ये साहब दो साल से स्लीपिंग मोड पर हैं

शिवपुरी। फोटो देखकर अब पहचान गए होंगे ये चेहरा है शहरी विकास अभिकरण शिवपुरी के जिला परियोजना अधिकारी डी.डी. कैथल साहब, साहब के विभाग का मुख्य कार्य है शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले लोगों को शासन द्वारा चलाई जा रहीं जनहितैषी योजनाओं का लाभ इन गरीबों को पहुंचायें। परन्तु साहब को तो पिछले दो साल से कार्यालय में सो रहे हैं।

ऐसा हम नहीं कह रहे साहब के खिलाफ जनशिकायत निवारण में एक शिकायत अजय सिंह कुशवाह विवेकानंद कॉलोनी शिवपुरी द्वारा की गई है। इस शिकायत में साहब पर मुख्यत: यह आरोप है कि दो वर्ष से शासन की गरीबों उन्मुखी योजना न करने वाव्त, इस शिकायत का मतलब तो यहीं है। जो साहब के विभाग का मुख्य कार्य गरीबी से नीचे जीवन यापन करने वाली योजनाओं को इन्होंने संचालित ही नहीं किया।

पढि़ए क्या शिकायत की इन साहब की अजय सिंह कुशवाह ने


पीजी क्रमांक 184458/2012/99 के अनुसार शहरी क्षेत्र  में गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले लोगों को तकनीकी कौशल का प्रशिक्षण देकर उन्हें स्वरोजगार के माध्यम से जीविकोपार्जन उपलब्ध कराने में सहायक केन्द्र एवं राज्य सरकार द्वारा संयुक्त रूप से संचालित स्वर्ण जयंती शहरी रोजगार योजना को पिछले दो वर्ष से जिला शिवपुरी क्रियान्वित नहीं किया जा रहा है।

यह योजना जिले के शहरी विकास अभिकरण विभाग के माध्यम से संचालित की जाती है। वर्ष 2011-12 में शिवपुरी जिले हेतु इस योजनांतर्गत लगभग 600 प्रशिक्षणार्थियों को योजना का लाभ देने के निर्देश शासन द्वारा दिए गए थे। यह योजना मार्च 2012 तक संपन्न की जानी थी। योजना हेतु आवेदन पत्र जिले के नगरीय निकायों द्वारा आमंत्रित किए गए थे।

दर्जनों आवेदन नगरीय निकायों को प्राप्त हुए केवल शिवपुरी नगर पालिका में ही लगभग 12 समितियों द्वारा आवेदन प्रस्तुत किए गए। आवेदक समितियों से 20000 रूपए अमानत राशि तथ्ज्ञा 500 रूपए आवेदन शुल्क के रूप में जमा कराये गए। नगरीय निकायों द्वारा प्राप्त आवेदनों पर प्रस्ताव तैयार कर शहरी विकास अभिकरण शिवपुरी डी.डी. कैथल द्वारा घोर लापरवाही एवं हठधर्मिता का प्रदर्शन करते हुए इस योजना को निर्धारित समयावधि बीतने के बावजूद योजना क्रियान्वित नहीं की गई।

शासन द्वारा योजना क्रियान्वित करने हेतु कुछ समयावधि बढाई गई किन्तु श्री कैथल द्वारा फिर भी योजना संचालित करने में गंभीरता नहीं दिखाई। इस प्रकार शासन द्वारा गरीबों को रोजगारोन्मुखी योजना का लाभ लेने में गरीबी रेखा के नीचे डूडा के अदूरदर्शिता पूर्ण रवैये के चलते हुआ है। अत: श्रीमान से निवेदन है कि ऐसे लापरवाह एवं अदूरदर्शीय अधिकारी के विरूद्ध संभाग आयुक्त अथवा जिलाधीश स्तर के अधिकारी से जांच पड़ताल कर कठोर दण्ड देने की कृपा करें।