मरीज की मौत, ICU में डॉक्टर को पीटा


राजू ग्वाल/ शिवपुरी/ आए दिन मरीजों के साथ लापरवाही व मानवीय संवेदना को दरकिनार करने वाले चिकित्सकों को मंगलवार-बुधवार की दरम्यिानी रात काफी महंगी साबित हुई।


यहां जिला चिकित्सालय में आधीरात के समय कुछ परिजन अपने हृदय रोग से पीडि़त मरीज को लेकर उपचार कराने आए तो यहां देर-सबेर मौके पर मौजूद ने अपनी डयूटी निभाते हुए तत्काल इमरजेंसी चिकित्सक डॉ.पी.डी.गुप्ता को फोन करके अस्पताल बुलाया और मरीज के इलाज की जांच शुरू तभी आईसीयू में मरीज को भर्ती करने के बाद उपचार के दौरान कुछ समय बाद ही मरीज ने दम तोड़ दिया। जिससे क्रोधित होकर मरीज के परिजनों ने इसमे चिकित्सकों की लापरवाही मानते हुए मौके पर मौजूद चिकित्सकों की मारपीट कर दी। मौके पर पुलिस अधीक्षक आर.पी.सिंह, अति.पुलिस अधीक्षक अमित सिंह, एसडीओपी अमित सिंह, एसडीओपी संजय अग्रवाल व टीआई कोतवाली दिलीप सिंह यादव सहित अन्य पुलिस बल मौके पर पहुंचा और मामले को शांत कराया। 

जानकारी के अनुसार पुलिस विभाग कोलारस में पदस्थ दीवान जी हाल निवासी पुलिस लाईन महेन्द्र राठौर के पुत्र प्रशांत राठौर को रात्रि में अचानक हृदय में दर्द हुआ जिस पर उसके पिता महेन्द्र राठौर अपने परिजनों के साथ पुत्र प्रषांत को लेकर अस्पताल आए। पुत्र की गंभीर हालत को देखते हुए मौके पर मौजूद चिकित्सक एम.एल.अग्रवाल ने उपचार शुरू करके युवक की गंभीर बीमारी को देखते हुए तुरंत मेडीकल स्पेशलिस्ट आनकॉल डूयूटी डॉ.पी.डी.गुप्ता को बुलाया। 

जब डॅा. पी.डी.गुप्ता ने प्रषांत का इलाज करने के लिए उसे आईसीयू में भर्ती किया कि तभी मरीज की हालत और बिगड़ने लगी और उसे तुरंत आई.व्ही. ड्रिप व इंजेक्शन लगाए, लेकिन मरीज की हालत में सुधार नहीं हुआ और कुछ ही पल में उसकी मौत हो गई। जिस पर परिजन भड़के और उन्होंने आईसीयू में ही डॉ.पी.डी.गुप्ता से विवाद कर मारपीट शुरू कर दी। इस मारपीट में डा.पी.डी.गुप्ता के हाथ पैर व शरीर में चोटें आई है। वहीं डा.गुप्ता का कहना है कि मरीज हृदय रोग की बीमारी से ग्रसित था और हम तो अपना उपचार कर रहे थे ऐसे में यदि उसकी मौत होती है तो इसमें हमारी क्या गलती,परिजनों द्वारा की गई मारपीट सहनीय नहीं है। तभी मौके पर पुलिस अधीक्षक सहित अन्य वरिष्ठ पुलिस अधिकारी अस्पताल पहुंचे और मामले को विवेचना मे लिया। बताया गया है कि इस मारपीट के मामले में तुरंत तो पुलिस ने कोई प्रकरण पंजीबद्ध नहीं किया लेकिन अलसुबह भी चिकित्सकों ने इस मामले में शीघ्र कार्यवाही की मांग की है अन्यथा वह अपने कार्य का बहिष्कार करेंगे। 


