनेन्द्र जैन बल्लो पर दांव खेला तो वहीं भाजपा का दामन थामने वाले डॉ.मनोज माहेश्वरी ने पार्टी से टिकिट ना मिलने पर बगावत की और कांग्रेस में शामिल हो गए। 

नरवर नगर में गत दिवस नामांकन पर्चे को जमा करने जब कांग्रेस से मनोज माहेश्वरी पहुंचे तो यहां उनके साथ नगर पंचायत नरवर के चुनाव प्रभारी बने पूर्व विधायक वीरेन्द्र रघुवंशी, हरिबल्लभ शुक्ला, शहर कांग्रेस अध्यक्ष राकेश जैन आमोल, बैजनाथ सिंह यादव, खलील खान मौजूद रहे साथ ही लाबो लश्कर के साथ गर्मजोशी के साथ मनोज माहेश्वरी ने नगर पंचायत नरवर से कांग्रेस उम्मीदवार के रूप में पर्चा भरा जबकि वहीं दूसरी ओर भाजपा के टिकिट पर चुनाव लड़ रहे जिनेन्द्र जैन बल्लो केवल चुनाव प्रभारी देवेन्द्र जैन व अन्य दो-पांच भाजपाईयों के साथ पर्चा भरने पहुंचे। यहां इन दोनों की स्थितियों को देखकर जहा भाजपा और कांगे्रस के अंदरूनी हल्कों में शोर मचना शुरू हो गया है तो वहीं मतदाता भी अब स्व विवेक से निर्णय लेने की भूमिका में नजर आ रहा है। खैर यह तो आने वाला समय ही बताएगा कि नगर पंचायत नरवर में इन दल-बदलुओं की क्या हालत होती है। 

देखा जाए तो नरवर नगर में इन दिनों दल बदलुओं को महत्व दिए जाने से कांग्रेस और भाजपा दोनों ही दलों में असंतोष का सैलाव उमड़ता हुआ दिख रहा है। यहां तो भाजपा के  विधायक रमेश खटीक और शब्बीर खान की नाराजी की खबरें आ रही हैं। दोनों वरिष्ठ नेता चाहते थे कि पार्टी टिकिट डॉ. माहेश्वरी को दे, लेकिन भाजपा ने इनके स्थान पर लक्ष्मीनारायण गुप्ता के प्रस्ताव और एक तरह से अल्टीमेटम को अधिक महत्व दिया। 

वैसे भी शब्बीर खान और लक्ष्मीनारायण गुप्ता के बीच पटरी नहीं बैठती और यहां जनेन्द्र जैन को टिकिट दिलाने में लक्ष्मीनारायण के अलावा नरवर के वरिष्ठ नेता लक्ष्मण सिंह गुर्जर की भी महत्वपूर्ण भूमिका रही है। उनसे भी शब्बीर खान की नहीं पटती है। राजनैतिक हलकों में चर्चा चलने लगी है कि नरवर चुनाव में भाजपा को भितरघात का सामना करना पड़ेगा। पार्टी की गुटबाजी के कारण संकेत मिल रहे हैं कि वरिष्ठ भाजपा नेत्री और स्थानीय सांसद यशोधरा राजे सिंधिया भी चुनाव प्रचार से दूर रहेंगी। चुनाव प्रचार की कमान विधायक देवेन्द्र जैन और प्रदेशमंत्री ओमप्रकाश खटीक ने संभाली है। 

जिनेन्द्र जैन को टिकिट देने में प्रभारियों की सक्रिय भूमिका के कारण भी नरवर भाजपा में असंतोष देखा जा रहा है। स्थानीय भाजपा कार्यकर्ता चुनाव की कमान थामने से झिझक रहा है। इन सब स्थितियों से भाजपा प्रत्याशी कैसे निपटते हैं? यह देखना दिलचस्प रहेगा। भाजपा की दिक्कत तब और बढ़ गई जब एक अल्पसंख्यक वर्ग के प्रत्याशी ने पार्टी के टिकिट को ठोकर मारकर बसपा से चुनाव लडऩे की घोषणा की। नरवर में एंटीइन्कंबसी फेक्टर का शिकार भी भाजपा प्रत्याशी को होना पड़ेगा। क्योंकि नपं की वर्तमान अध्यक्ष अनीता लक्ष्मीनारायण गुप्ता का समर्थन भाजपा प्रत्याशी को है। चुनाव में कांग्रेस की समस्या भी कम गंभीर नहीं हैं। 

डॉ. माहेश्वरी से पूर्व कांग्रेस में अध्यक्ष पद के सात दावेदार थे। इनमें कुशवाह, अल्पसंख्यक वर्ग के नेता भी शामिल थे। लेकिन डॉ. माहेश्वरी को टिकिट मिलने से इन वर्गों में नाराजी उभर सकती है। सूत्र बताते हैं कि सिंधिया दरबार के एक चर्चित जीहजूरिए नेता पार्टी से बगावत कर अब निर्दलीय रूप से चुनाव लडऩे की योजना बना रहे हैं। डॉ. माहेश्वरी को टिकिट मिलने से यह संदेश भी प्रसारित हो रहा है कि कांग्रेस के पास अन्य कोई सशक्त प्रत्याशी नहीं था। जिले के कांग्रेस नेताओं ने अवश्य नरवर आकर डॉ. माहेश्वरी का फॉर्म भरवाया। अब तो यहां के दल बदलूओं की क्या स्थिति होने वाली है यह मतदाता ही तय करेंगें।