शहर में विद्युत परियोजनाऐं चढ़ी भ्रष्टाचार की भेंट

राजू (ग्वाल) यादव/ शिवपुरी/ शिवपुरी जिले के दूर दराज के गांव में बिजली पहुंचाने और बिजली लाईनों को दुरूस्त करने के लिए केन्द्र सरकार की मदद से मध्य प्रदेश में शुरू की गई विद्युत से जुड़ी कई योजनाओं की स्थिति खराब है। राजीव गांधी विद्युतीकरण योजना, आरएपीडीआरपी योजना और फीडर सेपरेशन योजना भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई है। शिवपुरी जिले में इन तीनों योजनाओं के अंतर्गत करीब 170 करोड़ के बजट से काम कराया जा रहा है मगर इस योजना में विद्युत विभाग के अधिकारियों और ठेकेदारों ने सेंध लगा दी है। शिवपुरी जिले में इन तीनों ही विद्युत योजनाओं में जमकर भ्रष्टाचार हो रहा है। योजना की गति  काफी धीमी है और अभी योजना के पूरे होने में कई साल लगेंगे।

शिवपुरी जिले में आरएपीडीआरपी योजना के अंतर्गत 27 करोड़ रूपए के काम कराए जाना है जिसमें शिवपुरी शहर के 16 फीडरों पर खराब विद्युत लाईन को दुरूस्त करने, ट्रांसफार्मर बदलने और नई विद्युत केबल डालने का काम किया जाना है। शिवपुरी में गोदरेज कम्पनी को यहां काम का ठेका दिया गया है मगर इस योजना की स्थिति यह है कि काम की गति काफी धीमी है। मार्च 2013 तक इस काम को पूरा किया जाना है मगर अभी तक शिवपुरी शहर के 16 फीडरों में से एक फीडर पर ही काम पूरा हो सका है। इसी तरह राजीव गांधी विद्युतीकरण योजना में शिवपुरी जिले में 68 करोड़ रूपए के बजट से अविद्युतीकृत ग्रामों में विद्युतीकरण, बीपीएल परिवारों के घरों पर बिजली पहुंचाना जैसे काम होने थे। 

हाईथ्रो पॉवर कम्पनी गुडग़ांव को यहां पर काम दिया गया। वर्तमान में हालत यह है कि जो लक्ष्य राजीव गांधी विद्युतीकरण योजना में दिया गया था उसका 30 फीसदी काम भी पूरा नहीं हो सका है। इसी तरह फीडर सेपरेशन योजना में 75 करोड़ के बजट से करीब 100 ग्रामीण फीडरों का विभक्तिकरण और नई केबलिंग व नए विद्युत खम्बे व ट्रांसफार्मर लगाए जाने की योजना थी मगर इस योजना की गति भी काफी धीमी है। दिसम्बर 2012 तक फीडर सेपरेशन योजना के तहत काम पूरा करना है। 

मगर जिस तरह से काम वर्तमान में चल रहे हैं उससे लगता नहीं कि दिसम्बर तक योजना पूरी हो सकेगी। शिवपुरी जिले में आरएपीडीआरपी योजना, राजीव गांधी विद्युतीकरण, फीडर सेपरेशन योजना में करोड़ों रूपए का बजट केन्द्र सरकार ने मध्य प्रदेश सरकार को उपलब्ध कराया है। इन विद्युत परियोजनाओं में अधिकारियों और ठेकेदारों द्वारा संगठित रूप से गिरोह बनाकर योजनाबद्ध ढंग से करोड़ो के बजट वाली योजना को पलीता लगा दिया है। शिवपुरी जिले में इन तीनों योजनाओं में निविदा की निर्धारित शर्तों का पालन नहीं किया जा रहा। विद्युत खम्बे व ट्रांसफार्मर लगाने में भी मानकों के अनुसार काम नहीं हो रहा। घटिया निर्माण सामग्री का उपयोग किया जा रहा है। 

