छापामार निरीक्षण: कई शिक्षक मिले गायब, तो कहीं स्कूल बंद

शिवपुरी/कोलारस। शिक्षण व्यवस्था को चुस्त दुरूस्त व ग्रामीण व अन्य अंचलों में शिक्षण कार्य की हकीकत को जानने के लिए औचक निरीक्षण के लिए डीपीसी ने एक टीम बनाई और इस दौरान कई विद्यालयों का औचक निरीक्षण कर डाला। यहां कई विद्यालयों में शिक्षक गायब मिले तो कहीं विद्याल बंद पाए गए कार्यवाही के दौरान डीपीसी ने आदेशित किया कि जो भी शिक्षक कार्यवाही के दौरान अनुपस्थित पाए गए है उनका वेतन काटा जाएगा साथ ही नोटिस देकर संबधित के विरूद्ध आगे की कार्यवाही संस्थित की जाएगी।

यहां डीपीसी शिरोमणी दुबे ने बीते रोज कोलारस के बीआरसीसी कार्यालय सहित करीब आधा दर्जन स्कूलों का निरीक्षण किया। निरीक्षण में कई स्कूलों में शिक्षक नदारत मिले तो कहीं घटिया निर्माण कार्य सामने आए। उसके बाद डीपीसी ने लापरवाहों के खिलाफ वेतन रोकने के साथ अनुशासनात्मक कार्रवाई की।

प्राप्त जानकारी के अनुसार पिछले कुछ समय से कोलारस अनुविभाग में संचालित शासकीय स्कूलों में शिक्षकों के नदारत रहने सहित स्कूलों के घटिया निर्माण की शिकायतें डीपीसी शिरोमणी दुबे को मिल रही थी। जिस पर मंगलवार को डीपीसी दुबे ने कोलारस पहुंचकर बीआरसीसी कार्यालय सहित कई स्कूलों का औचक निरीक्षण किया। जिसमें प्राथमिक विद्यालय गुगवारा में सहायक अध्यापक सुरेश राठौर एवं नेहा शर्मा गैरहाजिर मिले उनके विरूद्ध कार्रवाई करते हुए श्री दुबे ने 15-15 दिन का वेतन काटने के निर्देश दिए। वहीं प्राथमिक विद्यालय बेहटरा में दो शौचालयों का निर्माण घटिया स्तर का पाया गया। शाला के प्रभारी को तीन दिन में उसे दुरूस्त कराने के निर्देश दिए और कहा कि अगर तीन दिन में ये दुरूस्त नहीं कराए गए तो खर्च की गई राशि की बसूली की कार्रवाई की जाएगी। प्राथमिक विद्यालय मोहरा में अब न तो एबीएल कक्ष का निर्माण कराया गया है और न ही एबीएल कक्षाएं संचालित पाईं गईं। जिस पर शाला प्रधानाध्यपक रामेश्वर भार्गव की एक वेतनवृद्धि रोकने की कार्रवाई की गई है। वहीं प्राथमिक विद्यालय राई में छात्रों की उपस्थिति कम पाई जाने पर डीपीसी ने नाराजगी जाहिर की। उसके बाद श्री दुबे ने बीआरसीसी कार्यालय कोलारस का भी निरीक्षण किया। जहां लेखापाल अनिल शरीन ने उपस्थिति रजिस्ट्रर में हस्ताक्षर तो किए लेकिन वह नदारत मिले। इस पर श्री दुबे ने लेखापाल अनिल शरीन की तत्काल प्रभाव से वेतन बंद करने की कार्रवाई की।