करैरा के सोनचिरैया अभ्यारण्य की जानकारी लेने के लिए आई WII की टीम

राजू (ग्वाल) यादव/ शिवपुरी-शिवपुरी जिले के करैरा के नजदीक स्थित सोनचिरैया अभ्यारण्य के बारे में मूल्यांकन करने के लिए दिल्ली से वाईल्ड लाईफ इंस्टीट्यूट ऑफ इण्डिया(डब्ल्यू आई आई) की एक चार सदस्यीय टीम ने यहां का दौरा किया है।

करैरा अभ्यारण्य में पार्क प्रबंधन के कार्य एवं इस पार्क के कारण ग्रामीणों को होने वाली परेशानियों के बारे में दिल्ली से आई इस टीम ने जानकारी एकत्रित की है। इस टीम ने शिवपुरी के सोनचिरैया अभ्यारण्य में तीन दिन तक रहकर विलुप्त हो चुकी सोनचिरैया की मौजूदगी और वहां के हालातों को लेकर भी आंकलन किया है। यहां पर तीन दिन तक अपना मूल्यांकन कार्य करने वाली डब्ल्यू आई.आई.की यह टीम दिल्ली में रिपोर्ट देगी। पिछले तीन दिनों से टीम के सदस्य अभ्यारण्य में मूल्यांकन कार्य कर रहे है।   

इस टीम में डब्ल्यू आई.आई. के चेयरमैन और रिटायर्ड सीसीएफ डी.एन.एस.सुमन, वैज्ञानित डॉ.जसटस जोशुआ, योगेश दुबे एवं वाईल्ड लाईफ वैज्ञानिक पी.सी.त्यागी शामिल है। पिछले तीन दिनों से इस टीम ने सोनचिरैया अभ्यारण्य का दौरा कर यहां वन विभाग द्वारा चलाई जा रही गतिविधियों के बारे में जानकारी ली। इसके अलावा इस अभ्यारण्य के अंतर्गत आने वाले 32 गांवों के ग्रामीणों से भी चर्चा की है। इस टीम के शिवपुरी आने का उद्देश्य इस अभ्यारण्य के हालात और यहां रहने वाले लोगों की स्थिति का आंकलन करना है। उल्लेखनीय है कि करैरा के सोनचिरैया अभ्यारण्य को बंद करने की मांग यहां के ग्रामीणों द्वारा कई बार की जा चुकी है। इस अभ्यारण्य में 32गांव आते है और यहां भूमि के क्रय-विक्रय पर प्रतिबंध है। सोनचिरैया कई सालों से देखने को नहीं मिली है लेकिन फिर भी अभ्यारण्य चल रहा है जिसके कारण ग्रामीणजनों को अपने जीवनोपार्जन में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। दिल्ली से आई यह टीम यहां का मूल्यांकन एवं अन्य जानकारी एकत्रित करके केन्द्र सरकार को सौपेंगी। इसके बाद ही इस अभ्यारण्य के बारे में फैसला केन्द्र सरकार लेगी।
 

चुनाव में रहता है मुख्य मुद्दा


सोनचिरैया अभ्यारण्य के अंतर्गत आने वाले 32 गांवों के ग्रामीणों को हो रही परेशानी का मामला चुनावों के समय प्रमुख तौर पर सामने आता है। यहां के ग्रामीण कई बार जनप्रतिनिधियों के समक्ष अपनी परेशानियां बता चुके है। पिछले दिनों शिवपुरी जिले के नरवर में अन्त्योदय मेले में आए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी इस अभ्यारण्य को बंद करने की बात सार्वजनिक सभा में कही थी। इस अभ्यारण्य के अंतर्गत आने वाले 32 गांवों में हजारों की संख्या में मतदाता है जो चुनावों के समय मुख्य फैक्टर होते है। अब देखना है कि दिल्ली से आई डब्ल्यू आई आई की टीम इस बारे में अपनी रिपोर्ट क्या देती है?
 

क्या कहते हैं दल के प्रमुख


दिल्ली से आए वाईल्ड लाईफ इंस्टीट्यूट ऑफ इण्डिया के चेयरमैन डी.एन.एस.सुमन ने बताया कि उन्होंने तीन दिन यहां रूककर अभ्यारण्य में चलने वाली गतिविधियों के बारे में जानकारी ली है साथ ही यहां के ग्रामीणों से चर्चा की है। यह रिपोर्ट हम केन्द्र सरकार को सौंपेंगे उसके बाद ही कोई फैसला इस बारे में होगा।