करैरा। शिवपुरी अनुविभाग में स्थित एक मात्र शासकीय बालक उत्कृष्ट विद्यालय, कन्या विद्यालय की प्रयोगशालाएं बदहाल स्थिति में पहुंच गई हैं। प्रयोगशालाओं में छात्र-छात्राओं को न तो प्रायोगिक कार्य कराए जा रहे हैं और न ही स्कूल के बच्चों को उपकरणों की जानकारी दी गई है।
इन प्रयोगशालाओं में वर्षों से कोई प्रयोग नहीं कराए जाने से प्रयोगशाला में रखे उपकरणों पर धूल चढ़ गई है। प्रशिक्षण के अभाव में छात्र-छात्राओं को इन प्रयोगशालाओं का कोई लाभ नही मिल पा रहा है जिससे छात्रों को विज्ञान विषय के अध्ययन में काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। भौतिक, रसायन सहित अन्य विषयों की शिक्षा देने के लिए क्षेत्र के शासकीय स्कूलों में हर वर्ष हजारों रुपए प्रयोगशाला के मद में आते हैं, लेकिन स्कूल प्रबंधन द्वारा प्रयोगशाला का उपयोग छात्रों के लिए नहीं किया जाता।
वर्षों से लटका ताला
शिवपुरी। शासकीय कन्या उमा विद्यालय मे प्रभारी प्राचार्य की अनदेखी के कारण विद्यालय में मौजूद प्रयोगशाला के गेट पर वर्षों से ताला लटका हुआ है जिससे कक्षा 11 व 12 की छात्राओं को प्रयोगशाला में रखे उपकरणों द्वारा प्रेक्टीकल करने का मौका नहीं मिल पा रहा है।
हजारों रुपए खुर्द-बुर्द
शिवपुरी। शाउमा विद्यालय बालक व कन्या के लिए हर वर्ष प्रयोगशाला की मद में हजारों रुपए का बजट आता है, लेकिन विद्यालय प्रबंधन इस राशि का उपयोग प्रयोगशाला में न कर अन्य मदों में खुर्द-बुर्द कर देता है।
अटेचमेंट खत्म हों
शिवपुरी। उत्कृष्ट विद्यालय व कन्या विद्यालय में क्षमता से अधिक शिक्षकों का अटेचमेंट है जिन विषय की आवश्यकता नही है उनके भी शिक्षक यहां अटेच है इतना ही नही एक-एक विषय के दो ओर तीन शिक्षक यहां अटेच है अभिभावकों ने अटेचमेंट समाप्त कर आवश्यक स्टाफ की मांग की है।
टयूशन उद्योग बंद हो
शिवपुरी। करैरा के दोनो ही विद्यालयों के शिक्षकों को छोत्रों के भविष्य से कोई सरोकार नही है ना ही उनकी पढ़ाई की तरफ किसी का ध्यान है सरोकार है तो केवल अपनी टयूशन की दुकान से जो कि निरंतर बढ़ती जा रही है यदि इन शिक्षकोकी धनसम्पत्ती की जांच करा ली जाये तो आय से अधिक सम्पत्ती का मामला कई शिक्षकों पर दर्ज होता नजर आयेगा अभिभावकों का मानना है कि टयूशन उद्योग बंद होगा तभी शिक्षक विद्यालयों में पढ़ाई करायेंगे।
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