आत्मा योजना में किसानों को भ्रमण कराने के नाम पर फर्जीबाड़ा!

शिवपुरी-शिवपुरी के कृषि विभाग में केन्द्र सरकार द्वारा प्रदत्त बजट वाली आत्मा योजनांतर्गत जमकर भ्रष्टाचार हो रहा है। पिछले दिनों आत्मा योजना के अंतर्गत किसानों को उज्जैन भ्रमण के लिए ले जाया गया मगर इस भ्रमण में जमकर भ्रष्टाचार किया गया है।

बताया जाता है कि इस योजना के तहत किसानों को उन्नत कृषि तकनीक का ज्ञान कराने के लिए अन्य जिलों में भ्रमण के लिए ले जाया गया था मगर कृषि विभाग के अफसरों ने किसानों की फर्जी संख्या दर्शाकर प्रदाय बजट में सेंध लगा दी। जिन किसानों को उज्जैन भ्रमण के लिए ले जाया गया था उन्हें रास्ते में ना तो खाना दिया गया और ना ही नाश्ता दिया गया। भ्रमण कार्यक्रम में नाश्ता और भोजन प्रदायगी की बात थी मगर भूखे पेट किसानों को प्रशिक्षण कराया गया।

शिवपुरी से उज्जैन गए कुछ किसानों ने बताया कि कृषि विभाग के एसडीओ और ग्राम सहायक ने उन्हें बातों में लेकर भ्रमण दल में शामिल करा लिया। शिवपुरी से दो गामा ट्रेक्स गाडिय़ों में एक दर्जन किसानों को उज्जैन भ्रमण पर ले जाया गया। उन्नत कृषि तकनीक की जानकारी देने के लिए यह भ्रमण कराया गया मगर खाने पीने का कोई इंतजाम नहीं था। इस टीम में गए किसानों का कहना है कि रास्ते में ना तो नाश्ता दिया गया और ना ही उन्हें सही ढंग का भोजन प्रदाय किया गया। 

कई जगहों पर किसानों ने अपने स्वंय के पैसों से अपनी पेट पूजा की। अधिकारियों को किसानों ने अपनी शिकायत से अवगत कराया तो कृषि विभाग के उपसंचालक व एसडीओ ने इस शिकायत को गंभीरता से नहीं लिया। किसानों ने शिवपुरी कलेक्टर आर.के.जैन से इस भ्रमण के दौरान बरती गई अनियमितता की गंभीरता से जांच कराए जाने की मांग की है।

मनमाने अंदाज में खर्चों का उल्लेख


कृषि विभाग से जुड़े सूत्रों ने बताया है कि पिछले एक साल में आत्मा योजनांतर्गत कृषिकों का भ्रमण व प्रशिक्षण और कृषि मेलों के नाम पर विभागीय बजट में जमकर सेंध लगाई गई है। कृषि विभाग में पदस्थ अधिकारियों ने मनमाने अंदाज में खर्चे दर्शाकर इस बजट को अपनी जेब में भर लिया है। किसानों को उन्नत कृषि तकनीक से जोडऩे के लिए लाखों रूपये का बजट शिवपुरी जिले को मिला है मगर अधिकारियों ने इस बजट को किसानों पर खर्च करने के बजाए अपने हित साध लिए। लाखों रूपए का बजट मनमाने अंदाज में अधिकारियों ने खर्च किया है जिसमें कई फर्जी बिल और भ्रमण कार्यक्रम बनाए गए है जिनकी जांच हुई तो इस घोटाले को अंजाम देने वाले अफसर जेल की हवा खाते नजर आऐंगें।