आर्यिका विनम्रमति माताजी का हुआ शिवपुरी से विहार, सेसई में करेंगी साधना

शिवपुरी/-चार माह की साधना के दौरान यहां के श्रावकों ने कई धार्मिक क्रियाएं आयोजित की हैं। जिनसे जीवन को श्रेष्ठ बनाने का संदेश उन्होंने ग्रहण किया है। अब इस संदेश को ग्रहण करते हुए हमेशा के लिए चारित्रवान बनने और धर्म साधना में रत रहने की आवश्यकता है तब कहीं जाकर हम अपनी आत्मा का कल्याण कर सकते हैं। यह विचार आर्यिका विनम्रमति माताजी ने चन्द्रप्रभु जैन मंदिर पर आयोजित धर्मसभा को संबोधित करते हुए व्यक्त किए। उन्होंने शिवपुरी से पदविहार भी किया। जिसे देश श्रावकों की आंखों से अश्रुधारा बह निकली। वर्तमान में आर्यिका विनम्रमाता सेसई अतिशय क्षेत्र पर धर्म साधना करेंगी। 

बीते चार माह से शहर के चन्द्रप्रभु जिनालय पर चातुर्मास कर रहीं आर्यिका विनम्रमति माताजी ने चातुर्मास निष्ठापन, कलश निष्ठापन, पिच्छिका परिवर्तन के साथ-साथ शिवपुरी से विहार करने का मानस बनाया और वे धर्मसभा में अपना उपदेश देकर शिवपुरी से सेसई के लिए पदविहार कर गईं। दोपहर में जैन मंदिर में आयोजित धर्मसभा में चार माह का अनुभव और विनयांजलि साधकों ने दी तो उपस्थित जनसमुदाय की आंखों में अश्रु छलक उठे। 

विनयांजलि देने वालों में शिमला चौधरी, मोनिका जैन, ऋषभ जैन, राजकुमार जैन, सूरज जैन, राहुल जैन, संजीव बांझल, महेन्द्र रावत एवं अन्य पाठशाला परिवार के वक्ता शामिल थे। विनयांजलि सभा का संचालन राजकुमार जैन राज इलेक्ट्रीकल्स द्वारा किया गया तथा कार्यक्रम के दौरान विशिष्ट सेवाएं देने वाले लोगों का सम्मान चन्द्रप्रभु जैन मंदिर ट्रस्ट कमेटी के अध्यक्ष अजित चौधरी, उपाध्यक्ष सूरज जैन, महामंत्री कन्हैयालाल जैन द्वारा संयुक्त रूप से किया गया।