क्या दद्दा और जैन को देना होगा इस्तीफा...?

शिवपुरी-जी हां! यह घोषणा अब सर्वविदित हो चुकी है कि जयपुर में अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के चिंतन शिविर में यह साफ संकेत ही नहीं बल्कि पार्टी के हर पद जिलाध्यक्ष व ब्लॉक अध्यक्ष के पद का निर्वहन करने वाले पदाधिकारी अब यदि चुनाव लडऩे के इच्छक है तो उन्हें अपने पद से इस्तीफा देना पड़ेगा।

इस खबर से शिवपुरी अंचल में अब कांग्रेस के जिलाध्यक्ष और शहर कांग्रेस अध्यक्ष के बीच बड़ा संकट आ खड़ा हुआ है जहां आने वाले समय में कांग्रेस पार्टी से जहां कोलारस क्षेत्र से पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष व वर्तमान जिलाध्यक्ष रामसिंह यादव पुन: दावेदारी करने की फिराक में है तो वहीं शिवपुरी विधानसभा से पूर्व विधायक वीरेन्द्र रघुवंशी के बाद अब शहर कांग्रेस अध्यक्ष राकेश जैन आमोल की भी प्रबंल संभावनाऐं नजर आ रही है। ऐसे में इन दोनों ही पदाधिकारियों को  पद का लालच त्यागने का अवसर नजर आता है लेकिन यह संभावना कम ही नजर आती है कि इन दोनों ही उम्मीदवारों को इनकी आशाओं पर कांग्रेस पार्टी द्वारा खरा उतारा जाए। 

जयपुर में आयोजित कांगे्रस के चिंतन शिविर की घोषणाओं को यदि अमली जामा पहनाया गया तो जिला कांग्रेस अध्यक्ष रामसिंह यादव और शहर कांग्रेस अध्यक्ष राकेश जैन आमोल को चुनना होगा कि वह संगठन के पदों पर रहेंगे अथवा विधायक पद के उम्मीदवार बनेंगे। दोनों ही विधानसभा टिकिट के तलबगार हैं। रामसिंह यादव जहां कोलारस से चुनाव लडऩा चाहते हैं। वहीं राकेश जैन की नजर शिवपुरी विधानसभा सीट पर है। ऐसा हुआ तो कांगे्रस को नया जिलाध्यक्ष और शहर कांग्रेस अध्यक्ष चुनना होगा। हालांकि एक सूत्र का यह भी कहना है कि रामसिंह और राकेश जैन को संगठन की जिम्मेदारी के रहते विधानसभा चुनाव हेतु कांग्रेस टिकिट की दौड़ से दूर रहना होगा। 

कोलारस विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस में सबसे ज्यादा मजबूत दावा जिला कांगे्रस अध्यक्ष रामसिंह यादव का माना जाता है। श्री यादव ने यहां से पिछला विधानसभा चुनाव लड़ा था और वह महज 250 मतों से चुनाव में पराजित हुए थे। इस आंकड़े की दृष्टि से टिकिट की दौड़ में रामसिंह यादव सबसे आगे हैं। यह बात अलग है कि कांग्रेस के पास इस क्षेत्र से उम्मीदवारों की कमी नहीं है। उनके अलावा पूर्व विधायक वीरेन्द्र रघुवंशी, जिला कांग्रेस उपाध्यक्ष बैजनाथ सिंह यादव, सांसद प्रतिनिधि हरवीर सिंह रघुवंशी, पूर्व नपं अध्यक्ष रविन्द्र शिवहरे भी टिकिट के दावेदार हैं और सभी दावेदार बेहद मजबूत माने जाते हैं। 

ऐसी स्थिति में रामसिंह यादव कोलारस से चुनाव लडऩे के लिए तब ही पात्र होंगे जब वह जिला कांग्रेस अध्यक्ष पद छोड़ देंगे। हालांकि एक सूत्र का यह कहना है कि प्रदेशाध्यक्ष, जिलाध्यक्ष और ब्लॉक अध्यक्ष को टिकिट की दौड़ से दूर रखा जाएगा और पार्टी उनसे अपेक्षा करती है कि जो जिम्मेदारी उन्हें दी गई है वे उसे ही पूर्ण करें। इसके मायने यह हैं कि पार्टी ने जिलाध्यक्ष अथवा ब्लॉक अध्यक्ष को स्वयं ही टिकिट की दौड़ से दूर कर दिया है। लेकिन टिकिट के तलबगारों का कहना है कि ऐसा नहीं हैं। नियम का अर्थ यह है कि दो पदों में से कोई एक पद चुनना होगा। यदि चुनाव लडऩा चाहते हैं तो संगठन का पद छोडऩा होगा। जिला कांग्रेस अध्यक्ष के नजदीकी सूत्रों से जो संकेत मिले हैं। उससे पता चलता है कि श्री यादव जिलाध्यक्ष पद की अपेक्षा चुनाव लडऩा अधिक पसंद कर रहे हैं। 

यह भी तय हो चुका है कि टिकिट का फैसला चुनाव के तीन माह पूर्व हो जाएगा। ऐसी स्थिति में कांग्रेस को नए जिलाध्यक्ष की तलाश करनी होगी। शहर कांग्रेस अध्यक्ष राकेश जैन आमोल भी इस बार शिवपुरी से विधानसभा चुनाव लडऩा चाहते हैं और उनकी नजर पार्टी टिकिट पर है। ऐसी स्थिति में वह अपनी अध्यक्षी छोडऩे के लिए तत्पर हैं। इसलिए चुनाव के पूर्व कांग्रेस को नए जिलाध्यक्ष और नए शहर कांग्रेस अध्यक्ष को चुनना होगा बशर्ते कि रामसिंह यादव और राकेश जैन आमोल को विधानसभा चुनाव का टिकिट मिले।