नरवर में नहीं चली यशोधरा की मर्जी, जैन ने जैन को दिया टिकिट

शिवपुरी। अंचल में अपनी राजनैतिक छवि के लिए जानी जाने वाली ग्वालियर सांसद यशोधरा राजे सिंधिया के अरमानों को गत दिवस भाजपाईयों ने ही आईना दिखा गया। देवेन्द्र जैन की अगुवाई में एंटी सिंधिया बिग्रेड ने यशोधरा राजे सिंधिया के चहेते नेता को टिकिट ही नहीं दिया। अंतत: उसे कांग्रेस में शामिल हो चुनाव मैदान में उतरना पड़ा। एक जैन ने यहां दूसरे जैन को टिकिट गिफ्ट किया हैं 


यहां सूत्रों द्वारा बताया गया है कि स्वयं यशोधरा मनोज माहेश्वरी के पक्ष में थी और उन्हें ही इस बार नगर पंचायत नरवर में अध्यक्ष का चुनाव लड़ाने की मंशा थी लेकिन जब मनोज माहेश्वरी को भाजपा से टिकिट नहीं मिला तो उन्होंने भी पाला बदलते बिल्कुल देर नहीं की और कांग्रेस पार्टी के नगर पंचायत नरवर के पर्यवेक्षक प्रभारी बने पूर्व विधायक वीरेन्द्र रघुवंशी, हरिबल्लभ शुक्ला, जिला निगरानी समिति के जिलाध्यक्ष खलील खान, शहर कांग्रेस अध्यक्ष राकेश जैन आमोल से मिलकर कांग्रेस पार्टी में अपनी निष्ठा व्यक्त कर नगर पंचायत नरवर से टिकिट मांगा। 

जिस पर मनोज माहेश्वरी के पूरे बैकग्राउण्ड के बारे में केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिधिया का अवगत कराते हुए नरवर से कांग्रेस पार्टी के रूप में मनोज का टिकिट फायनल कर दिया गया। यह खबर नरवर में भाजपा प्रभारी बने देवेन्द्र जैन व अन्य भाजपाईयों को लगी तो यहां से भाजपा उम्मीदवार के रूप में चर्चा की गई जिस पर जिलाध्यक्ष रणवीर रावत, प्रदेश मंत्री ओमप्रकाश खटीक, विधायक देवेन्द्र जैन, रमेश खटीक व नरवर के भाजपा शब्बीर खान के समक्ष भाजपा ने यहां से जिनेन्द्र जैन बल्ले का टिकिट फायनल कर दिया साथ ही पूर्व में नगर पंचायत अध्यक्ष का कार्यकाल पूरा करने वाली अनीता गुप्ता के पति लक्ष्मीनारायण गुप्ता जो कांग्रेस में अपनी सेवाऐं देते हुए उन्होंने भी कांग्रेस से बगावत कर भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर ली साथ ही अपने गत वर्ष हुए नगर पंचायत नरवर के चुनावों में अपने प्रतिद्वंदी मनोज माहेश्वरी की पत्निी को लक्ष्मीनारायण गुप्ता की पत्निी ने पटखनी देकर यहां राजनैतिक प्रतिस्पर्धा की शुरूआत की थी। 

निश्चित रूप से इस बार नगर पंचायत के इस चुनाव में भी यह राजनीतिक स्पर्धा का परिणाम है कि यहां से मनोज के विरूद्ध जिनेन्द्र जैन बल्लेा को समर्थन देकर आपसी प्रतिस्पर्धा अभी भी जारी है के संकेत साफ-साफ दिखाई दे रहे है। यह सब होने के बाद ऐसा प्रतीत होता हे कि यहां से कांग्रेस में गए मनोज माहेश्वरी पर यशोधरा का विश्वास खरा नहीं उतरा और भाजपा ने विधायक देवेन्द्र जैन के समर्थक व रिश्तेदार को टिकिट देकर राजनैतिक पटाक्षेप किया है। 

नरवर की राजनीति में लक्ष्मीनारायण गुप्ता परिवार का दबदबा रहा है। उनके पिता हरिशंकर गुप्ता नरवर पंचायत के अध्यक्ष रहे हैं। लक्ष्मीनारायण और उनकी पत्नि श्रीमती अनीता लक्ष्मीनारायण गुप्ता नपं अध्यक्ष पद को सुशोभित कर चुकी हैं। लक्ष्मीनारायण मूल रूप से कांग्रेसी थे और अध्यक्ष पद का चुनाव लडऩे के लिए उन्होंने कांग्रेस से टिकिट मांगा था, लेकिन जब कांग्रेस ने टिकिट नहीं दिया तो वह निर्दलीय रूप से चुनाव मैदान में उतरे और विजयी हुए। उनकी पत्नि भी पिछले चुनाव में डॉ. मनोज माहेश्वरी की पत्नि रूचि माहेश्वरी को निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में पराजित कर चुकी हैं। नरवर में लक्ष्मीनारायण गुप्ता और माहेश्वरी परिवार की पुरानी राजनैतिक प्रतिस्पर्धा है। 

