अब मंदिर को भी नहीं बख्शा चोरों ने: चांदी के जेवरात सहित नगदी तड़ी

शिवपुरी-किसी ने सच ही कहा है कि इंसानों से क्या आस लगाना, आस लगाना है तो ईश्वर से इसी कथन को शिवपुरी के चोरों ने चरितार्थ करते हुए बीती रात्रि को शहर के मध्य महादेव गली में स्थित महादेव मंदिर को चोरों ने अपना निशाना बना लिया और मंदिर परिसर में स्थित भगवान शंकर, राधा-कृष्ण और लक्ष्मीनारायण के तीनों मंदिरों के ताले तोड़ दिए और लक्ष्मीनारायण मंदिर में लगे हुए दो चांदी के छत्र लेकर भाग निकले। छत के रास्ते से चोरों ने मंदिर में प्रवेश किया।

वहीं मंदिर के पुजारी भगवान का चमत्कार मानते हुए कहते हैं कि लक्ष्मीनारायण मंदिर से चोरों ने जो छत्र चोरी किए हैं उसी मंदिर में करीब 15 किलो चांदी की मूर्तियां रखीं हुई थीं। जिस पर चोरों की नजर तक नहीं पड़ी। इसके बाद चोरों ने बारी-बारी से शंकरजी का मंदिर और राधाकृष्ण के मंदिर के ताले तोड़े, लेकिन वह दोनों मंदिरों की कुंदी चोर खोल भी नहीं पाए। सुबह जब मंदिर का पुजारी 4 बजे मंदिर खोलने के लिए आए तो उन्हें मंदिर के ताले टूटे हुए मिले। इस घटना के बाद पुलिस की रात्रि गस्त व्यवस्था पर फिर से एक सवालिया निशान खड़ा हो गया है। उसके बाद पुजारी ने पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने अज्ञात चोरों के खिलाफ चोरी का मामला दर्ज कर लिया है।
    प्राप्त जानकारी के अनुसार कल रात्रि 9 बजे मंदिर के पुजारी रामानुज अयोध्या वाले मंदिर की आरती के  बाद मंदिर को बंद कर अपने घर चले गए। उसके बाद रात्रि के समय निर्माणाधीन मंदिर में कुछ अज्ञात चोर सुगमता से घुस आए और मंदिर परिसर के अंदर स्थित भगवान शंकर, राधा-कृष्ण और लक्ष्मीनारायण मंदिर में छत के रास्ते से मंदिर के अंदर प्रवेश कर गए और तीनों मंदिरों के ताले तोड़ दिए। सबसे पहले चोरों ने लक्ष्मीनारायण मंदिर को अपना निशाना बनाया और उसमें चांदी के दो छत्र जो मूर्तियों के ऊपर लगे हुए थे उन्हें निकला लिया, लेकिन मंदिर में रखीं करीब 15 किलो चांदी से निर्मित मूर्तियों पर चोरों की नजर तक नहीं पड़ी और बगल में स्थित भगवान शंकर के मंदिर और राधा-कृष्ण के मंदिर के बारी-बारी से ताले तोड़े, लेकिन दोनों मंदिरों के ताले तोडऩे के बाद चोर उन मंदिरों की कुंदी तक नहीं खोल पाए और वह अपना असफल प्रयास करके वहां से भाग निकले। सुबह जब मंदिर के पुजारी रामानुज मंदिर खोलने के लिए आए तो उन्होंने वहां तीनों मंदिरों के ताले टूटे हुए देखे। इसके बाद जब उन्होंने मंदिर में प्रवेश किया तो वहां से चांदी के दोनों छत्र गोल थे। इसके बाद उन्होंने शंकरजी और राधा-कृष्ण के मंदिरों के ताले देखे तो वह भी टूटे हुए देखे तो उन्होंने कुंदी खोलने का प्रयास किया, लेकिन वह कुंदी नहीं खुली। इसे वह भगवान का चमत्कार मान रहे हैं। श्रद्धालुओं का कहना है कि अगर रात्रि के समय पुलिस के जवान गस्त कर रहे होते तो चोरी की यह घटना घटित नहीं होती। क्योंकि पुलिस ने गस्त का एक पोइंट सदर बाजार शर्मा मिष्ठान भण्डार के पास स्थापित किया है। लेकिन वहां कोई गस्त नहीं करता।
 

चोर शराब पिए हुए था


महादेव मंदिर में हुई चोरी में चोर शराब पिए हुए था। इसकी पुष्टि तब हुई जब मंदिर में एक शराब की खाली बोतल पाई गई। मंदिर के पुजारी मंदिर में एक बर्तन में दूध छोड़ गए थे। दूध का बर्तन निर्धारित स्थान से काफी दूर पड़ा मिला और उसमें दूध कम था। इससे स्पष्ट होता है कि चोर ने दूध का सेवन किया। दूध में से शराब की बदबू आ रही है। जिससे चोर के शराबी होने का पता चला।