बेटी के छाती पर ये कैसा केण्डल मार्च

विशेष रिपोर्ट/ ललित मुदगल/ शिवपुरी। ये क्या एक ओर तो राज्य सरकार महिलाओ के आत्म सम्मान के लिए नारी सम्मान के लिए हजारों हाथ उठा रहा है इसके लिए हजारों रूपये प्रचार-प्रसार के रूप में राज्य शासन की पहल पर प्रशासन द्वारा खर्च किया जा रहा है जिसमें बड़े-बड़े बैनर होर्डिग्स के माध्यम से नारियों को और जनमानस को यह जताने का प्रजेंटेंशन किया जा रहा है

कि नारी सम्मान के प्रति राज्य व प्रशासन कितना सेंसटिव है यही अंदाजा तो इसी बात से लगाया जा सकता है कि गाहे-बगाहे जोर-जबर्दस्ती करके पूरे प्रशासन ने अच्छी खासी महिलाओं और युवतियों की भीड़ इकटठी कर ली। हम यह नहीं कहते कि यहां जागरूकता नहीं हम यह दर्शाना चाहते है कि वास्तविक मन से नारी सम्मान करने वाली राज्य सरकार और प्रशासन उस वक्ता कहां गया था जब शहर के ही बीचों बीच एक विवाहित अपने दो अबोध मासूम बालिकाओं को लेकर दर-दर की ठोंकरें खा रही है। जी हां! 

हम बात कर रहे है शहर के गुरूद्वारा क्षेत्र में घर से निकाली गई एक नव विवाहिता की जो अपने मासूम दो अबोध बच्चों के साथ शिवपुरी प्रशासन से लेकर मुख्यमंत्री तक से न्याय की गुहार लगा चुकी है।आखिर इसलिए घर छोडऩा पड़ा कि उसने अपनी इज्जत अपने कलियुगी ससुर के हवाले नहीं की और पति को उसके पिता के चरित्र के बारे में बताया तो पति ने घर से भगा दिया। 

और इधर प्रशासन ने नारी सम्मान की रक्षा के लिए सरकारी खर्चें पर इतना बड़ा आयोजन कर दिया और सरकारी पत्रकार द्वारा पत्रकारों के लिए ये प्रेसनोट भेज दिया-पढिय़े इस प्रेसनोट को...। और जानिए प्रशासन की कथनी और करनी में अंतर...-

महिलाओं के अधिकारों की रक्षा और महिलाओं के प्रति अपराधों को रोकने के लिए भारत के संविधान के तहत प्राप्त अधिकारों का उपयोग करते हुए नारी सम्मान के लिए सदैव तत्पर रहने की शपथ आज स्थानीय पोलोग्राउण्ड पर हजारों लोगों ने ली। नारी सम्मान और रक्षा के प्रति जनचेतना जागृत करने तथा समाज के प्रत्येक व्यक्ति का इस और ध्यानाकर्षण करने के उद्धेश्य से राज्य सरकार की पहल पर नारी सम्मान रक्षा केण्डल मार्च स्थानीय मानस भवन से पोलो ग्राउण्ड तक आयोजित किया गया तथा पोलो ग्राउण्ड पर विधायक पोहरी श्री प्रहलाद भारती ने मुख्यमंत्री के संदेश का वाचन किया तथा नगर पालिका अध्यक्ष श्रीमति रिशिका अष्ठाना ने सभी को नारी सम्मान और रक्षा की शपथ ग्रहण कराई। इस कार्यक्रम में विधायक प्रहलाद भारती, नगर पालिका अध्यक्ष श्रीमति रिशिका अष्ठाना, संभागायुक्त एस.बी.सिंह, कु. शैला अग्रवाल समाजसेवी, अनेक महिला समाज संगठनों के प्रतिनिधि, कलेक्टर आर.के.जैन, पुलिस अधीक्षक आर.पी.सिंह, मुख्य कार्यपालन अधिकारी संदीप माकिन, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अमित सिंह, डिप्टी कलेक्टर के.आर.चौकीकर, डिप्टी कलेक्टर नीतू माथुर, उप संचालक महिला एवं बाल विकास श्रीमति उपासना राय सहित बड़ी संख्या में महिलाऐं एवं बच्चे व जनप्रतिनिधि सम्मिलित हुए।


