जन प्रतिबद्धता का प्रमाण है लोकसेवा गारंटी अधिनियम : धैर्यवर्धन

शिवपुरी। लाल फीताशाही के फेर में फंसे आम आदमी को रोजमर्रा के काम कराने में भी पसीना आ जाता था। सरकारी मशीनरी का ऐसा जलवा कि दो दिन में होने वाले काम के लिए किसान को दो-दो साल चक्कर लगाने पडऩे थे। पर प्रदेश के मुख्यमंत्री को यह सब मंजूर नहीं था इसलिए कानून बनाकर 52 सेवाओं को समय सीमा में करना जरूरी करके हितग्राही के याचना भाव को शक्ति संपन्न अधिकार में बदल दिया। अभिसंवद्र्धन समाजसेवी संस्था के प्रतिनिधि एवं युवा नेता धैर्यवर्धन ने जन अभियान परिषद के प्रशिक्षण कार्यक्रम में अपने ओजस्वी उदबोधन में उक्त विचार व्यक्त किए।

जिला पंचायत सभागार में आयोजित कार्यक्रम में शिवपुरी ब्लॉक के विभिन्न गांवों से आये प्रशिक्षु समाजसेवियों के मध्य बोलते हुए धैर्यवर्धन ने कहा कि इस कानून ने चमत्कारिक ढंग से लोगों के कार्यो को सरल बना दिया। यह कानून जनप्रतिबद्धता का ठोस प्रमाण है। यह नागरिक अधिकारों को सशक्त बनाने का अभिनव प्रयास है। धैर्यवर्धन ने बताया कार्यों में विलंब होने पर दोषी कर्मचारी पर 200 से लेकर 5000 तक का जुर्माना यह सिद्ध करता है कि अब आम आदमी किसी की कृपा या इच्छा पर निर्भर नहीं है वह अधिकार रखता है कि लोक सेवक समय सीमा में में सेवाएं प्रदान करें। लोकसेवा प्रदान करने में कोताही बरतने पर अर्थदंड का प्रावधान एवं कर्मचारी एवं अधिकारी से बसूली गई राशि आवेदक का दिए जाने के नियम से इस अधिनियम को और बल प्राप्त हुआ है।

इस विशेष सत्र में स्रोत व्यक्ति के रूप में बोलते हुए धैर्यवर्धन ने कानून की महत्ता दर्शाते हुए कहा कि शिवराज सिंह अकेले ऐसे मुख्यमंत्री है। जिन्होंने इस प्रकार का जनहितैषी एवं क्रांतिकारी कानून बनाया है। देश के आधा दर्जन से अधिक राज्य अब इसे अपने राज्यों में लागू कर रहे हैं। उसे प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए मध्य प्रदेश सरकार में लोक सेवा प्रबंधन विभाग का गठन कर सरकार के एक मंत्री को यह जिम्मेदारी दी गई है तथा जनपद केन्द्रों पर प्रायव्हेट पार्टनरशिप में लोकसेवा केन्द्रों को खोला गया है। सत्र के अंत में जनअभियान परिषद के ब्लॉक समन्वयक जादौन ने आभार व्यक्त किया।