उपाध्यक्ष के लिए खरीद फरोख्त शुरू

शिवपुरी- शिवपुरी जिले की विभिन्न मण्डियों के लिए वार्ड सदस्यों के चुनाव होने के बाद अब अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के लिए जोड़तोड़ शुरू हो गई है। शिवपुरी कृषि उपज मण्डी में अध्यक्ष का पद आदिवासी वर्ग के लिए आरक्षित होने के बाद यहां एक मात्र प्रत्याशी शंकर आदिवासी के जीतने पर उनका अध्यक्ष बनना तय है।

लेकिन इस मण्डी में उपाध्यक्ष पद के लिए कई लोग दांव आजमाने के मूड में है। अध्यक्ष पद के लिए चल रही जोड़तोड़ में मण्डी के डायरेक्टरों की खरीद फरोख्त शुरू हो गई है। डायरेक्टरों को अपने पाले में लाने के लिए उपाध्यक्ष पद के दावेदार 4 से 5 लाख रूपये तक का ऑफर एक-एक सदस्य को कर रहे है। पद पाने के लिए यह प्रलोभन मध्यस्थों के माध्यम से मण्डी डायरेक्टरों के पास भेजे जा रहे है।

शिवपुरी कृषि उपज मण्डी में उपाध्यक्ष पद पाने के लिए इतनी जोड़तोड़ के पीछे एक प्रमुख कारण यह बताया जा रहा है इस मण्डी में टैक्स चोरी की जो आय होती है उस पर कई लोगों की निगाहें है। सूत्र बताते हैं कि शिवपुरी की कृषि उपज मण्डी में प्रतिवर्ष से 5 से 10 करोड़ के बीच टैक्स चोरी होती है। टैक्स चोरी के इस काले कारोबार में मण्डी में कार्यरत शासकीय अमला और यहां पर पूर्व में बैठे चुके जनप्रतिनिधियों का गठजोड़ शामिल रहता है और व्यापारियों से उगाही के तौर पर वसूले गए पैसे सरकारी खाते में जाने के बजाए अफसर एवं जनप्रतिनिधियों के गठजोड़ वाली टीम को चला जाता है। 

इसी काली कमाई के लिए कई राजनेताओं के मुंह में लार टपक रही है। इस बार आदिवासी वर्ग के खाते में अध्यक्ष की सीट जाने के कारण उपाध्यक्ष पद पाने वाला व्यक्ति इस मण्डी में काफी ताकतवर माना जाएगा। इसलिए उपाध्यक्ष पद पाने के लिए डायरेक्टरों की जोड़तोड़ लाखों की खरीद फरोख्त से हो रही है। उपाध्यक्ष पद की दौड़ में पूर्व विधायक ओमप्रकाश खटीक के पुत्र नीरज खटीक, ग्राम सिंहनिवास के सिरनाम रावत, पूर्व मंडी अध्यक्ष एनपी शर्मा के भाई वीरेन्द्र शर्मा व जिला पंचायत उपाध्यक्ष जण्डेल सिंह गुर्जर के भाई अवतार सिंह गुर्जर के बीच मुख्य मुकाबला माना जा रहा है। उपाध्यक्ष की दौड़ में जो सबसे ज्यादा डायरेक्टर पा लेगा वो इस मण्डी पर अघोषित रूप से मुख्य किरदार के रूप में भूमिका निभा सकता है।
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शंकर पर भारी रहेगा उपाध्यक्ष


जिस पत्ते वाले ने शंकर आदिवासी को जिताया है वह व्यापारियों का हितबद्ध रहेगा या विरोधी यह तो आने वाला समय बताएगा मगर शंकर पर उपाध्यक्ष जरूर हावी रहेगा। इस बात का संभावनाऐं पुरजोर है। इन्हीं संभावनाओं के बीच उपाध्यक्ष पद पाने के लिए भाजपा और कांग्रेस के नेताओं में जबर्दस्त रस्साकसी का दौर जारी है। खरीद फरोख्त की बात जो बाजार में चल रही है उसके पीछे यही कहानी है कि मण्डी में सत्ता काबिज करना है तो उपाध्यक्ष का पद पाना पड़ेगा। क्योकि आदिवासी वर्ग का व्यक्ति इतनी दमदारी से मण्डी का संचालन नहीं कर पाएगा जो पूर्व में पदस्थ रहे अध्यक्ष यहां करते आए है। इसलिए उपाध्यक्ष के लिए अधिक जोड़तोड़ चल रही है।
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मण्डी सचिव के बुरे दिन शुरू


मण्डी पर कब्जा करने को लेकर उपाध्यक्ष के लिए जोड़तोड़ तो चल ही रही है इसी बीच खबर है कि यहां पदस्थ सचिव हरिशंकर दुबे की विदाई भी कभी भी हो सकती है। सूत्रों ने बताया है कि सचिव हरिशंकर दुबे ने भी यहां मण्डी पर पर्दे के पीछे से चुनावी मैदान में अपना एक प्रत्याशी मैदान में उतारा था। यह खबर शिवपुरी के भाजपाईयों को है। प्रत्याशी को मैदान में उतारने को लेकर सचिव से कुछ भाजपा नेताओं का विवाद भी हुआ है इस विवाद के बाद ऐसा माना जा रहा है कि मण्डी सचिव को यहां से कभी भी हटाया जा सकता है। कारण इसके पीछे यह है कि मण्डी सचिव की शिकायत कृषि मंत्री रामकृष्ण कुसुमारिया और मण्डी बोर्ड के एम.डी. से हो चुकी है। इसलिए ऐसी संभावना है कि आने वाले दिन मण्डी सचिव के लिए भारी होंगें।