सामाजिक चेतना विकसित करने के उद्धेश्य से आयोजित इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का संदेश का वाचन विधायक पोहरी  प्रहलाद भारती ने किया, उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने प्रदेश की जनता के नाम संदेश में कहा कि ''सबसे पहले तो हम उन शहीदों का श्रद्धापूर्वक स्मरण करेंगे जिन्होंने अभी हाल में सीमा पर पाकिस्तानी आक्रान्ताओं से मुठभेड़ में अपना जीवन देशहित में न्यौछावर कर दिया और जिन्होंने देश के भीतर नक्सलवादी हिंसा के विरूद्ध संघर्ष करते हुए अपने प्राणों की बाजी लगा दी। उन्हें हमारी कृतज्ञता पूर्ण श्रव्द्धांजलि। मुख्यमंत्री ने कहा है कि आज हम सब यहां नारी के सम्मान की रक्षा कता संकल्प लेने हेतु एकजुट हुए है। हमारे देश की संस्कृति में हम मानते आए है कि यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते रमन्ते तत्र देवता अर्थात जहां नारी की पूजा होती है, वहां देवताओं का वास होता है। स्त्री-पुरूष समानता के सिद्धान्त को हमारे देश के संविधान की प्रस्तावना, मौलिक अधिकारों और मौलिक कत्तव्यों में शामिल किया गया है। वहां तो यह भी अपेक्षा की गई है कि नारी को सिर्फ बराबरी ही नहीं दिलानी होगी, बल्कि उसके पक्ष में सकारात्मक पहल भी करनी होगी। उसी देश में आज जगह-जगह गांवों और शहरों में भारतीय नारी की अस्मिता और प्रतिष्ठा पर आक्रमण हो रहे है। यह स्थिति सरासर असहनीय है। 

नारी सिर्फ त्याग करते रहने के लिए नहीं है। उसके भी अपने हक एवं मांगें है, जिनके प्रति भी हमारी जागृति और निष्ठा होनी चाहिए। हमारा समाज नारी को शक्ति मानकर उसकी पूजा करता आया है। उसी समाज को आज अपने ही भीतर झांककर देखने की जरूरत है कि उसकी आस्था और आचरण के बीच इतना बड़ा फर्क कैसे आ गया। हम मानते है कि नारी गीता, गंगा और गायत्री है हम मानते है कि नारी सीता, सत्या और सावित्री है। अपनी इस मान्यता को हमे जीकर दिखाना है। जीवन-यज्ञ में नारी की बराबर की हिस्सेदारी है। घर में भी, और बाहर भी। जिस मानसिक, शारीरिक, पारिवारिक और सामाजिक आघात से ऐसी ज्यादती की शिकार नारी को गुजरना पड़ता है, वहां हमारा कत्र्तव्य उसे सहायता, संवेदना और सहानुभूति देना है, न कि उसके जख्मों पर प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष तरीके से नमक छिड़कना। 

जो समाज स्त्री के गौरव को बरकरार नहीं रख सकता, प्रगति और विकास के उसके दावों पर भरोसा नहीं किया जा सकता। नारी को हम सिर्फ मां, बहन, बेटी, पत्नि के रिश्तों में होने के कारण ही सम्मान की पात्र नहीं मानें, बल्कि उसके अपने वजूद और व्यक्तित्व के कारण सम्मान की हकदार समझें। हमें समझना होगा कि जो लोग नारी पर ज्यादती करते है, वे न केवल कानून के गुनहगार हैं, अपितु हमारे समाज, संस्कृति और संपूर्ण मानवता के अपराधी है। मुख्यमंत्री के संदेश के वाचन के बाद नगर पालिका अध्यक्ष ने नारी रक्षा के लिए सभी उपस्थित जनों को शपथ ग्रहण कराई। तथा देश की सीमा पर शहीद हुए वीरों को याद किया। समारोह के अंत में नई दिल्ली में शहीद हुई ''दामिनी'' को भी श्रद्धासुमन अर्पित किए गए तथा राष्ट्रगीत के साथ समारोह का समापन हुआ।