विद्युत विभाग के अधिकारियों के संरक्षण में इस योजना में लगी कम्पनियां जमकर भ्रष्टाचार का खेल खेल रह हैं। निर्धारित मानकों के विद्युत खम्बे लगाए नहीं जा रहे हैं। घटिया ट्रांफार्मरों का उपयोग हो रहा है। बीते कुछ दिनों पहले तो घटिया काम की पोल बारिश के दौरान कई विद्युत खम्बे एवं लाईनें गिरने से सामने आ चुकी है मगर मॉनीटरिंग करने वाले अधिकारी इस भ्रष्टाचार को दबाने में लगे हुए हैं। निर्माण में लगी एजेंसियों से मोटा कमीशन लेकर विद्युत विभाग के अधिकारी इन प्रोजेक्टों में जमकर सेंध लगा रहे हैं। 

घटिया पोल व सामग्री का उपयोग


शिवपुरी में आरएपीडीआरपी योजना, राजीव गांधी विद्युतीकरण और फीडर सेपरेशन योजना में काम करने वाली कम्पनियों द्वारा निर्धारित मानकों का पालन नहीं किया जा रहा। घटिया काम के साथ-साथ सामग्री भी घटिया प्रकार की लगाई जा रही है। जैसे जिन मानक खम्बों को लगाया जाना चाहिए उसकी बजाय घटिया स्तर के खम्बे लगाए जा रहे हैं। खम्बों को लगाने के दौरान जमीन में 4 से 5 फीट के गहराई में गड्डे खोदकर खम्बे गाड़े जाना चाहिए मगर दो से ढाई फीट का गड्डा खोदकर खम्बे लगाए जा रहे हैं। घटिया किस्म के तार और ट्रांसफार्मर भी उपयोग में लाए जा रहे हैं।  अधिकारियों को भी इस बात की जानकारी है मगर वह प्रोजेक्ट में लगी कम्पनियों से मिलीभगत करके इस गड़बड़घोटाले को संरक्षण दिए हुए हैं। 

मंत्री की फटकार भी नहीं आई काम 


शिवपुरी जिले में करीब 170 करोड़ के बजट से संचालित हो रही विद्युत से जुड़ी योजनाओं में लेट-लतीफी और गड़बड़ी पर प्रदेश के ऊर्जा मंत्री राजेन्द्र शुक्ल भी नाराजगी जाहिर कर चुके हैं। शिवपुरी में गत दिनों गुना, अशोकनगर, शिवपुरी के मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण के अधिकारी और इस प्रोजेक्ट से जुड़े ऑफीसरों की बैठक में ऊर्जा मंत्री ने कार्य की गति को लेकर नाराजगी जाहिर की। फीडर सेपरेशन योजना के काम में धीमी गति को लेकर ऊर्जा मंत्री ने साफ कहा कि दिसम्बर 2012 तक हर हाल में काम पूरा करना है। शिवपुरी के कई जनप्रतिनिधियों ने भी इस मामले में ऊर्जा मंत्री को शिकायत दर्ज कराई कि निर्धारित मानकों का इन योजनाओं में पालन नहीं हो रहा है। अधिकारियों का एक रैकेट भ्रष्टाचार को बढ़ावा दे रहा है। ऊर्जा मंत्री ने इस मामले में कारवाई का आश्वासन दिया। 

पूरे संभाग में स्थिति खराब


राजीव गांधी विद्युतीकरण योजना का पूरे संभाग में बुरा हाल है। 10वीं पंचवर्षीय योजना में गुना और अशोकनगर में बजट मंजूर हुआ जबकि 11वीं पंचवर्षीय योजना में शिवपुरी, मुरैना, दतिया और श्योपुर जिले में कार्य कराए जा रहे हैं। इस योजना में पूरे संभाग में काम की स्थिति खराब है। धीमी गति से काम हो रहे हैं। इस प्रोजेक्ट में लगी कम्पनियों के पास मैन पॉवर की कमी है। जो समयावधि में काम पूरे होने थे उनमें काम पूरा नहीं हो पाया है। केन्द्र सरकार की जो मंशा थी कि अविद्युतिकृत गांव में बिजली पहुंचे वह मंशा अभी तक पूरी नहीं हुई है। बजट को अधिकारियों और ठेकेदारों का एक रैकेट चट कर रहा है। 
बॉक्स