आखिर क्यों बनती है विवाद की स्थिति


जिला अस्पताल में आए दिन मरीजों का उपचार करने वाले चिकित्सक व मरीज दोनेां ही आपसी सामंजस्य की अपेक्षा रखते है लेकिन यही समस्या अधिकांषतः देखने को मिलती है कि कहीं चिकित्सक का मरीज से व्यवहार ठीक नहीं होता तो कभी मरीज चिकित्सक से अभद्रता कर देते है ऐसे में कई बार विवाद की स्थिति बनती है और मारपीट तक हो जाती है। बीती रात्रि को भी जिला चिकित्सालय में चिकित्सक डॅा.पी.डी.गुप्ता के साथ मारपीट होना भी उनकी मानवीय संवेदना की पराकाश्ठा कहा जाएगा क्योंकि जैसे ही वे चिकित्सालय आए तो उन्होंने आते ही मरीज के परिजनों से धौंसधपट व अमानवीय व्यवहार षुरू कर दिया और जैसे ही उपचार के दौरान प्रषांत की मौत हो गई तो परिजनों का गुस्सा डा.गुप्ता पर फूट पड़ा जिससे परिजनों ने डा.गुप्ता की पिटाई कर दी आखिर ऐसे हालातों में चिकित्सक व मरीजों को आपसी सामंजस्य बिठाने की सख्त आवष्यकता होती है लेकिन यही हालात रहे तो निष्चित रूप से जिला चिकित्सालय लड़ाई व मारपीट का अड़डा बन जाएगा। 


सीएमएचओ व सिविल सर्जन भी नहीं कर पाते हस्तक्षेप


देखा जाए तो चिकित्सकों के उपर कमाण्ड रखने वाले स्वास्थ्य विभाग के वरिश्ठ अधिकारी सीएमएचओ एवं सिविल सर्जन द्वारा अपने अधीनस्थ चिकित्सकों को समय-समय पर चिकित्सकीय धर्म निभाने की षिक्षा तो दी जाती है लेकिन चिकित्सालय आने वाले चिकित्सक अपने इस धर्म को भूल स्वार्थों हितों को पूरा करने में तल्लीन रहते है जिससे मरीजों की बढ़ती भीड़ से यह चिकित्सक अपना मानवीय धर्म भूल केवल टाईमपास के लिए डयूटी करते है जबकि असल डयूटी तो इनके निवास से होती है जहा अच्छी खासी मोटी फीस ऐंठ कर यह चिकित्सक मरीजों का उपचार करने का दंभ डंकेट की चोट पर भरते है। षासन व प्रषासन के द्वारा दिए गए दिषा निर्देषों का उल्लंघन भी चिकित्सालय में इस तरह के विवाद उत्पन्न होने का प्रमुख कारण माना जा सकता है। ऐसे में चिकित्सकों को स्वयं अपने कर्तव्य का बोध होना चाहिए तो ना केवल मरीज को समुचित उपचार मिल सकेगा वरन चिकित्सकीय धर्म के साथ मरीज व चिकित्सकों में आपसी समन्वय भी बैठेगा। 

इनका कहना है-


आपने थोड़ा सा धैर्य खोया और हालात बिगड़े इसलिए संयम बरतें चिकित्सालय में आने वाले मरीज व चिकित्सक किसी की जान की गारंटी नहीं ले सकते है यह तो उपर वाले के हाथ में होता है। बीती रात्रि को जिला चिकित्सालय मे जो हालात उत्पन्न हुए उसमें जिला चिकित्सालय में रात्रि में एक मरीज की मृत्यु के बाद परिजन भड़क गए और उन्होंने डा.गुप्ता के साथ मारपीट कर दी। फिलहाल पुलिस मामले की विवेचना कर रही है आगे चिकित्सक द्वारा प्रकरण पंजीबद्ध कराने के बाद कार्यवाही की जाएगी।

आर.पी.सिंह

पुलिस अधीक्षक, शिवपुरी