इस बार लक्ष्मीनारायण ने भाजपा टिकिट के लिए बहुत हाथ-पैर मारे। वैसे भी पिछले दो-तीन साल से वह भाजपा में न होते हुए भी वह एक तरह से अप्रत्यक्ष रूप से भाजपा राजनीति से जुड़े रहे हैं। सांसद यशोधरा राजे सिंधिया के अनुयायी वह अपने आप को मानते हैं। पहले भी उन्होंने भाजपा प्रवेश की कोशिश की, लेकिन बात नहीं बनी। इस बार लक्ष्मीनारायण स्वयं अध्यक्ष पद का चुनाव लडऩे के लिए इच्छुक थे। उन्होंने टिकिट के लिए प्रयास किए, लेकिन उन्हें न तो यशोधरा राजे और न ही जिले की भाजपा से कोई तवज्जो मिली। भाजपा उनकी अपेक्षा अपने कार्यकर्ता डॉ. मनोज माहेश्वरी और जिनेन्द्र जैन बल्लो पर अधिक ध्यान केन्द्रित किए हुए थी। विधायक रमेश खटीक, स्थानीय भाजपा नेता सब्बीर खान और सूत्र बताते हैं कि जिलाध्यक्ष रणवीर सिंह रावत तथा यशोधरा राजे सिंधिया भी चाहती थीं कि मनोज माहेश्वरी को भाजपा का टिकिट मिले, लेकिन नरवर चुनाव के लिए भाजपा द्वारा नियुक्त प्रभारी विधायक देवेन्द्र जैन से बल्लो की निकट रिश्तेदारी है। इस कारण डॉ. मनोज और जिनेन्द्र के बीच टिकिट की दौड़ में संतुलन की स्थिति थी। रायशुमारी में भी मनोज के पक्ष में राय उभरकर सामने आई थी। 

ऐसी स्थिति में लक्ष्मीनारायण फेक्टर ने सारे समीकरण बदल दिए। इसके पीछे दो कारण थे एक तो लक्ष्मीनारायण की माहेश्वरी परिवार से राजनैतिक प्रतिस्पर्धा है और दूसरे बल्लो तथा उनके समर्थकों ने लक्ष्मीनारायण के घर जाकर उनसे निवेदन किया कि यदि वह मनोज का टिकिट काटना चाहते हैं तो बल्लो को समर्थन दें। यह भनक पाकर मनोज माहेश्वरी भाजपा टिकिट के प्रति आशंकित हो उठे। उनके परिवार के संदीप माहेश्वरी जिला कांग्रेस महामंत्री हैं। हरिवल्लभ माहेश्वरी कांग्रेस के पूर्व ब्लॉक अध्यक्ष रह चुके हैं। उनके माध्यम से कांग्रेस ने मनोज को ललचाया, क्योंकि नरवर में कांग्रेस के पास कोई मजबूत उम्मीदवार नहीं था। जो भी 6-7 नाम उभरकर सामने आ रहे थे। वे सभी एक तरह से डमी केंडीडेट थे। 

इस कारण कांग्रेस ने भी मनोज माहेश्वरी को शामिल करने का मन बना लिया। उधर लक्ष्मीनारायण बल्लो के साथ ग्वालियर गए जहां उन्होंने सांसद यशोधरा राजे सिंधिया से भेंट की और दूसरे दिन भाजपा कार्य समिति की बैठक में जिलाध्यक्ष रणवीर सिंह रावत, विधायक देवेन्द्र जैन, प्रदेशमंत्री ओमप्रकाश खटीक से मुलाकात की और उन्हें लिखित प्रस्ताव दिया कि यदि जिनेन्द्र को टिकिट दिया जाता है तो वह स्वयं चुनाव नहीं लड़ेंगे और तन मन धन से जिनेन्द्र जैन के लिए प्रचार कर उन्हें विजयी बनाने के लिए जुट जाएंगे। वह भाजपा में भी इसी शर्त पर शामिल होंगे। लक्ष्मीनारायण के प्रस्ताव ने भाजपा के पूरे खेल को बदल दिया। उधर मनोज माहेश्वरी कांग्रेस में शामिल हो गए और सूत्र बताते हैं कि पार्टी ने उन्हें टिकिट भी दे दिया। डॉ. मनोज माहेश्वरी और जिनेन्द्र जैन बल्लो आज नामांकन पत्र दाखिल करेंगे।