आदिवासियों की करबद्घ निवेदन रैली में उमड़ा जनसैलाब

शिवपुरी- शिवपुरी में शुरू हुए सहरिया आदिवासी समाज के व्यसन मुक्ति सामाजिक आंदोलन ने रफ्तार पकड़ ली है। गाँव गाँव में शराब सहित अन्य व व्यसनों को त्याग कर सुधार की राह पर खड़े हो रहे सहरिया आदिवासियों ने आज जिला मुख्यालय पर एक रैली निकाली जिसे करबद्घ निवेदन रैली का नाम दिया गया।


सहरिया आदिवासी समुदाय के महिला पुरुषों ने सहरिया क्रांति, मध्यप्रदेश के बैनर तले बड़ी संख्या में रैली में शामिल होकर अपने हकों के लिए प्रशासन के सम्मुख विनम्र अंदाज में 18 सूत्रीय मांग पत्र पेश किया जिसमें प्रमुख रूप से आदिवासियों की जमीनों को दबंगों से मुक्त कराने तथा आदिवासी बहुल गाँवों में अवैध शराब की बिक्री को सख्ती से प्रतिबंधित कराने जैसी माँगे शामिल थीं। यहाँ यह उल्लेख करना प्रासंगिक होगा कि सहरिया क्रांति संगठन का सदस्य ऐसे व्यक्ति को बनाया जाता है जो शराब का सेवन या तो छोड़ चुका है अथवा सेवन नहीं करता। सहरिया क्रांति, मध्यप्रदेश के बैनर तले इस आंदोलन की शुरूआत वरिष्ठ पत्रकार संजय बेचैन द्वारा की गई है। गाँव गाँव की सहरिया बस्तियों में जागरूकता का अलख इस हद तक जाग रहा है कि यह समाज शोषण से उबरना शुरू हो गया है। 

निकाली गई करबद्घ निवेदन रैली में उमड़े इस समुदाय की भीड़ देखते ही बन रही थी। रैली की शुरूआत विवेकानंदपुरम क्षेत्र से हुई जिसने शहर के प्रमुख मार्गों से होते हुए शिवपुरी कलेक्टोरेट पर सभा के रूप में तब्दील हो गई जहाँ संगठन ने अपना 18 सूत्रीय ज्ञापन कलेक्टर को सौंपा वहीं कलेक्टर आर.के. जैन और पुलिस अधीक्षक आर.पी. सिंह ने इस माँग पत्र पर सकारात्मक रवैया प्रदर्शित करते हुए विभिन्न बिन्दुओं के शीघ्र निराकरण का आश्वासन दिया। 

रैली के रास्ते में केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने इस रैली को देखकर अपने काफिले को रास्ते में ही रुकवा लिया। श्री सिंधिया कार से उतरकर सहरिया समुदाय की इस रैली के बीच में जा पहुंचे, रैली का स्वरूप देखकर उन्होंने कहा कि ऐतिहासिक एवं अनुशासित है यह रैली। रैली में शामिल लोगों के अनुशासित अंदाज की सराहना केन्द्रीय मंत्री श्री सिंधिया ने की। श्री सिंधिया ने रैली में शामिल आदिवासियों न केवल उनका हालचाल पूछा बल्कि उन्हें गले लगाकर, माल्यार्पण कर अभिनंदन भी किया। इसी दौरान एक आदिवासी महिला के गले में ग्वाइटर देखा तो तत्काल उसे गले लगाया तथा लाइफ लाइन में उसके ऑपरेशन कराए जाने की जिम्मेदारी पूर्व विधायक रघुवंशी को सौंपी। श्री सिंधिया के जाने के बाद रैली कलेक्टे्रट पहुंची और कलेक्टोरेट से ज्ञापन सौंपने के बाद पुन: उसी अंदाज में रैली राजेश्वरी रोड़ माधव चौक विष्णु मंदिर चिंताहरण से होकर वापस विवेकानंदपुरम पर समाप्त हुई। 

आदिवासी प्रधानों का तिलक से स्वागत


विवेकानंद पुरम से दोपहर लगभग 12:30 बजे शुरू हुई अनूठी करबद्घ निवेदन रैली में शामिल आदिवासी समाज के मुखिया प्रधानों का तिलक लगाकर अभिनंदन किया गया। जनभागीदारी समिति अध्यक्ष अजय खेमरिया, रंजीत गुप्ता, के.बी. शर्मा, कपिल जैन, अखिल बंसल, दिनेश दुबे, रिन्कू जैन, अनुज भटनागर आदि ने आदिवासियों को तिलक लगाया। फिजीकल रोड़ पर पहुंचते ही विधायक प्रहलाद भारती ने रैली में शामिल आदिवासियों का माल्यार्पण कर स्वागत किया। इस ऐतिहासिक रैली की सबसे खास बात यह रही कि रैली में शामिल सभी आदिवासी साफ, सुथरे वस्त्र धारण किए हुए थे साथ ही वे स्वप्रेरित अंदाज में आत्मविश्वास के साथ अनुशासित तरीके से चल रहे थे।