मुख्य बातें:-
* योजना में कई जगह घटिया काम के कारण बिजली खम्बे गिर रहे हैं। 
* काम की गति धीमी है, जो समयावधि दी गई थी उसमें काम होना सम्भव नहीं।
* मैन पॉवर की कमी से काम पिछड़ा।
* 170 करोड़ की तीनों योजनाओं में कमीशन के लालच में अधिकारी भी मॉनीटरिंग नहीं कर रहे हैं। 
* घटिया काम के कारण योजना भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ी। 
* मॉनीटरिंग के लिए तीनों योजनाओं में नोडल अधिकारी का अभाव।

घटिया काम की खुली पोल, विद्युत पोल गिरा


बड़ी घटना होने से टली, कॉलोनीवासियों ने की निर्माण काम के जांच की मांग 
शिवपुर- शिवपुरी शहर में आरएपीडीआरपी योजना अंतर्गत विद्युत सुधार की योजना में संबंधित एजेंसी और अधिकारियों द्वारा जमकर भ्रष्टाचार किया जा रहा है। शहरी क्षेत्र में विद्युत पोल लगाने,तार खींचने एवं नए ट्रांसफर लगाने के काम में जमकर भ्रष्टाचार हो रहा है। मंगलवार को शहर के वाल्मिक कॉलोनी में विद्युत पोल उखड़ गया जिससे एक महिला घायल हो गई जबकि बाईक सवार युवक बाल-बाल बच गया। कॉलोनीवासियों ने ठेकेदार पर घटिया निर्माण का आरोप लगाया है। 

प्राप्त जानकारी के अनुसार बिजली कंपनी ने शहर में सीमेंट से निर्मित खम्बे लगाने का ठेका बाहर के एक ठेकेदार को दिया है। जो शहर में खम्बे लगाने का कार्य कर रहा है। आरोप है कि इन खम्बों में घटिया सामग्री का इस्तेमाल किया गया है। जिससे यह खम्बे पूर्व में कई बार गिर चुके हैं और कई लोग इन खम्बों की चपेट में आने से घायल हो गए और कई लोगों को अपनी जान से भी हाथ धोना पड़ा। लेकिन प्रशासन फिर भी नहीं चेता और विद्युत विभाग भी बेखबर बना रहा और ठेकेदार पर कोई भी कार्रवाई नहीं हुई। 

आज ऐसी ही एक घटना बाल्मिक बस्ती में उस समय घटी जब कुछ मजदूर विद्युत लाईन को खम्बों से बांध रहे थे। तभी विद्युत लाईन को खींचते समय एक खम्बा नीचे से टूटकर जमीन पर गिर गया। उसी समय एक महिला विमलाबाई पत्नि महेश खरे घर के दरबाजे पर खड़ी हुई थी तभी उसके ऊपर विद्युत लाईन गिर गई जिससे महिला के हाथ और चेहरे से खून निकलने लगा। 

उसी समय एक बाईकसवार भी रास्ते से गुजर रहा था वह भी उस खम्बे की चपेट में आने से बाल-बाल बच गया। घटना के बाद सभी कॉलोनीवासी वहां एकत्रित हो गए और मजदूर भज्जी रजक, दीपक, रवि, मदन, रघुवीर को पकड़ लिया, लेकिन मजदूर ठेकेदार नारायण रजक ने लोगों को समझाया कि इसमें हमारी कोई भी गलती नहीं है यह तो ठेकेदार की गलती है जिसने इन घटिया खम्बों का निर्माण कराकर लगाए हैं।