शिवपुरी मण्डी में लाखों का घपला, शासकीय गुल्लक को भारी क्षति

विशेष खबर/ललित मुदगल/ शिवपुरी-कृषि उपज मण्डी शिवपुरी में जब से नए सचिव की नियुक्ति की गई है तब से मण्डी के हालात बद से बदतर होते जा रहे है। जहां इन दिनों सोयाबीन और मूंगफली की आवक के साथ ही शासन को टैक्स की भरपूर आवक होना थी वहीं इससे ठीक उलट मण्डी प्रशासन की मिलीभगत से शासकीय गुल्लक को लाखों का चूना लगाया जा रहा है। शिवपुरी के हर प्रमुख मार्ग से लेकर शहर की सीमाओं पर फड़ लगाकर बैठे व्यापारियों के यहां लायसेंस ना होने पर भी खुलकर माल तौला जा रहा है और मण्डी प्रशासन इस ओर से आंखें मूंदे हुए है। 

चूंकि विगत एक वर्ष से अध्यक्षीय कार्यकाल समाप्त होने से मण्डी की कमान सीधे सचिव के हाथ में आ गई है। जिससे यहां भ्रष्टाचार भी बड़े पैमाने पर शुरू हो गया है। व्यापारियों के फड़ पर सीधे माल उतारा जा रहा है और मण्डी में फसल की बोली ना लगाई जाकर शासन को मिलने वाले टैक्स की खुलेआम चोरी की जा रही है। रात के अंधेरे में बिना गेट पास के ही बाहर माल भेजे जाने के आरोप पिछले दिनों मुखर होने के बाद भी एसडीएम द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की गई। 

जिससे मण्डी प्रशासन के हौंसले और भी बुलंद हो गए। शिवपुरी की रेलवे पटरी के पास से लेकर गुना वायपास, इण्डस्ट्रीयल एरिया और बीच शहर में मीट मार्केट के पास से लेकर पोहरी वायपास तक व्यापारियों ने खुलेआम फड़ लगाकर माल लेना शुरू कर दिया है जबकि नियमानुसार यह माल शिवपुरी मण्डी प्रांगण में ही तौला जाना था। हद तो तब हो गई जब अनाज मण्डी प्रांगण के नजदीक ही बिना लायसेंस के कई व्यापारियों ने अपने फड़ संचालित कर लिए। कहा तो यह भी जा रहा है कि इन पर नए मण्डी सचिव की मेहरबानी है। इसकी वजह से शिकायतें होने के बाद भी इन पर कोई जांच या कार्यवाही नहीं की गई। व्यापारियों के यहां सीधे माल उतारने से जहां प्रशासन को लाखों का चूना लगाया जा रहा है वहीं अधिकारी कर्मचारियों की निजी आवक में बेतहाशा बढ़ोत्तरी बताई जा रही है। 

हालांकि पिछले दिनों करैरा में एसडीएम द्वारा ऐसे ही मामले सामने आने पर कई व्यापारियों को किसानों की फसल की तौल मण्डी प्रांगण के बाहर करते हुए पकड़ा गया था लेकिन शिवपुरी मण्डी को लेकर एसडीएम से लेकर जिला कलेक्टर तक क्यों मौन है? यह बात समझ से परे है। 

सोयाबीन में खूब चटक रही व्यापारियों की


देखा जाए तो दीपावली के त्यौहार के मद्देनजर इन दिनों मण्डी में सोयाबीन की अच्छी आवक होना चाहिए लेकिन यहां देखने में आ रहा है कि सोयाबीन की अधिकांशत: फसल मण्डी में कम और व्यापारियों के यहां ज्यादा तुल रही है। सोयाबीन की फसल को बेचने वाले कृषकों ने भी इस संबंध में मण्डी में फसल बेचने की अपेक्षा बाजार में बिक्री पर ज्यादा जोर दिया है यही वजह है कि  मण्डी राजस्व को चपत लगाने वाले व्यापारी मण्डी से बाहर ही इन फसलों की खरीद फरोख्त कर रहे है मनचाहा तुलावट रखकर किसानों का जहां शोषण हो रहा है तो वहीं मण्डी राजस्व में भी घाटा सहन करना मण्डी प्रबंधन को पड़ रहा है क्योंकि ना तो मण्डी प्रबंधन इन व्यापारियों पर ध्यान देते और ना ही उनके तौल कांटों पर। 

