धूमेश्वर पर मांझी समाज का विशाल सम्मेलन संपन्न

शिवपुरी-बीते रोज प्राचीन मंदिर धूमेश्वर महाराज के विशाल प्रांगण में मांझी समाज के हजारों लोग एकत्रित हुए। जहां भगवान धूमेश्वर महाराज के श्रीचरणों में बंदन कर इस समाज में व्याप्त भयंकर दानव जुआ,शराव एवं अन्य कुरीतियों पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने के साथ-साथ संगठन की मजबूती की बात कहीं। सम्मेलन को संबोधित करते हुए मांझी समाज के प्रदेश महामंत्री दुवेजी बाथम ने समाज को शीघ्र जाग-जाने का आह्वान किया।

उन्होने बताया कि आजादी के 65 वर्ष गुजरजाने के उपरान्त भी इस समाज को आजादी प्राप्त नहीं हुई है। आज भी इस समाज के साथ देशकी सरकारों द्वारा वैसा ही व्यवहार किया जा रहा जैसा कि दमन कारी, हठधर्मी अंग्रेज किया करते थे। जब 1950 से ही संविधान में निषाद वंषी समाज की उपजातियॉ- मांझी, मझवार, कीर, विंझवार, चार-चार उपजातियॉ जनजाति की सूची मे सम्मिलत होने के उपरान्त भी इस समाज को षडयंत्र पूर्वक 1984में ओबीसी की सूची में कुछ मांझी के पर्यावाची नामों को जोड दिया गया। जबकि मूलजाति मांझी, मझवार आज भी जनजाति के सूची में दर्ज है जिससे हजारों लोग शासकीय नौकरियों में सेवारत है। लेकिन पूर्ण आरक्षण के लाभ से सब कुछ जानते हुए कि मांझी का पर्यावाची ढीमर! तथा ढीमर का पर्यावाची कहार,भोई ,केवट आदि है तो भिन्न-भिन्न जातियां कौन सी फैक्ट्री से पैदा की गई। यह खुला दमन एवं अत्याचार नहीं तो क्या है। 

सम्मेलन को नषामुक्ति आन्दोलन के प्रदेश संयोजक रघु केवट एवं प्रदेश संगठन मंत्री जयकिशन केवट ने संबोधित करते हुए कहा कि  इस समाज में व्याप्त अज्ञान,अशिक्षा,अंधविश्वास,जुआ,मदिरा,गांजा,भांग एवं अन्य कुरितियों में बुरी तरह फसी हुई इस समाज को इस मकडजाल से तुरन्त निकलना होगा। जितना इन कुरितियों ने इस समाज को खोखला बनाया है। 

सम्मेलन के मुख्य अतिथि समाज के वरिष्ठ नेता सीताराम बाथम एवं  मध्य प्रदेश शासन के पूर्व वन विकास उपाध्यक्ष नत्थालाल बाथम ने संयुक्त रूप से समाज से आह्वान किया कि समाज के सभी समझदार लोगों को आपसी मतभेद भुलाकर एक रूप से एक संगठन के साथ मिलकर लड़ाई लडने के लिए तैयार रहना होगा विना वक्त गुजारे हम सभी को तुरन्त उठ खड़ा हो जाना चाहिए ओर संगठित होकर मांझी समस्या का पूर्ण समाधान कराने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी जाएगी। पूर्ण आरक्षण का लाभ न मिलने कारण आज यह समाज पतन के निम्न स्तर पर पहुॅच गया है। 

इस लिए अब बक्त आ गया है कि समाज से शतप्रतिशत इस महाबीमारी जुआ,नशा पर पूर्ण प्रतिबंध लगाकर शीघ्र संगठित होकर 60 वर्षो से वंचित अपने हक और अधिकारों की लड़ाई में प्राणपन से जुट जाएं।  सम्मेलन को केशव मांझी पार्षद ग्वालियर एवं बाला प्रसाद केवट, राजू बाथम, रामप्रसाद, अशोक बाथम, बीएल बाथम, श्रीमती रेखा बाथम आदि ने भी संबोधित किया। इस विशाल सम्मेलन में समाज के हजारो लोग उपस्थित हुए जिन्होंने अपने-अपने गॉव में पूर्ण जुआ नशामुक्ति पर प्रतिबंध लगाने एवं पालन करने का द्रढ़ संकल्प लिया। आगामी सम्मलेन 16 दिसम्बर को पिछोर खनियाधाना में आयोजन किया जायेगा।