पी.डब्ल्यू.डी विभाग का कारनामा: गरीब किसान के खेत मे डाली सडक

शिवपुरी-किसान के लिए उसकी रोजी रोटी का सहारा उसका खेत खलिहान होता है जब वही खेत उजाड दिया जाए तो किसान के लिए रोजी रोटी का बडा संकट खडा हो जाता है ऐसा ही एक मामला शिवपुरी के ग्राम ठर्री मे सामने आया है।

जहा लोक निर्माण विभाग ने अपनी मनमानी के चलते एक गरीब किसान के खेत से सड़क निकाल कर सारे खेत को बरबाद कर दिया है साथ ही सडक बनाने में मिटटी को भी खेत से ही निकाल कर खेत को गहरे गडडो मे तब्दील कर दिया है जिससे गरीब किसान के सामने रोजी रोटी की समस्या उत्पन्न हो गई हे वही गरीब किसान का परिवार अब भूखे मरने की कगार पर पहुच गया हैं।

जानकारी के अनुसार ग्राम ठर्री गॉव का किसान मोहन सिंह अपने दो बीघा खेत पर खेती कर अपने परिवार का भरण पोषण करता था लेकिन लोक निर्माण विभाग ने इस किसान से रोजी रोटी का ये जरिया भी छीन लिया। हुआ यू कि किसान मोहन सिंह अपने दस बर्ष के वेटे को कैंसर होने पर ग्वालियर में इलाज करवा रहा था और गॉव मे मोहन के बूढे माता पिता ही थे इस कारण वह दो महीने तक गॉव नही आ सका और बेटे की मौत के बाद जब किसान मोहन सिंह अपने गॉव आया तो अपने खेत के  बीच सडक और बची हुई जमीन पर गहरे गडडे देख दंग रह गया । 

मोहन सिंह ने लोक र्निर्माण विभाग के अधिकारीयो से भी संपर्क किया लेकिन मोहन सिंह को कोई भी संतोष जनक जबाव लेाक निर्माण विभाग की तरफ  से नही मिला और अब मोहन सिंह व उसके परिवार के लिए रोजी रोटी का संकट खडा हो गया है। इस मामले में पीडि़त किसान मोहन सिंह ने जिला प्रशासन से भी इस ओर न्याय की गुहार लगाई है लेकिन उसकी कोइ्र सुनवाई यहां नहीं हो रही जिससे किसान निराश व हताश है अब वह प्रदेश के मुख्यमंत्री को ही अपना सहारा मानकर उनसे न्याय की आस में बैठा है। पीडि़त किसान का कहना है कि यदि उसे न्याय नहीं मिला तो वह जहर खाकर आत्महत्या करने को बाध्य होगा।

इनका कहना है

मेरा पुत्र कैंसर की बीमारी से पीडि़त था और उसका इलाज मैं ग्वालियर में करा रहा था लेकिन बीते तीन माह से मैं अपने पुत्र के इलाज के कारण गांव नहीं आ सका तो यहां पीडब्ल्यूडी विभाग ने मेरे खेत के बीच से रोड़ निकाल दी और इस रोड के लिए मेरे खेत को खोदकर उसे कीचड़ में तब्दील कर दिया है, एक ओर बीमारी से जहां मेरा पुत्र खत्म हो गया तो वहीं दूसरी ओर मेरी जमीन भी बेकार हो गई ऐसे में अब मैं क्या करूं। जिला प्रशासन भी मेरी गुहार नहीं सुन रहा यदि प्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह चौहान कृषक हितैषी दावा करते है तो वह ही मुझे न्याय दिलाऐंगें अन्यथा मैं जहर खाकर आत्महत्या करने को बाध्य होऊंगा।
मोहन सिंह
पीडित किसान ग्राम ठर्री गांव

पीडब्ल्यूडी के अधिकारी ने मुंह मोड़ा


इस मामले पर लोक र्निमाण विभाग के कार्य पालन यंत्री पी.एस. झानीयॉ से जब मीडीया  ने जानना चाहा तो उन्होने कुछ भी कहने से मना कर दिया बाद में जाते वक्त थोड़ी सी चर्चा में पी.एस झानीयॉ ने केवल इतना कहा कि यदि किसान की जमीन के बीच से रोड़ निकाली जा रही है तो उसने समय रहते रोका क्यों नहीं। इस तरह की बयानबाजी से पीडब्ल्यूडी विभाग के अधिकारी ने अपना मुंह मोड़कर पीडि़त किसान की परेशानी और अधिक बढ़ा दी है ऐसे में अब देखना होगा कि क्या जिला प्रशासन अथवा प्रदेश सरकार इस किसान का दर्द समझेंगें जो इसकी जमीन इसे पुन: सही रूप में वापिस मिल सके।