फड़ संचालकों की हो रही चांदी


बीच बाजार में दुकान लगाकर फड़ का संचालन करने वाले व्यापारी इन दिनों चांदी काटने में लगे है। रोज के भाव से मण्डी को चूना लगाने वाले यह व्यापारी अभी से अपने गोदामों को मुनाफे की तिजोरी में भरने में लगे हुए है। शहर के बीचों बीच तो एबी रोड पर प्रतिदिन ढेरों ट्रॉलियों से सोयाबीन खरीदकर गोदाम में भरा जा रहा है। मीट मार्केट ओर रेल्वे स्टेशन के समीप अलग-अलग फड़ों पर भी किसान भाईयों से सोयाबीन की फसल खरीदी जा रही है। ऐसे में मण्डी प्रबंधन के लिए नुकसान पहुंचाने वाले इन व्यापारियों पर कोई शिकंजा नहीं कसा जा रहा है जिसका परिणाम है कि मण्डी में आने वाली फसल पूर्व में ही बिक कर कृषक अपने घर को चले जाते है। 

इधर मण्डी प्रबंधन बता रहा आय में रिकॉर्ड तोड़ वृद्धि 


एक ओर जहां सरेआम मण्डी प्रबंधन की कमियों का व्यापारी व फड़ संचालक फायदा उठा रहे है तो वहीं दूसरी ओर मण्डी प्रबंधन अपनी उपलब्धियों को गिनाने से बाज नहीं आ रहा है। यही कारण है कि मण्डी प्रबंधन द्वारा कुछ मीडियाकर्मीयों को एक ऐसा प्रेसनोट हवा में तीर की भांति चलाया गया है कि वह दिखेगा तो नहीं पर ईमेल के जरिए भेज जरूर दिया गया है। यहां देखें उस प्रेसनोट की हकीकत-

विगत 15 दिनों से बड़ी किसानों की आवक ने मण्डी समीति के आय क सभी रिकार्ड तोड़ते हुये 45 लाख रुपये का शुल्क संघ्रहित किया है। जो विगत वर्ष माह अक्टूबर की आय 36 लाख के विरुद्ध 9 लाख अधिक है। ज्ञात हो कि गत वर्ष अक्टूबर माह में मण्डी की आय सम्पूर्ण आय कृषि उपज आवक जल्द शुरु हो गई थी। मगर इस वर्ष आवक 15 अक्टूबर से श्ुरु हुई। और मात्र 15 रोज में ही कृषि मण्डी शिवपुरी का आकड़ा 45 लाख के पार हो गया। पिछले वर्ष अप्रैल से लेकर अक्टूबर तक आय जहां एक करोड़ 22 लाख थी जो बढ़कर इस वर्ष 1 करोड़ 60 लाख के पार हो गई। जो कुल आय का 30 प्रतिशत अधिक है। 

मण्डी सचिव हरी शंकर दुबे का कहना है। कि माननीय भारसाधक महोदय के निर्देशन में हमने कड़ी मेहनत पश्चात यह उपलब्धि हासिल की है। इतना ही नहीं हमने किसानों की सुविधा की दृष्टि गत भोजन के कूपन एवं हममालों के लिए व हममालों के लिए भी विधि सम्बंध व्यवस्था बनाई गई है। लेागों के लिए शुद्ध पेयजल रोशनी की भी व्यवस्था उमदा की गई है। मण्डी में गंदगी की जो सबसेें बड़ी थी उसे हमने एक तरह से समूल नष्ट करने का प्रयास किया है। अभी तक तो हम अपनी व्यवस्था को लेकर संतुष्ट है। जरुरत पड़ी तो मण्डी अन्य व्यवस्थाऐं जुटाने में पीछे नहीं रहेगी। मुझे उम्मीद है। कि हमारे मण्डी कर्मचारी भाई इसी तरह की बेहतर व्यवस्था बनाये रखने में मुश्तेदी निभाते रहेगें।  

इनका कहना है-

यदि मण्डी से बाहर माल तौला जाएगा तो उस पर नियमानुसार कार्यवाही कर टैक्स वसूला जाएगा, हम इसकी जांच करा रहे है। 

हरिशंकर दुबे
सचिव
कृषि उपज मण्डी, शिवपुरी