पद की लालसा ने बना दिया विरोधी, दूसरे गुट को नहीं सूझ रहा कोई नाम

शिवपुरी- भारतीय जनता पार्टी में जिलाध्यक्ष पद को लेकर चल रही खींचतान के बीच रणवीर रावत के विरोधी खेमे के नेता  इस पद के लिए किसी एक व्यक्ति का नाम नहीं सुझा पा रहे है और किसे जिलाध्यक्ष के तौर पर सामने लाया जाए इस पर एक मत नहीं है। रणवीर रावत की खिलाफत कर रहे यशोधरा खेमे के नेताओं को जिलाध्यक्ष पद के लिए कोई एक नाम नहीं सूझ रहा है।

वैसे इस पद के लिए ओमप्रकाश खटीक, ओमी गुरू, अशोक खण्डेलवाल आदि नेताओं के नाम चर्चा में है मगर यह नेता किसी एक नाम पर सहमत नहीं है। बताया जाता है कि पद की लालसा में आपस में ही यह नेता अंदर ही अंदर एक दूसरे के विरोधी है मगर रणवीर रावत के खिलाफ मोर्चा बनाने के लिए इन नेताओं ने बाहरी तौर पर एकजुटता दिखाई है। अब इन नेताओं की एक जुटता क्या रंग दिखाती है? इस पर सबकी निगाह है। 

सूत्र बताते हैं कि कल तक रणवीर रावत के साथ ही प्रदेश मंत्री ओमप्रकाश खटीक और जिला महामंत्री ओमी गुरू एक राय नजर आते थे मगर पद की लालसा ने इन दोनों नेताओं को रणवीर रावत के विरोध में खड़ा कर दिया है। बताया जाता है कि ऊपरी तौर पर प्रदेश मंत्री ओमप्रकाश खटीक कितनी ही बार जिलाध्यक्ष पद के लिए ना-नुकुर कर रहे हों मगर अंदर ही अंदर वह इस पद के लिए लॉबिंग कर रहे है। इसी तरह ओमी गुरू तो कई वर्षों से इस पद की लालसा में संगठन की राजनीति करते आ रहे है। 

तो किसे बनाया जाए अध्यक्ष?


भाजपा में जिलाध्यक्ष पद को लेकर चल रही इस खींचतान के बीच रणवीर रावत के स्थान पर किसे नया जिलाध्यक्ष बनाया जाए? इसको लेकर एक राय नहीं बन पा रही है। ओमप्रकाश खटीक, ओमी गुरू, अशोक खण्डेलवाल आपस में ही एक मत नहीं है और कोई एक नाम  सामने नहीं ला पा रहे है। बताया जाता है कि इन तीनों नेताओं ने रणवीर रावत से खिलाफत करते हुए यशोधरा खेमे और विधायक देवेन्द्र जैन के साथ रूपरेखा बनाई है मगर इस गुट में भी किसी एक नाम पर सहमति बनती नजर नहीं आ रही है। इधर दूसरी ओर संगठनात्मक चुनाव में विभिन्न मण्डलों से जो अध्यक्ष और जिला प्रतिनिधि चुनकर आए है उनमें से अधिकतर रणवीर रावत के समर्थन में है। खबर तो यह है कि 90 फीसदी मंडल अध्यक्ष और जिला प्रतिनिधि रणवीर रावत को पुन: जिलाध्यक्ष बनते हुए देखना चाहते है। रणवीर रावत की साफ छवि और सबको साथ लेकर चलने की कार्यप्रणाली दूसरे खेमे पर भारी पड़ रही है। दूसरे खेमे के जो नेता अध्यक्ष पद के लिए लॉबिंग कर रहे है उनमें रणवीर के बराबर की वजनदारी नजर नहीं आती है। 

जैन ब्रदर्स संकट में


रणवीर रावत की खिलाफत में खड़े हुए कोलारस विधायक देवेन्द्र जैन और जिला पंचायत अध्यक्ष जितेन्द्र जैन गोटू इस समय भारी धर्मसंकट में बताए जा रहे है। नरेन्द्र सिंह तोमर गुट से जुड़े इन जैन ब्रदर्स द्वारा अपने ही खेमे के रणवीर रावत की जिस प्रकार से खिलाफत करके यशोधरा राजे गुट का समर्थन किया गया है उससे भाजपा में नए गुटीय संतुलन पैदा हो गए है। एकाएक जैन ब्रदर्स द्वारा यशोधरा के समर्थन में आना तमाम प्रश्रों को खड़ा कर रहा है। 

खबर तो यह भी आ रही है कि आने वाले चुनावों को ध्यान में रखते हुए जैन ब्रदर्स ने नरेन्द्र सिंह तोमर गुट से पाला बदलने की सोच ली है और यशोधरा खेमे से नजदीकियां बढ़ाने की फिराक में है। इस पूरे खेल में कमलागंज में रहने वाले एक वरिष्ठ संगठनात्मक नेता ने मीडिएटर की भूमिका निभाई है। जैन ब्रदर्स द्वारा पाला बदलने की यह खबरें दिल्ली तक पहुंच गई है। रविवार को पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव नरेन्द्र सिंह तोमर ग्वालियर में थे और ग्वालियर में उन्हें शिवपुरी में चल रहे राजनैतिक घटनाक्रम की पूरी जानकारी इसी गुट से जुड़े कुछ नेताओं द्वारा दी गई है।